Relationship Management

ज़िम्मेदारी से निभाएंगे ड्यूटी, तो बनी रहेगी रिश्तों की ब्यूटी (Smart Ways To Maintain The Beauty Of A Relationship)

रिश्ते अपने आप में खूबसूरत होते हैं और इनकी खूबसूरती छिपी है इनके बंधनों में, इनकी ज़िम्मेदारियों में और इनसे जुड़ी खट्टी-मीठीशिकायतों में. लेकिन अक्सर हम इन चीजों को भूलकर सिर्फ़ इनको बोझ समझने लगते हैं जिससे रिश्तों में नकारात्मकता आ जाती हैऔर इनकी ब्यूटी खोने लगती है.  बेहतर होगा रिश्तों से जुड़ी ज़िम्मेदारियों को बोझ न समझकर उनको प्यार से निभाएं. यही सोच आपके रिश्ते को खूबसूरत बनाएगी. रिश्तों को लेकर यथार्थ में जीएं. ख़्वाबों की दुनिया में न रहें. रिश्ते अपने साथ खूबसूरती लाते हैं लेकिन उनसे जुड़ी कई जिम्मेदारियां भी होती हैं. अपनी इन ज़िम्मेदारियों को समझदारी और प्यार से निभाएं. सिर्फ़ आप ही नहीं घर में सभी को अपनी जिम्मेदारियां समझनी ज़रूरी हैं. बेहतर होगा आप सभी अपनी-अपनी ड्यूटी बांट लें ताकि किसी एक पर बोझ न पड़े. लेकिन मात्र ड्यूटी बांटने से काम नहीं चलेगा, इन ड्यूटी को ज़िम्मेदारी से निभाना भी उतना ही ज़रूरी है. ये तभी संभव है जब आप सकारात्मक सोच और पूरे मन से अपने रिश्तों के साथ-साथ उनसे जुड़ी ज़िम्मेदारियों को भी अपनाएं. हर रिश्ते में एडजेस्टमेंट होते हैं. आप अकेले नहीं हैं, इसलिए ये सोचना कि अरे मेरी पड़ोसन को देखो कितनी लकी है, रोज़ नईसाड़ी पहनती है, बड़ी गाड़ी है… और घर में सास-ससुर भी नहीं. वो तो ऐश करती है. काश मेरी भी लाइफ़ ऐसी ही होती… वहीं आपकी पड़ोसन ये सोचती है कि कितनी लकी हैं ये. घर में बड़े-बुज़ुर्ग हैं… भरा-पूरा परिवार है. अपनों का साथ है… येअकेलापन तो नहीं जो मेरी ज़िंदगी में है… काश मेरी भी ऐसी ही फ़ैमिली होती… एक बात याद रखिए ख़ुशियां सिर्फ़ सुख-सुविधा या पैसों में ही नहीं होती… प्यार और अपनेपन से उपजती है ख़ुशियां. आपके सिर पर कई जिम्मेदारियां हैं लेकिन ये न सोचें कि अकेले रहने या ज़्यादा पैसा होने पर जिम्मेदारियां या मुश्किलें नहींआतीं. आपकी पड़ोसन अकेले रहती है लेकिन आपने ये भी तो नोटिस किया होगा कि सारे काम भी वो अकेले करती है- बैंक, पोस्टऑफ़िस, ऑफ़िस वर्क से लेकर बाकी सब उसको अकेले करने पड़ते हैं क्योंकि उसके पति तो अक्सर टूर पर रहते हैं. एक बात मानकर चलें कि काम और जिम्मेदारियों से आप बच नहीं सकते, इसलिए रो-रोकर दुखी मन से कुढ़कर करने से बेहतरहै उनको ख़ुशी-ख़ुशी निभाएं. सिर्फ़ महिलाएं ही नहीं, पुरुषों पर भी यही बात और नियम लागू होते हैं कि अगर परिवार है तो काम व जिम्मेदारियां भी होंगी तोबेहतर होगा अपने पार्टनर ब अन्य घरवालों के साथ कदम से कदम मिलाकर काम करें जिससे बोझ का एहसास कम होगा औरआपका मूड भी लाइट रहेगा.रिश्तों की खूबसूरती अपनेपन में ही है. रिश्तों को खूबसूरत बनाए रखने के लिए अपना अहं, क्रोध और ईर्ष्या जैसी भावनाओं सेऊपर उठना ज़रूरी है. गलती हो जाने पर सॉरी कह देने से आप छोटे नहीं होंगे. घर के काम में पत्नी का हाथ बंटाने से आप जोरू के ग़ुलाम नहीं बन जाएंगे. पत्नी की सलाह लेने से आपका पुरुषत्व कम नहीं हो जाएगा. ऑफ़िस से आने के बाद अपना सामान अपनी जगह पर रखने से, अपने कपड़े खुद निकालकर पहनने से और अपने जूतों को खुदपॉलिश करने से आप किसी पर एहसान नहीं करेंगे, बल्कि अपना ही काम करके ज़िम्मेदार बनेंगे और अपना काम अपनी पत्नी याघर की अन्य स्त्री के भरोसे न छोड़ने पर