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थम गई घुंघरुओं की खनक, नहीं रहे कथक सम्राट बिरजू महाराज, 83 की उम्र में ली अंतिम सांस(Kathak Maestro Pandit Birju Maharaj Passes Away At The Age Of 83)

भारतीय शास्त्रीय नृत्य कथक के शिखर पुरुष कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज नहीं रहे. पद्म विभूषण से सम्मानित बिरजू महाराज…

January 17, 2022

मैरिटल रेप, डर लगता है इस प्यार से(Marital Rape: When married women are raped by their husband)

हमारे देश में संबंध बनाने के लिए शादी का लाइसेंस ज़रूरी है. इस लाइसेंस के बिना बने संबंधों को परिवार/समाज/क़ानून…

January 8, 2022

जिस्मफ़रोशी के ख़िलाफ़ फ़ातिमा ख़ातून के हौसले व जज़्बे को सलाम! फ़ातिमा की ज़ुबानी, सुनें रोंगटे खड़े कर देनेवाली उनकी कहानी (Meet Fatima Khatoon…Victim Of Trafficking: Exclusive Interview)

कभी अंधे रास्तों पर चलते-चलते ख़ुद ही अपनी रोशनी तलाश कर लेना… कभी ठोकरों के बीच ख़ुद संभलकर अपनीमंज़िल को पा लेना… ज़िंदगी की तपती धूप के बीच सूरज को ही हथेली में कैद कर लेना, तो कभी चुभती चांदनी कोदामन में समेटकर दूसरों के जीवन को रोशन कर देना… जहां ख़ुद का रास्ता बेहद कठिन हो, वहां मासूम-सी, नासमझ उम्र में दूसरों की राहें न स़िर्फ आसान बनाने का जज़्बा रखना, बल्कि उन्हें नई मंज़िलों तक पहुंचाने कासंकल्प लेना साधारण बात नहीं है… यही वजह है कि साधारण-सी नज़र आनेवाली फ़ातिमा ख़ातून (Fatima Khatoon) ने बेहद असाधारण काम किया है अपने जीवन में… जिस्मफ़रोशी के दलदल से ख़ुद निकलकर दूसरों के जीवन कोसंवारना बेहद कठिन है… लेकिन नामुमकिन नहीं… यह साबित कर दिखाया है फ़ातिमा ने. मासूम उम्र में दिखाए बड़े हौसले…  “नौ वर्ष की मासूम उम्र में तीन गुना अधिक उम्र के व्यक्ति से शादी और कुछ ही समय बाद इस बात का एहसास होना कियह दरअसल शादी थी ही नहीं, यह तो सीधे-सीधे जिस्मफ़रोशी थी… दरअसल, शादी के नाम पर ख़रीद-फ़रोख़्त कीशिकार हुई थी मैं. जब तक कुछ समझ पाती, तब तक मैं इस चक्रव्यूह में फंस चुकी थी. धीरे-धीरे समझने लगी कि मेरेपति और सास असल में वेश्यालय चलाते हैं.” बिहार की रहनेवाली फ़ातिमा अपने आप में हिम्मत व हौसले की बड़ी मिसाल हैं. उनके इसी जज़्बे को सलाम करते हुएहमने उनसे उनके संघर्षपूर्ण जीवन की चुनौतियों पर बात की. अपने संघर्ष के बारे में वो आगे कहती हैं, “मैं अक्सर देखती थी कि लड़कियां व महिलाएं यहां बहुत सज-धजकर रहती थीं. बचपन में ज़्यादा समझ नहीं पाती थी, लेकिन धीरे-धीरे मुझे एहसास हो गया कि यहां सब कुछ ठीक नहीं है. अपनी साससे पूछने पर मुझे यही कहा जाता कि मैं अभी छोटी हूं. ये सब समझने के लिए और मुझे अपने काम से काम रखना चाहिए. समय बीत रहा था कि इस बीच मेरी बात वहां एक लड़की से होने लगी, जिससे मुझे पता चला कि उस लड़की को औरवहां रह रही अन्य लड़कियों से भी ज़बर्दस्ती वेश्यावृत्ति करवाई जाती है. जब मैं 12 साल की थी, तब मुझे एक रोज़ मौक़ामिला. मेरा परिवार एक शादी में गया हुआ था और मैंने वहां से 4 लड़कियों को आज़ाद करवाने में मदद की. उसके बादमुझे काफ़ी मारा-पीटा गया. कमरे में बंद करके रखा गया. खाना नहीं दिया गया.” इतनी कम उम्र में इतना हौसला? क्या कभी डर नहीं लगा? “कहते हैं ना कि एक स्तर पर आकर डर भी दम तोड़ देता है. मेरे साथ भी यही हुआ. रोज़ इतना अत्याचार और मार खाते-खाते मेरा सारा डर ही ख़त्म हो चुका था. मार-पीट के डर ने मेरे हौसले कम नहीं होने दिए. मैंने भी सोच लिया था कि वैसे भी एक रोज़ तो मरना ही है, तो क्यों न कुछ बेहतर काम करके मरें. 12 साल की उम्र में ही मैंमां बन चुकी थी. अक्सर मुझे मेरी बेटी के नाम पर इमोशनली ब्लैकमेल किया जाता कि अगर मैं चुप न रही, तो मेरी बेटीको मार दिया जाएगा. लेकिन मैंने भी यह सोच लिया था कि एक बेटी को बचाने के बदले में बहुत-सी बेटियों की कुर्बानीदेना कितना सही होगा? ‘अपने आप’ नामक एनजीओ से जुड़ने के बाद मुझे हौसला मिला, जिससे मेरी लड़ाई को भी बलमिला कि कैसे एक लड़की रोज़ इन लड़कियों को मरते हुए देख सकती है? मेरे घरवालों तक जब यह बात पहुंची, तो वो भी बीच-बीच में आते थे, लेकिन मुझे वापस घर ले जाने को वो भी तैयार नहीं थे. इसी बीच समय गुज़रता गया, मेरी उम्र बढ़ रही थी, मेरी हिम्मत भी बढ़ गई थी. मेरी सास ने मेरी ही एक दोस्त, जो वहींकाम करनेवाली एक सेक्स वर्कर की बेटी थी, को ज़बर्दस्ती जिस्मफ़रोशी में शामिल करने की कोशिश की. यह जानने केबाद मैं काफ़ी ग़ुस्से में थी और मैंने अपनी सास को लकड़ी से पीट डाला. उसके बाद तो मैं खुलेआम उन सबका विरोधकरने लगी. साल 2004 में मुझे एक बहुत बड़ा सपोर्ट मिला, जब एनजीओ ‘अपने आप’ से मेरा संपर्क हुआ और मैंने वो जॉइन कर लिया.” आपके मन में कोई शिकायत, कोई सवाल या किसी भी तरह की भावनाएं, जज़्बात… जो आप कहना चाहती हों लोगोंसे? “बहुत कुछ है मन में……

