वास्तु को लेकर लोगों के मन में कई तरह के संदेह होते हैं, शायद आपके मन में भी कुछ सवाल…
घर को साफ़ सुथरा रखें. गंदगी से नकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है.कहीं भी कचरा या कबाड़ ना रखें. दरवाज़े के पास डस्टबिन ना रखें, क्योंकि इनसे नेगेटिव एनर्जी पैदा होती है.कलर थेरेपी और सायकॉलोजी का प्रयोग करें. एनर्जी देने वाले फ़्रेश कलर्स यूज़ करें. ग्रीन,ब्लू, पर्पल, येलो, ऑरेंज आदि कलर्स यूज़ करें.नेगेटिव और डार्क कलर्स अवॉइड करें.अरोमा थेरेपी से घर को महकायें.घर में क्रिस्टल्स रखें.सही वेंटिलेशन हों.प्लांट रखें.लाइटिंग डल ना हो.कहीं सीलन या लीकेज ना हो, अगर हो तो जल्द से जल्द ठीक करवायें.दरवाज़े आवाज़ ना करते हैं aur ना ही रगड़ खाते हों.दीवारों में दरार हो तो भरवा लें.ख़ुशनुमा यादों से घर को सजायें, फ़ैमिली फ़ोटो, हंसते हुए चित्र यानी हैपी मोमेंट्स घर की दीवारों पर भी सजे हों.शेल्फ बनवाकर उसमें बुक्स और डेकोरेटिव पीसेज़ रखें, बुक्स रखें और लाइटिंग अरेंज्मेंट करवायें.घर में अंधेरा ना हो, नैचुरल सनलाइट घर में आए इसका ध्यान रहे.अक्वेरीयम रखें. यह समृद्धि लाता है. मेन डोर को फ़ेस करता हुआ पेड़, पोल या पिलर ना हो.किचन में दवाएँ ना रखें.टूटे बर्तन, रुकी हुई घड़ी या ख़राब इलेक्ट्रॉनिक आइटम घर में ना रखें.बाथरूम का दरवाज़ा बंद रखें.किचन को फ़ेस करता हुआ टॉयलेट ना हो.दीवारों पर अकेलापन, क्रोध, लड़ाई या हताशा वाले चित्र, पैंटिंग्स ना लगायें.फ़र्निचर के कोने बहुत शार्प ना हों, वो टूटा ना हो, हिलने डुलने पर आवाज़ ना करता हो इसका ध्यान रहे.अगर घर को रॉयल लुक देना चाहते हैं तो वाइट और क्रीम यूज़ करें. ये रंग सॉफ़्ट, सूदींग और पॉज़िटिव होता है, जोआपके मन मस्तिष्क और मूड को शांत रखने में सहायता करता है.
घर में जब सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, तभी घर का माहौल ख़ुशनुमा होता है और वहां सुख-समृद्धि आती…