आप उनकी मदद ही करेंगे, क्योंकि इससे उनकी ड्यूटी थोड़ी कम हो जाएगी और वो ख़ुशहोंगी आपको यूं ज़िम्मेदार बनता देख. अक्सर घरों में देखा गया है कि जब भी कोई पुरुष बाहर से आता है तो घर की लड़कियां व महिलाएं उसकी सेवा-पानी में जुटजाती हैं. इसमें कोई बुराई भी नहीं, क्योंकि कोई बाहर से थका-हारा आता है तो उसे चाय-पानी पिलाकर रिलैक्स करना अच्छीबात है, लेकिन जब कोई महिला बाहर से आती है तो उसे कोई पानी की भी नहीं पूछता… ये घर में मौजूद सदस्यों की ड्यूटी वज़िम्मेदारी है, फिर चाहे वो पुरुष हो या महिला कि वो उनको चाय-पानी पिलाकर थोड़ा रेस्ट करने का मौक़ा दें. अगर घर में कोई मेहमान आ जाए तो सभी को मिल-जुलकर काम करना चाहिए और घर के बड़ों को मेहमानों के साथ वक्तगुजरना चाहिए. अगर ननद की सहेली आई है तो देवर और भाभी को काम का मोर्चा सम्भालकर ननद को सहेली संग वक्त चिल करने देना चाहिएऔर अगर भाभी की सहेली आई है तो ननद और देवर को भाभी की ज़िम्मेदारी बांट लेनी चाहिए.अगर सभी लोग पोज़िटिविटी के साथ अपनी ड्यूटी व ज़िम्मेदारियों के प्रति थोड़े फ़्लेक्सिबल होकर ख़ुशी-ख़ुशी काम करें तोरिश्तों की खूबसूरती और बढ़ जाती है. ये न सोचें कि शाम की चाय तो भाभी ही बनाएगी, अगर भाभी को सर्दी-ज़ुकाम हुआ है और वो रेस्ट कर रही है तो आप उनकोअदरक वाली चाय बनाकर पिला दें. इससे वो भी दो कदम आगे बढ़कर आपका साथ देगी. संडे को सबको आराम और छुट्टी का हक़ होता है लेकिन मां का क्या? वो तो लगातार काम करती है और संडे तो और काम बढ़जाता है क्योंकि सबको कुछ न कुछ स्पेशल खाना होता है… क्यों न हर संडे को स्पेशल बनाने के लिए एक ग्रुप बना दिया जाएऔर मां को उस दिन आराम दिया जाए? घर के पुरुष एक संडे कुछ ख़ास बनाकर खिलाएं, इसी तरह घर के युवा किसी एक संडे को कुछ मॉडर्न स्टाइल फ़ूड बनाकरखिलाएं और मां व भाभी को आराम से एंजॉय करने दिया जाए.इस तरह हर संडे को आप अपनी ड्यूटी व ज़िम्मेदारी टर्न बाय टर्न पूरी कर सकते हैं. इससे चेंज भी मिलेगा और ख़ुशियां भी. किसी एक संडे को सभी बाहर डिनर या लंच या मूवी का प्लान रखें.इसी तरह महिलाओं को भी चाहिए कि वो पेपर वर्क, बैंक या पोस्ट ऑफ़िस के काम के लिए सिर्फ़ पुरूषों पर निर्भर न रहें और नये सोच बना लें कि अरे ये काम तो मर्दों का होता है. सबको सब काम आने चाहिएं और अगर आप ये अपेक्षा रखती हैं कि पुरुषघर के काम में मदद करें तो कभी-कभार इमर्जेन्सी में आपको भी बाहर के कामों में उनकी मदद करनी चाहिए.आपसी सहयोग से ही काम होते हैं. वैसे भी आजकल डिजिटल वर्ल्ड में ये सब काम भी बेहद आसान हो गए हैं. टेक्नॉलोजी कोनज़र अंदाज़ न करें, अपडेटेड रहें.आप अपनी ड्यूटी से भाग नहीं सकते इसलिए रोज़ उनका रोना रोने की बजाए ड्यूटी में भी ब्यूटी देखें. उनको इस तरह रोल करकेएक्साइटिंग बनाएं.रिश्ते फ़िल्मी दुनिया की तरह नहीं होते लेकिन उनको किसी पारिवारिक फ़िल्म की तरह रोचक व रंगीन ज़रूर बनाया जा सकताहै, बशर्ते आप हक़ीक़त में जीएं और सच को अपनाएं. खूबसूरती से निभाए गई जिम्मेदारियां आपके रिश्ते को भी ब्यूटीफुल बनाएगी. शिकवे-शिकायत अपनी जगह हैं लेकिन हमेशा कम्प्लेन बॉक्स बनकर न घूमें, सबके ईमानदारी से किए प्रयासों को सराहें औरउनमें खूबियां भी देखें, अगर किसी से कोई गलती भी हो जाए तो उसे अपराधी न महसूस कराएं बल्कि यही समझाएं कि ये किसीसे भी हो सकता है… यही अपनापन है जो आपके रिश्तों को भी सुंदर बनाएगा. पिंकी शर्मा