August 5, 2021

मात्र 6 रुपये में मिलेगा ‘सेना जल’ जिसे तैयार किया है भारतीय सेना के परिवारों ने, बिक्री से होनेवाली कमाई इस नेक काम में होगी इस्तेमाल! (Get Sena Jal For Just 6 Rupees, Great Initiative By Army Wives)

अगर आप मार्केट में मौजूदा ब्रांड्स का बोतल बंद पानी बंद ख़रीदेंगे तो वो आपको मिलेगी 15-20 रुपये में लेकिन…

March 6, 2021

गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी ऋचा का खास इंटरव्यू: कहा उसकी करतूत का अंदाज़ा होता तो खुद गोली मार देती उसे (Exclusive Interview with gangster Vikas Dubey’s wife Richa Dubey: Says ‘Had no clue of his criminal life, otherwise would have shot him’)

कानपुर में पुलिस टीम पर हमले के मुख्‍य आरोपी हिस्‍ट्रीशीटर विकास दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद से…

July 24, 2020

अंतिम यात्रा में भी अपनों को मिले पूरा सम्मान, उसके लिए ये करते हैं सराहनीय काम! (Antim Samskar Seva: Dignified Funerals And Cremation)

आसान नहीं होता अपनों को यूं अलविदा कहना, भावनाएँ कहती हैं कि काश कुछ और समय साथ बीत जाता लेकिन…

May 16, 2020

महिलाओं में क्यों कम होती है फाइनेंशियल अवेयरनेस? (The Importance Of Financial Awareness Among Women)

बात इकोनॉमिक पार्टिसिपेशन यानी आर्थिक रूप से भागीदारी की हो, फाइनेंशियल प्लानिंग की हो या फिर फाइनेंस से जुड़े अन्य…

March 19, 2020

प्लास्टिक पॉल्यूशन: कैसे बचाएं ख़ुद को? (Plastic Pollution: Causes, Effects And Solutions)

प्लास्टिक पॉल्यूशन: कैसे बचाएं ख़ुद को? (Plastic Pollution: Causes, Effects And Solutions) यह माना कि प्लास्टिक ने हमारी ज़िंदगी आसान…

August 25, 2019

सर्वगुण संपन्न बनने में खो न दें ज़िंदगी का सुकून (How Multitasking Affects Your Happiness)

    सर्वगुण संपन्न बनने में खो न दें ज़िंदगी का सुकून (How Multitasking Affects Your Happiness) परफेक्ट बनने की…

June 30, 2019
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