January 25, 2023

इस मॉनसून अपने रिश्तों को भी बनाएं लीक प्रूफ… (Get Romantic With Your Partner In The Rains: Make your Relationship Leak Proof This Monsoon)

भीगते मौसम में रिश्तों की गर्माहट और सुहानी लगती है लेकिन वक़्त के साथ-साथ रिश्ते ठंडे पड़ते जाते हैं और उनकी गर्माहट खोने लगती है. तो क्यों न इस बारिश में अपने रिश्तों की खोई गर्माहट वापस पाने की कोशिश करें और बनाएं उनको लीक प्रूफ ताकि वो बने रहें मज़बूत और टिकाऊ. रिश्तों को बचाएं इन दरारों और दीमकों से और प्यार से सींचें अपने रिश्तों को  ईगो में न डूबने दें अपने रिश्तों को: रिश्तों में हमेशा प्यार और अपनापन ज़रूरी होता है, लेकिन हम अपने अहम के चलते उनको कमज़ोर और खोखला बना देते हैं. रिश्ते लीकप्रूफ तभी होंगे जब हम झुककर चलेंगे. अपनों की ख़ातिर झुकने में आख़िर बुराई ही क्या है? गलती न होने पर भी अगर एक सॉरी कह देने से काम बनता है तो हर्ज़ ही क्या है? अपनों को कभी-कभार थैंक यू कह देने से उनके चेहरों पर मुस्कान खिल जाती है तो कह देने में भी भलाई है. ईगो आपको सिर्फ़ अहंकारी और तनहा ही करेगा. बेहतर होगा इसे रिश्तों में पनपने न दें. क्या करें: अपनों की ख़ुशी में खुद भी खुश होकर देखें. ज़िंदगी हल्की और आसान लगेगी. खुद को सबसे श्रेष्ठ और दूसरों को कम आंकने का भ्रम मन में न पालें. इंसानी कमज़ोरियां सभी में होती हैं और आप व आपके अपने भी इससे अछूते नहीं. हर बार आपकी ही बात सही है और वो ही फ़ाइनल है इस सोच से उबरें. दूसरों की सोच, उनके सुझाव व निर्णयों को भी महत्व दें. क्रोध की आंधी से बचाएं अपने रिलेशनशिप को: ग़ुस्सा इंसानी स्वभाव का हिस्सा है और ये स्वाभाविक है लेकिन ग़ुस्से मेंअपने रिश्तों को नुक़सान पहुंचाने से हमेशा बचें. कभी वाद-विवाद में ऐसी कोई बात न कह दें जिससे सामने वाला हर्ट हो जाए और ग़ुस्से में कही कोई छोटी सी बात हमेशा के लिए मन में घर कर जाए. वक़्त के साथ यही छोटी सी बात रिश्तों में सुराख़ कर सकती है, इसलिए बेहतर होगा कि उसे लीकेज से बचाया जाए. क्या करें: जब कभी झगड़ा या विवाद हो तो दिमाग़ ठंडा रखने की कोशिश करें और अपना आपा न खोएं. बेहतर होगा किउस वक़्त कम बोलें और अपना ध्यान अन्य बात या काम पर लगाएं. जब मन शांत हो जाए तब अपने विवादों को सुलझाएं. क्योंकि क्रोध में चीज़ें अलग दिखती हैं और सच्चाई कोसों दूर. जब दिमाग़ ठंडा हो जाता है तब पता चलता है कि ये तो ज़रा सी बात थी जिस पर हम बेवजह आग-बबूला हो रहे थे. अविश्वास के झोंकों को हावी न होने दें: किसी भी बात को लेकर अविश्वास पैदा हो तो उसे फ़ौरन बातचीत से दूर कर लें क्योंकि एक बार ये मन में घर कर जाए तो यही अविश्वास धीरे-धीरे शक बन जाता है और जैसाकि कहते हैं शक का तोकोई इलाज होता ही नहीं है. बेहतर होगा समय रहते इस अविश्वास को दूर करें और भरोसा करना सीखें. क्या करें: बात करें, अपने मन की शंकाओं को डिसकस करें और एक ही दिशा में अपनी सोच के घोड़े न दौड़ाएं. शेयर करें क्योंकि शेयरिंग से ही केयरिंग बढ़ती है और शक-शंकाएं दूर होती हैं.  धोखे के तूफ़ान से रिश्तों को ख़राब न करें: धोखा किसी भी तरह का हो सकता है. ज़रूरी नहीं कि एक्स्ट्रा मैरिटल अफ़ेयर ही हो, पैसों को लेकर या झूठ बोलना भी एक तरह का धोखा ही है. रिश्तों में चीटिंग की कोई जगह नहीं होती. क्या करें: बस धोखा न दें. झूठ और फ़रेब न करें. रिश्तों की बुनियाद सच्चाई पर ही टिकी होती है. सच चाहे जितना कड़वा हो कभी रिश्तों में उसे छिपाएं नहीं. पैसों को भी कभी अपने रिश्तों व उनकी सच्चाई पर हावी न होने दें. अपनी समस्या और अपना मन अपनों के साथ बांटें इससे रिश्ते मज़बूत होंगे. किसी बाहरवाले से कोई बात पता चले और आप झूठे साबित हों उससे बेहतर है खुद ही सच का सामना करें.  ईर्ष्या के सैलाब को समय रहते पहचानें: अपनों से भला कैसी जलन? लेकिन अक्सर साथ रहते-रहते ये भावना खुद ब खुद पैदा हो जाती है और हमें नकारात्मक बनाने लगती है. अपनों की ही तारीफ़ और उनकी कामयाबी हमसे बर्दाश्त नहीं होती और हम कुढ़ने लगते हैं.  क्या करें: अपनों में अपनी झलक देखें. उनके हुनर को सराहें और कामयाबी में खुद की कामयाबी को देखें. रिश्तों का तोमतलब ही यही होता है. कभी किसी और के सामने अपनों को नीचा दिखाने, ताने देने या उनको कमतर दर्शाने की कोशिशन करें. उनकी कमज़ोरियों को बाहर लाकर खुद को बेहतर साबित करना आपके रिश्ते की नींव को खोखला ही करेगा.  इस मॉनसून ऐसा क्या करें कि रिश्ते लीकप्रूफ़ हो जाएं?  सबसे पहले इस रोमांटिक मौसम में अपने रिश्तों में रोमांच और रोमांस वापस लाकर उस पर प्यार की सील लगाएं.अपनी सेक्स लाइफ़ रिवाइव करें. अपनी ज़िंदगी से बोरियत हटाएं और ताज़गी लाएं.छोटे-छोटे एफ़र्ट्स लें. बारिश में एक साथ भीगने का आनंद उठाएं.साथ बेठकर चाय-पकौड़े खाएं. जोक्स सुनाएं. पुरानी यादों को ताज़ा करें.ड्राइव पर भी जा सकते हैं.डिजिटल लाइफ़ से थोड़ा ब्रेक लें और रियल वर्ल्ड में ज़्यादा वक़्त बिताएं.बारिश के गाने सुनें और सुनाएं. बरसात के गानों पर अंताक्षरी भी खेली जा सकती है.अपने अन्य रिश्तों में भी केयरिंग का डोज़ बढ़ाएं और उन्हें लीकप्रूफ़ बनाएं. बस इतना ही काफ़ी है बरसात के इस प्यारे मौसम को और भी प्यारा और प्यार भरा बनाने के लिए. गीता शर्मा 

July 21, 2022

अपने रिश्ते से दूर करेंगे स्ट्रेस, तो रिश्ता बनेगा बेस्ट (Smart & Simple Ways To De-Stress Your Relationship)

रिश्ते हमारी ताक़त होते हैं लेकिन कई बार यही हमारी कमजोरी भी बन जाते हैं. फिर भी रिश्ते कहीं न कहीं हमें सहारा देतेहैं और ख़ासतौर से पति-पत्नी का रिश्ता तो उम्र भर का साथ और सहारा होता है, लेकिन अक्सर वक़्त के साथ रिश्तों कीडोर ढीली पड़ जाती है, क्योंकि हम खुद ही अपने रिश्तों के प्रति बेपरवाह हो जाते हैं और उनको तनावपूर्ण बना लेते हैं. बेहतर होगा कि अपने रिश्ते से ये तनाव और स्ट्रेस दूर करें ताकि आपका रिश्ता हमेशा मज़बूत और फ्रेश बना रहे. आइएजानते हैं रिश्ते में क्या और कैसे स्ट्रेस होते हैं और उनको कैसे दूर किया जाए… परफेक्ट बने रहने का स्ट्रेस: हम सभी चाहते हैं कि हम परफेक्ट बनें और हर काम परफेक्शन के साथ करें लेकिन हम येक्यों भूल जाते हैं कि आख़िर हम सब इंसान ही तो हैं और कोई भी इंसान परफेक्ट नहीं होता. सबकी कुछ कमज़ोरियांहोती ही हैं, इसलिए न आप खुद से और न ही अपने पार्टनर से परफेक्ट होने की उम्मीद करें, क्योंकि परफेक्शन का येस्ट्रेस आप दोनों पर ही भारी पड़ेगा.  सारे काम खुद करने का स्ट्रेस: अक्सर हमारे समाज में लिंग के आधार पर काम को बांटा जाता है कि ये काम महिलाओंका ही है और ये पुरुषों का, लेकिन अब जब लाइफ़स्टाइल इतनी बदल चुकी है तो ये नियम क्यों न बदला जाए?  बेहतरतो यही होगा कि आप अपनी-अपनी सुविधानुसार अपने काम और जिम्मेदारियां बांट लें. चाहे बच्चों की पढ़ाई हो या खानाबनाने से लेकर घर के अन्य काम, सभी सदस्य मिलकर एक टाइम टेबल बना लें और मिल-जुलकर काम करें.  हमेशा अट्रैक्टिव दिखने का स्ट्रेस: उम्र और हालात के अनुसार शरीर बदलता और ढलता है लेकिन कोशिश ये होनी चाहिएकि आकर्षक दिखने की बजाय हेल्दी और फिट बने रहने का प्रयास करें. ग्रेसफुली खुद को और अपने रिश्ते को हैंडल करें. अपने पार्टनर को कभी इस तरह की बातें न कहें कि उसे देखो इस उम्र में भी कितनी अट्रैक्टिव है… इसकी बजाय आप दोनोंएक-दूसरे को फिट बने रहने के लिए प्रोत्साहित करें. न तो अपनी पत्नी से ये उम्मीद करें कि वो हमेशा नई-नवेली दुल्हनकी तरह सजी-धजी रहे और न पत्नी ये उम्मीद करे कि उनके पति हमेशा फ्रेश और रोमांटिक नज़र आएं. अपने पार्टनर्स केकैज़ुअल लुक्स को भी ऐक्सेप्ट करें. क्योंकि आप दोनों का रिश्ता एक वक़्त के बाद उस स्तर पर खुद ब खुद पहुंच जानाचाहिए जहां शरीर और लुक्स मायने ही न रखे बल्कि आप दोनों एक-दूसरे के साथ हर तरह से सहज महसूस करें. बड़ी-बड़ी अपेक्षाओं का स्ट्रेस: सपनों को नींदों में ही रहने दें तो बेहतर होगा क्योंकि न तो सारे सपने पूरे होते हैं और न हीसारी हसरतें मुकम्मल हो पाती हैं. इस अधूरेपन को स्ट्रेस न बनाकर ज़िंदगी की हक़ीक़त के तौर पर स्वीकार लें और एंजॉयकरें. फ़िल्मी दुनिया में जीना छोड़कर यथार्थ को बेहतर बनाने पर ध्यान दें. बड़ी गाड़ी, महंगे शौक़, दूसरों की देखा-देखीवैसी ही लाइफ़ स्टाइल जीने की हसरत को अपने रिश्ते पर हावी न होने दें.  इमेज कॉन्शियस यानी अच्छी इमेज बनाए रखने का स्ट्रेस: एक अच्छी बहू, अच्छी मां, अच्छी बीवी या एक बेस्ट पति, बातफादर, बेस्ट सन बने रहने का प्रेशर आपको बेस्ट से कहीं वर्स्ट न बना दे. आपसे भी ग़लतियां हो सकती हैं. आपको भीकभी-कभी ग़ुस्सा आ सकता है, आप भी कभी-कभार ओवर रिएक्ट कर सकते हैं… ये सब मानव सुलभ कमज़ोरियां यास्वभाव है. आप हमेशा हंसते हुए ही दिखें ये ज़रूरी नहीं, लेकिन अक्सर लोग अपनी तकलीफ़ों को छिपाने की कोशिशकरते हैं. बेहतर होगा उनको बांट लें, शेयर करें, ऑफ़िस में कुछ हुआ हो तो घर पर शेयर करके ग़ुबार निकाल लें. स्ट्रॉन्ग बने या दिखने का स्ट्रेस: आप पुरुष हो, आप कभी कमजोर नहीं पड़ सकते, आप कभी रो नहीं सकते या आप कभीटूट नहीं सकते… इन बातों का बोझ अपने ऊपर और अपने रिश्तों पर न पड़ने दें. आप भी कमजोर पड़ सकते हैं… अपनों सेअपने दिल की बातें छिपाएं नहीं ये सोचकर कि वो क्या सोचेंगे, बल्कि उनके सामने अपना दिल खोलकर रख दें ताकि वोआपका साथ भी दें और आप भी और भरोसा भी करें… इसी तरह आप पत्नी हो, बहू हो या बेटी हो इसलिए आप कभीकिसी को ना नाहीं कह सकतीं, इस सोच के साथ कभी आगे न बढ़ें. अगर आप थकी हुई हैं, आपका मन नहीं है या आपअस्वस्थ महसूस कर रही हैं तो आप पति को सेक्स के लिए ना बोल सकती हैं, आप घरवालों को अपनी तबियत बताकरघर के कुछ काम या खाना बनाने के लिए ना कह सकती हैं, आप आराम करना चाहती हैं ये कह सकती हैं… विनम्रतापूर्वकऔर प्यार व भरोसे से कहेंगी तो सब आपका साथ देंगे. हां, काम से बचने का बहाना करेंगी तो वो भी सब समझ जाएंगे. रिश्तों में सच्चाई और ईमानदारी बेहद ज़रूरी है. पैसों को लेकर स्ट्रेस: रिश्तों में आपका प्यार और विश्वास ही आपकी सबसे बड़ी बचत है इसलिए पैसों को लेकर सतर्कज़रूर रहें पर स्वार्थी न बनें. घर की ज़िम्मेदारियों में सहयोग करें और अपने भविष्य के लिए भी निवेश ज़रूर करें लेकिनअपना सारा पैसा बचाने की तरकीबें करेंगे तो सिर्फ़ स्ट्रेस ही हाथ आएगा और हाथ से जाएगा वो होगा रिश्तों का प्यार, विश्वास और अपनों का साथ. बेहतर होगा कि इन तमाम तरह के स्ट्रेस से अपने रिश्ते को बचाएं और उसे बेस्ट बनाएं.  परी शर्मा 

July 1, 2022

सर्द पड़ते रिश्ते गर्म होते मिज़ाज… (Modern Relationship Challenges: Why Do Relationships Fail Nowadays)

माना तो यही जाता है कि रिश्तों की गर्मी बनी रहनी चाहिए तभी वो ऊर्जावान रहते हैं, लेकिन अक्सर होता ये है कि वक़्तऔर बदलते हालात रिश्तों को ठंडा कर देते हैं और हमारे मिज़ाज को गर्म… यही गर्म मिज़ाज रिश्तों को और ठंडा करतेजाते हैं… पर ऐसा होता क्यों है और कैसे अपने ठंडे  पड़ते रिश्तों को अपने गर्म मिज़ाज को ठंडा रखकर बचाया जासकता, इस पर काम करना ज़रूरी है…  सबसे पहले तो ये समझना होगा और उन संकेतों को पहचानना होगा जिनसे पता चले कि आपके रिश्ते सर्द पड़ रहे हैं?  क्या अब आप लोगों में कम्यूनिकेशन कम होता है? आपका शायद ध्यान ही न गया हो इस तरफ़ लेकिन एक दिनबैठकर फुर्सत से सोचें और लिस्ट बनाएं कि पहले के मुक़ाबले अब क्या-क्या बदला है…एक-दूसरे की परवाह तो है पर फिर भी एक-दूजे के प्रति बेपरवाह से हो गए हैं.न पहले की तरह तारीफ़ें होती हैं और न प्यारभरी बातें…सेक्स लाइफ़ में भी अब पहले जैसा आकर्षण और रोमांस नहीं रहा…  ये तो थी पति-पत्नी के बीच की बातें लेकिन ये ठंडापन इन दिनों हर रिश्ते में पनप रहा है…  भाई-बहन में अब पहले जैसा अपनापन नहीं रहा.माता-पिता के साथ कोई रहना नहीं चाहता क्योंकि अब वो बूढ़े हो चले हैं.किसी के पास फुर्सत नहीं कि घर के बुज़ुर्गों के पास आकर दो पल बैठे और उनका हाल-चाल पूछे. दूर के रिश्तेदार हों या करीबी भी फ़ोन पर भी बात करने का समय नहीं निकाल पाते लोग. न पोते-पोतियों को अपनेदादा-दादी से बात करने में दिलचस्पी है, न भतीजा-भतीजी को अपने बुआ का हाल चाल पूछने की ज़रूरत महसूसहोती.इस तरह के तमाम उदाहरण हमें रोज़ देखने-सुनने को मिल जाते हैं.  अब सवाल ये है कि आख़िर रिश्ते सर्द क्यों पड़ रहे हैं…? स्वार्थ अपनेपन पर हावी हो गया है.प्यार की जगह पैसों ने ले ली है.सबके साथ बैठकर फुर्सत के पल गुज़ारने से कहीं ज़्यादा ज़रूरी ऑफ़िस की डेडलाइंस हो गई हैं.सेक्स महज़ मशीनी प्रक्रिया और जिस्म की ज़रूरत बनकर रह गया. पार्टनर की भावनाओं को समझने से ज़्यादा ज़रूरी अब कामयाबी हो गई है… बूढ़ी दादी की बात सुनना तो वेस्ट ऑफ़ टाइम है, समय से दोस्तों की पार्टी में पहुंचना ज़्यादा ज़रूरी है.पिता को दवा तो मां भी दिलाकर ला सकती है, बहूरानी के लिए मॉल की वीकेंड सेल ज़्यादा मायने रखती है.लेकिन क्यों हमारा नज़रिया रिश्तों के प्रति बदल गया या यूं कहें कि इतना कठोर हो गया?  इसकी एक बड़ी वजह हैहमारा मिज़ाज… जो अब बदल गया है… गर्म हो गया है… क्यों गर्म हो रहे हैं हमारे मिज़ाज? हम अब एडजेस्टमेंट नहीं करना चाहते अब, क्योंकि हम आज़ादपसंद हो गए हैं.हमारी लाइफ़स्टाइल बदल चुकी है, जीने के तौर-तरीक़े बदल गए हैं.ऐसे में ज़रा सी टोका-टोकी या किसी ने ये भी पूछ लिया कि कहां जा रहे हो… या आज आने में देर कैसे हो गई… हमें बर्दाश्त नहीं होतीं… हमें फ़ौरन ग़ुस्सा आ जाता है.हमारा गर्म मिज़ाज हमको ये सोचने का तर्क ही नहीं दे पाता कि हमारे अपनों को हमारी फ़िक्र है, परवाह है, इसलिएवो फ़िक्रमंद रहते हैं और सवाल करते हैं.काम का स्ट्रेस, आगे बढ़ने की होड़ और इस फ़ास्ट लाइफ़स्टाइल ने हमारे मिज़ाज को और भी गर्म बना दिया औरहमारे रिश्तों को सर्द.काम का प्रेशर, शौहरत और पैसा कमाने का प्रेशर, यंग और फिट दिखने का प्रेशर, लक्ज़री लाइफ़ जीने का प्रेशर, महंगी गाड़ी से लेकर ब्रांडेड कपड़े पहनने का प्रेशर… ये तमाम ख्वाहिशें अब हमारी ज़रूरतें बन चुकी हैं और इनकोपूरा करने में जब हम पूरी तरह कामयाब नहीं हो पाते तब भी मिज़ाज गर्म रहने लगता है. और अगर ये सब मिल भी जाए तब भी इतना कुछ करते-करते हम अपनी कोमलता खो चुके होते हैं, अपनों से औरअपने रिश्तों से दूर हो चुके होते हैं. इसके अलावा व्यसन, लत, नशा… चाहे पैसों का हो, कामयाबी का हो, शराब या सिगरेट का हो… ये हमारे मिज़ाजको ठंडा होने देता… लेकिन ये नशा रिश्तों को लेकर हम पैदा क्यों नहीं करते…? हमारा खान-पान भी ऐसा हो गया है कि हमें हाइपर एक्टिव बना रहा है. अनहेल्दी लाइफ़स्टाइल से लेकर अनहेल्दीखानपान हमारे मिज़ाज को बिगाड़ रहा है. कैसे बढ़ाएं अपने रिश्तों में गर्मी और कैसे रखें अपना मिज़ाज ठंडा? संतुष्ट और सुकून को पैसे और शौहरत से ज़्यादा महत्व देने का प्रयास करें, कोशिश करेंगे तो कामयाबी ज़रूरमिलेगी.रिश्तों को प्राथमिकता बनाएं.अपनों को वक़्त दें. पैसों के पीछे भागना बंद कर दें. हॉबी डेवलप करें.डायट बदलें.योगा और मेडिटेशन ज़रूर करें, साथ ही लाइट एक्सरसाइज़ या वॉक करें. इससे ब्रेन में हैप्पी होर्मोंस रिलीज़ होंगेऔर आप पॉज़िटिव बनेंगे.ज़िंदगी के प्रति अपना नज़रिया बदलें.पॉज़िटिव सोच के साथ हर काम करें और कोशिश करें कि वर्क लाइफ़ और पर्सनल लाइफ़ में संतुलन बना सकें. पार्टनर की अच्छाइयों और कोशिशों को सराहें. अपनों से कनेक्टेड रहें, चाहे फ़ोन या मैसेज के ज़रिए, इससे मन को सुकून और ज़िंदगी में तसल्ली रहती है.दूसरों की मदद करें, अपनों का दर्द बांटें, क्योंकि एक वक़्त के बाद अपने और ये रिश्ते ही काम आते हैं, वर्ना ऐसा नहो कि ये गर्म मिज़ाजी आपको अपनों से इतना दूर और आपको इतना तनहा कर दे कि कहने को तो आपके पासनाम, पैसा, शौहरत तो हो लेकिन सिर रखने को कोई कंधा न हो, थामने को कोई हाथ न हो और साथ मिलकरहंसने-रोने वाला कोई हमदर्द न हो! बिट्टू शर्मा 

February 11, 2022

65+ टिप्स: रिश्ता टूटने की नौबत आने से पहले करें उसे रिफ्रेश… (Love And Romance: 65+ Simple Tips To Refresh Your Relationship)

हम अक्सर अपने सबसे करीबी रिश्तों को ही गंभीरता से नहीं लेते. एक वक़्त के बाद हम उनके प्रति लापरवाह या यूं कहेंकि बेपरवाह से हो जाते हैं और यहीं से शुरुआत होने लगती है समस्याओं की. धीरे-धीरे कम्यूनिकेशन कम होने लगता गई, नीरसता बढ़ती जाती है और एक रोज़ अचानक महसूस होता है कि रिश्ते में रहकर भी आप अकेले हैं. जब रिश्ते इसदहलीज़ तक पहुंच जाते हैं तो उनको टूटने में भी ज़्यादा वक़्त नहीं लगता. बेहतर होगा कि ऐसी नौबत ही क्यों आने दें कि रिश्ता टूटने के कगार तक पहुंच जाए. क्यों न अपने रिश्ते को हमेशातारोताज़ा बनाए रखा जाए, लेकिन उसके लिए थोड़ी सी कोशिश करनी होगी, तो इन टिप्स को आज़माएं और अपने रिश्तेको रिफ्रेश करें… रिश्ता भले ही पुराना हो गया हो, लेकिन उसमें कुछ नया हमेशा ट्राई करते रहें.रिश्ते में अगर आप नया नहीं करेंगे वो वो बोरिंग होने लगेगा. आप हर दिन जैसे बाक़ी कामों के लिए समय निकालते हैं उसी तरह अपने पार्टनर और अपने रिश्ते के लिए भी रोज़वक़्त निकालें. इस वक़्त को आप सिर्फ़ अपने और अपने पार्टनर के लिए रखें. उसमें आप चाहें तो बैठकर चाय या कॉफ़ी पिएं, बातेंकरें, दिनभर की छोटी-बड़ी घटनाओं का ज़िक्र करें. ध्यान रहे इस वक़्त में आप शिकायतें न करें, सिर्फ़ पॉज़िटिव बातें करें.शेयर करने से ही रिश्तों में भावनाएं और गर्माहट बनी रहेगी. हमेशा शिकायतें ही न करते रहें. इससे नकारात्मकता फैलती है.हंसी-मज़ाक़ करें.कॉम्प्लिमेंट दें. एक-दूसरे को छेड़ें, मूड लाइट करें.रोमांस को ज़िंदगी से ग़ायब न होने दें. छोटी-छोटी कोशिशें रिश्तों में बड़ी मज़बूती लाती है. जिस तरह पार्टनर की खूबियों को अपनाते हैं वैसे ही उसकी कमियों को भी अपनाना सीखें. अपने हिसाब से किसी को भी बदलने के लिए फ़ोर्स न करें. ना ही बात-बात पर तानें दें. एक-दूसरे को स्पेस भी दें, हमेशा सिर पर सवार न रहें.हर छोटे-बड़े फ़ैसले में पार्टनर की राय भी ज़रूर लें.वीकेंड पर पिकनिक या आउटिंग की प्लानिंग करें. इससे रूटीन में थोड़ा बदलाव और नयापन आएगा.थोड़ा-बहुत झूठ भी बोलें, एक-दूसरे की झूठी तारीफ़ भी करें. ओवर रोमांटिक होने से रिश्ते में एक ताज़गी बनी रहतीहै.एक-दूसरे को गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड की तरह ट्रीट करें न कि पति-पत्नी की तरह.गिफ़्ट्स दें, सर्प्राइज़ प्लान करें. एक साथ जॉगिंग पर जाएं या शाम को वॉक पर जाएं. कोई हॉबी क्लास जॉइन करें.हर जगह बच्चों को लेकर जाने की ज़रूरत नहीं. सिर्फ़ आप दोनों रोमांटिक डेट पर जाएं.सेकंड हनीमून भी अच्छा आइडिया है. अपने पैरेंट्स या दोस्तों को बहुत ज़्यादा अपनी निजी ज़िंदगी में दख़ल न देने दें. सुनें सबकी पर करें अपने मन की. अपने रिश्ते को लेकर हमेशा पॉज़िटिव रहें. भले ही कुछ अनबन हो जाए आपस में लेकिन उसे रिश्ते का एक अंगमानकर स्वीकार लें. अगर सॉरी या थैंक यू कहने से काम बनता है तो झिझकें नहीं.अपने रिश्ते को अपनी प्राथमिकता बनाएं, न कि अपने ईगो को. अपने पार्टनर की ख़ुशी को तवज्जो दें न कि अपने अहम की तुष्टि को.  रिश्ते में नफ़ा-नुक़सान न सोचें, रिश्ते अपने आप में हमारी सबसे पहली ख़ुशी होनी चाहिए. अगर लंच साथ नहीं कर पाते तो कोशिश करें कि ब्रेकफ़ास्ट और डिनर साथ करें. भले ही सुबह थोड़ा जल्दी उठनापड़े. जब साथ हों तो वाक़ई में साथ रहें, अपने-अपने फ़ोन से ब्रेक ले लें.कभी एक प्यारभरा किस तो कभी अपने हाथों से कुछ स्पेशल बनाकर खिलाना वो जादू कर जाता है जो बड़े से बड़ाऔर महंगा तोहफ़ा भी नहीं कर पाता.अपने रिश्ते को रिफ्रेश करने के लिए बहुत ज़रूरी है कि अपनी सेक्स लाइफ़ को भी रोमांचित और रिवाइव करें. अपने घर का माहौल लाइट और रोमांटिक रखें. बेडरूम का डेकोर भी रोमांटिक हो.सेक्स को लेकर कुछ नया करें, कभी वीकेंड में स्वीट बुक करें तो कभी घर में ही नई जगह या नई पोज़ीशन ट्राई करें.पार्टनर को ये फ़ील कराएं कि वो आज भी आपको उतना ही अट्रैक्टिव लगते हैं जितना पहले. कभी फ़ोन पर हस्की वॉइस में बात करें.आई लव यू कहें या मैसेज करें. नॉटी बातें करने से झिझकें नहीं. कभी भी ये न सोचें कि अब बच्चे बड़े हो गए या वो मिडल एज में आ गए तो रोमांस करना सही नहीं.रोमांस की कोई एज नहीं होती, आप जब तक अपना दिल जवां और मूड ज़िंदादिल रखेंगे आपका रिश्ता उतना हीफ्रेश रहेगा.अपने रिश्ते को बेहतर करने के लिए एक अच्छा ऑप्शन ये भी है कि आप एक-दूसरे की जिम्मेदारियां बांटें, ताकिपार्टनर को लगे कि आप उनका साथ निभाने और बोझ कम करने के लिए हमेशा उनके साथ हैं.इसी तरह अपने पार्टनर को हर्ट करने से बचें. कड़वा न बोलें और अगर ग़ुस्से में कुछ मुंह से निकल भी जाए तो दिमाग़ठंडा होने पर माफ़ी मांग लें. इमोशनल ब्लैकमेलिंग से बचें. ये रवैया रिश्ते में ज़हर भर देता है, क्योंकि अपनों के साथ सौदेबाज़ी नहीं की जाती. उन्हें डरा-धमकाकर अपना काम नहीं निकलवाया जाता.अगर आप ऐसा कुछ करते हैं तो फ़ौरन अपना ये ऐटिट्यूड बदल दें. रोमांटिक म्यूज़िक सुनें वो भी साथ में या पुराने ऐल्बम निकालें, तस्वीरें देख कर बीते वक़्त को रिवाइव करें. पुरानीयादें ताज़ा करें. अपने पुराने दोस्तों के साथ पार्टी रखें. पुरानी रोमांटिक सिचूएशन्स को और दिनों को रिक्रीएट करें. हाईजीन और फिटनेस का ध्यान ज़रूर रखें. ना सिर्फ़ बॉडी हाईजीन या प्राइवट पार्ट्स की बल्कि ओरल हाईजीन और फिटनेस भी उतनी ही ज़रूरी है. ये न सिर्फ़ आपको हेल्दी रखती हैं बल्कि आपके रिश्ते को भी हेल्दी और फ्रेश रखती है.पार्टनर को या उसकी बातों को इग्नोर न करें या हल्के में न लें.माइंड गेम्स या पावर गेम्स न खेलें, रिश्तों में मैनिप्युलेशन आपके रिश्ते को तोड़ सकता है. पार्टनर को कंट्रोल में करने के उपाय न सोचें बल्कि उसका साथ देने की बात पर ज़ोर दें.अक्सर घरवाले या दोस्त-रिश्तेदार भी सलाह देते हैं कि ऐसा करोगे तो पार्टनर क़ाबू में रहेगा, आपकी हर बातमानेगा… दिन-रात आपको ही याद करेगा. इन चक्करों में न पड़ें, क्योंकि आपको लाइफ़ पार्टनर चाहिए न कि कोईरोबोट या गुड्डा-गुड़िया जो आपके इशारों पर नाचे.इन सबसे भले ही थोड़े समय के लिए आपको पार्टनर का अटेंशन मिल जाए, लेकिन लंबे समय तक यह करेंगे, तोपार्टनर की दिलचस्पी आप में कम हो जाएगी. रिश्ते में ठंडापन व ग़लतफ़हमियां बढ़ेंगी. जिससे रिश्ता टूट सकता है. इसी तरह पार्टनर की तारीफ़ या कामयाबी से जलें नहीं बल्कि गर्व करें. अगर पार्टनर थका हुआ है तो सेक्स के लिए ज़ोर न दें बल्कि एक हॉट मसाज देकर उसका मूड फ्रेश कर दें.चीट न करें और झूठ बोलने से बचें, क्योंकि झूठ रिश्तों को खोखला कर देता है, जिससे पार्टनर आप पर भरोसा नहींरख पाता. अपने साथी को अपने दोस्तों व ऑफ़िस कलीग से खुलकर मिलवाएं. अपने रिश्ते से उम्मीद और अपेक्षा सभी रखते हैं लेकिन ये ध्यान रहे कि ये अपेक्षाएं अनरीयलिस्टिक न हों.संयम और विश्वास रिश्ते में बेहद ज़रूरी हैं, आपका रिश्ता तभी तक ताज़ा रहेगा जब तक कि आप संयम औरविश्वास से काम लेंगे, क्योंकि संयम होगा तो नकारात्मकता नहीं पनपेगी और विश्वास होगा तो साथ बना रहेगा.रिश्ते को रिफ्रेश करने का एक और जादुई उपाय है- टच थेरेपी. जी हां, प्यार भरी, केयर से भरपूर हल्की से छुअन भीरिश्ते को रोमांचित कर जाती है.कभी सामान पकड़ाते समय हल्के से हाथ छू लिया, कभी नज़रों से ही प्यार से ही देख कर छू लिया, कभी किचन मेंकाम करती पत्नी को पीछे से आकर अचानक कमर से पकड़ किया तो कभी काम में डूबे पतिदेव के बालों मेंउंगलियों का कोमल स्पर्श दे दिया… ये तमाम बातें रिश्तों और रिश्ते में प्यार की ताज़गी को बनाए रखती हैं.साथ रह रहे हैं तो एक-दूसरे की हेल्थ के बारे में अपडेटेड रहें, एक-दूसरे के घरवालों की भी हेल्थ का पता रखें औरज़रूरत के वक्त साथ खड़े रहें. एक-दूसरे के घरवालों का पूरा सम्मान भी करें, इसका सीधा असर आपके रिश्तों परपड़ेगा और वो पॉज़िटिव और फ्रेश बना रहेगा.  गोल्डी शर्मा

October 21, 2021

रिश्ते में क्या सहें, क्या ना सहें… (Critical Things You Should Never Tolerate In A Relationship)

रिश्ते होते ही इसलिए हैं कि जीवन का सफ़र आसान हो, मुश्किलें कम हों और बात जब हमसफ़र की हो तो उम्मीदें औरअपेक्षाएं बढ़ जाती हैं, लेकिन जब यही रिश्ता मुश्किलें पैदा करने लगे तो सवाल उठता है कि रिश्ते में क्या और कितना सहेंऔर कितना नहीं.  छोटे-मोटे झगड़े हर रिश्ते में होते हैं तो उनको आधार बनाकर कभी अपने रिश्ते को न बिगाड़ें.अगर पार्टनर की कुछ आदतें आपको नापसंद हों तो यही सोचें कि कोई भी परफेक्ट नहीं होता. सामनेवाले को अपनेजैसा बनाने या बदलने की कोशिश न करें, इससे रिश्ते ख़राब होंगे.अपने मायके वालों से तुलना करके अपने ससुराल की बुराई करना और फिर उसको आधार बनाकर झगड़ने से बचें. अगर पार्टनर कभी ग़ुस्सा करे तो उस बात को लंबा न खींचें क्योंकि ये सामान्य सी बात है. कभी आप तो कभी वोग़ुस्सा करेंगे ही, आख़िर इंसानी फ़ितरत है ये.अपनी फ़िज़ूल की ख़्वाहिशों को पूरा करने के लिए ब्लैक मेलिंग न करें और न ही एक-दूसरे को ताना दें. इसी तरह की तमाम छोटी-छोटी और भी कई बातें हैं जो रिश्ते में सहनी ही चाहिए और उनको आधार बनाकर अपने रिश्तेकी बलि न चढ़ाएं. लेकिन कुछ ऐसी बातें हैं जो रिश्ते में सहनी नहीं चाहिए वर्ना आप पर ही भारी पड़ सकती हैं ये बातें. 1.डोमेस्टिक वॉयलेंस: एक सर्वे के मुताबिक़ भारत में घरेलू हिंसा के कारण काफ़ी मौतें होती हैं. डोमेस्टिक वॉयलेंस एकअपराध है, लेकिन बावजूद इसके अधिकांश महिलाएं रिश्ते को बचाए रखने के लिए इसे बर्दाश्त करती हैं. यहां तक किपढ़ी-लिखी व सेलिब्रिटी भी इसे बर्दाश्त करती हैं. लोगों से इसे छिपाती भी हैं, यही वजह है कि सामनेवाली की ये आदतहो जाती है, क्योंकि उसको लगता है कि पत्नी को दबाकर रखना बेहद आसान है और फिर वो हर छोटी-बड़ी बात पर हाथउठाना अपना हक़ समझने लगता है. किसी भी रिश्ते में हिंसा की कोई जगह नहीं होती है और ये बात कोई भी महिलाजितनी जल्दी समझ जाए इतना अच्छा है.  ऐसा नहीं है कि सिर्फ़ महिलाएं ही इसका शिकार होती हैं, कई पुरुष भी रिश्ते में हिंसा व प्रताड़ना के शिकार होते हैं, उन्हेंभी यह डर लगता है कि समाज उनकी बात पर भरोसा नहीं करेगा, लेकिन बेहतर होगा आप भी अपने हक़ के लिए लड़ें औरग़लत बातों को बर्दाश्त न करें और सबसे बड़ी बात अपने स्वाभिमान के लिए अन्याय बर्दाश्त न करें!  2. सेक्स में ज़बर्दस्ती: मैरिटल रेप के कई मामले सामने आते हैं लेकिन इस पर अब तक विवाद ही है, लेकिन महिलाएंइसका काफ़ी शिकार होती हैं. सेक्स और रिश्ते में दोनों की भावनाओं और इच्छाओं का सम्मान बेहद ज़रूरी है. लेकिनअगर सेक्स में पार्टनर बस अपनी ही ज़रूरत का ख़याल रखता है तो वो मशीनी प्रक्रिया होती है जिसमें भावनाएं व प्यारनदारद होता है. अगर आप अपने पार्टनर का सम्मान करते हैं, तो पार्टनर से भी उम्मीद करते होंगे, वो भी उतना ही सम्मानआपको दे. लेकिन जब ऐसा नहीं होता और एक ही पार्टनर हमेशा अपनी इच्छाएं थोपता चला जाता है, तो यह ज़बर्दस्तीघुटन पैदा करती है. अगर पार्टनर आपको समय नहीं देता, रोमांस की आपकी ज़िंदगी व बेडरूम में जगह नहीं, आपके पासप्यार से बैठकर आपके सुख-दुख के बारे में जानने की कोई ज़रूरत नहीं समझता और आपको महज़ अपनी ज़रूरत पूरीकरने का साधन समझता है तो उस रिश्ते में आप कहां हो ये समझ लेना ज़रूरी है. 3.अप्राकृतिक यानी अननेचुरल सेक्स: कई पुरुष अपने पार्टनर पर अननेचुरल सेक्स के लिए दबाव डालते हैं. भारत मेंएनल सेक्स और ओरल सेक्स ग़ैरक़ानूनी है और अगर आपका पार्टनर कंफर्टेबल नहीं है, तो उस पर दबाव न डालना हीबेहतर होगा. वो पोर्न फिल्मों को अपना आदर्श मानते हैं और अपने पार्टनर से उसी तरह के प्रदर्शन की चाह रखते हैं. सेक्समें दोनों का सहज रहना ज़रूरी है. यदि कोई समस्या है, तो विशेषज्ञ की राय ली जा सकती है, आप काउंसलर के पास भीजाकर अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने के तरी़के जान सकते हैं या आप आपस में बात करें, सेक्स में और भी कईतरह के फ़न और एक्सपेरिमेंट किए जा सकते हैं ताकि बोरियत न हो और न ही इस तरह अननेचुरल सेक्स का सहारा लेनेकी बात दिमाग़ में आएगी. 4. एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर: रिश्ते में बेईमानी बर्दाश्तन करें. अगर कभी कोई भूल हो जाए या इंसान भटक जाए, तो माफ़किया जा सकता है, लेकिन यदि कोई बार-बार आपके भरोसे का फ़ायदा उठाता रहे और वही गलती बार-बार दोहराए, तोआपको आंखें खोल लेनी चाहिए. यह सोचकर कि रिश्ता टूट जाएगा, इसलिए बर्दाश्त करते रहना, सहते रहना सही नहीं. अगर आप सहते जाएंगे तो पार्टनर आपको हल्के में लेगा. उसकी यह सोच बन जाएगी कि मैं चाहे जो भी करूं, उसे बर्दाश्तकर लिया जाएगा, अच्छा होगा कि पार्टनर के इस भ्रम को तोड़ें और ख़ुद को भी भ्रमित होने से रोकें. आपके लिए अगरपार्टनर के मन में प्यार और सम्मान नहीं तो उस रिश्ते को भी वो सम्मान नहीं देगा जिसमें आप दोनों बंधे हैं. 5.भावनात्मक शोषण व मानसिक प्रताड़ना: शारीरिक प्रताड़ना ही नहीं मानसिक प्रताड़ना भी बेहद घातक होती है. इसकेअलावा भावनात्मक रूप से भी कई लोग अपने पार्टनर को प्रताड़ित करते हैं. यदि आपको यह महसूस हो रहा है कि रिश्ते मेंआपका शोषण हो रहा है, मानसिक यातनाएं दी जा रही हैं, बेवजह गाली-गलौज की जा रही है या आर्थिक स्तर पर भीपरेशान किया जा रहा है, तो अपने लिए स्टैंड लें और पार्टनर से जितना जल्दी हो बात करके बताएं कि ये सब आप बर्दाश्तनहीं करेंगी. अपने हक़ के लिए आवाज़ उठाएं. यदि आपको यह महसूस हो रहा है कि रिश्ते में आपका शोषण हो रहा है, पार्टनर या कोई भी आपको भावनात्मक स्तर पर सपोर्ट नहीं कर रहा या हर छोटी-मोटी ज़रूरतों के लिए आपको उसकेसामने गिड़गिड़ाना पड़ रहा है, हर बात पर आपको तंज कसे जाते हैं, सबके सामने नीचा दिखाने की कोशिश होती है या येजताया जाता है कि आपकी कोई अहमियत नहीं तो चुप रहकर सहना समझदारी नहीं. तो क्या करें? सबसे पहला रास्ता है बात करें. अपनी बात प्यार और शांति से समझाएं कि आप रिश्ते को महत्व देती हैं इसलिए इसेबचाए रखना चाहती हैं. लेकिन बात से जब बात आगे बढ़ जाए तो आप एक्सपर्ट की राय व मदद लेने से न हिचकें. अपनेऔर पार्टनर के पेरेंट्स से बात करें और बड़ों की राय के बाद निर्णय लें ताकि रिश्ते में ये सब न सहना पड़े.  पिंकी शर्मा 

July 11, 2021

क्या आपका अतीत आपको आगे नहीं बढ़ने दे रहा है? बीते कल के इमोशनल बैगेज से ऐसे छुटकारा पाएं (Is Your Emotional Baggage Holding You Back? 10 Hacks To Get Rid Of Emotional Baggage)

बीते कल की कड़वी यादों व बातों को दिल से लगाए रखने से न स़िर्फ आपका वर्तमान, बल्कि भविष्य भी…

May 11, 2021

बच्चों को ज़रूर सिखाएं ये बातें (8 Things Parents Must Teach Their Children)

बच्चों की अच्छी परवरिश में पैरेंट्स की भूमिका अहम् होती है. कहते हैं बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं,…

May 11, 2017

बच्चों को ज़रूर सिखाएं ये बातें (Teach Your Children These Important Life-Lessons)

    बच्चों की अच्छी परवरिश में पैरेंट्स की भूमिका अहम् होती है. कहते हैं बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह…

April 2, 2017
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