टोक्यो ओलंपिक: भारत को मिला पहला मेडल, वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू ने सिल्वर जीतकर रचा इतिहास, पीएम मोदी बोले, हो नहीं सकती इससे बेहतरीन शुरुआत! (Tokyo Olympics: Weightlifter Mirabai Chanu Creates History, Wins Silver Medal For India)

टोक्यो से भारत के लिए अच्छी खबर आई है और ओलंपिक की बेहद शानदार शुरुआत हुई. मीराबाई चानू ने महिला वेटलिफ्टिंग में 49 किलोग्राम वर्ग…

टोक्यो से भारत के लिए अच्छी खबर आई है और ओलंपिक की बेहद शानदार शुरुआत हुई. मीराबाई चानू ने महिला वेटलिफ्टिंग में 49 किलोग्राम वर्ग में सिल्वर मेडल जीत देश का नाम ऊंचा कर दिया.

मीराबाई वेट लिफ़्टिंग में पदक जीतनेवाली भारत की दूसरी महिला हैं. इससे पहले 2000 के सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक जीता था. 21 साल बाद देश को इस वर्ग में पदक मिला और इस उपलब्धि पर पीएम मोदी से लेकर राष्ट्रपति तक ने उन्हें बधाई दी. मोदी जी ने कहा कि इससे बेहतर शुरुआत नहीं हो सकती!

मीराबाई ने स्नैच में 87 किलोग्राम भार उठाया. क्लीन एंड जर्क में मीराबाई चानू में 115 किलोग्राम का भार सफलतापूर्वक उठाया और देश के इक्कीस साल के इंतज़ार को ख़त्म कर गौरव दिलाया!

Photo Courtesy: Twitter (All Photos)

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Geeta Sharma

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मीति और मधुर बचपन से एक ही स्कूल में पढते थे, लेकिन मधुर के पिता का अचानक निधन हो गया और उसे मीति का स्कूल छोड़ सरकारी स्कूल में दाख़िला लेना पड़ा. लेकिन आते-जाते अक्सर दोनों के रास्ते मिल ही जाते थे और उनकी नज़रें मिल जातीं, तो दोनों केचेहरे  पर अनायास मुस्कुराहट आ जाती. स्कूल ख़त्म हुआ तो दोनों ने कॉलेज में एडमिशन ले लिया था. दोनों उम्र की उस दहलीज़ पर खड़े थे जहां आंखों में हसीन सपने पलने लगते हैं. मधुर भी एक बेहद आकर्षक व्यक्तित्व में ढल चुका थाऔर उसके व्यक्तित्व के आकर्षण में मीति खोती जा रही थी. कई बार मधुर ने उसे आगाह भी किया था कि मीति तुम एक रईस पिता की बेटी हो, मैं तो बिल्कुल साधारण परिवार से हूं, जहां मुश्किल से गुज़र-बसर होती है, लेकिन मीति तो मधुर के प्यार में डूब चुकी थी. वहकब मधुर के ख्यालों में भी बस गई थी वह यह जान ही नहीं पाया. मीति कभी नोट्स, तो कभी असाइनमेंट के बहाने उसके पास आ जाती, फिर कभी कॉफी, तो कभी  आइसक्रीम, ये सब तो उसका मधुरके साथ नज़दीकियां बढ़ाने का बहाना था.   अब मीति और मधुर क़ा इश्क कॉलेज में भी किसी से छिपा नहीं रह गया था. करोड़पति परिवार की इकलौती लाडली मीति कोपूरा विश्वास था कि मध्यवर्गीय परिवार के मधुर के कैंपस सेलेक्शन के बाद वह पापा को अपने प्यार से मिलवायेगी. मल्टीनेशनल कंपनी के ऊंचे पैकेज का मेल मिलते ही मधुर ने मीति को अपनी आगोश में ले लिया ऒर वह भावुक हो उठा, ”मीति, तुम तो मेरे जीवन मेंकी चांदनी हो, जो शीतलता भी देती है और चारों ओर रोशनी की जगमगाहट भी फैला देती है. जब हंसती हो तो मेरे दिल में न जानेकितनी कलियां खिल उठती हैं. बस अब मेरी जिंदगी में आकर मेरे सपनों में रंग भर दो.” मीति मधुर के प्यार भरे शब्दों में खो गई और लजाते हुए उसने अपनी पलकें झुका लीं और मधुर ने झट से उसकी पलकों को चूम  लिया था. इस मीठी-सी छुअन से उसका पोर-पोर खिल उठा. वह छुई मुई सी अपने में सिमट गई. लेकिन इसी बीच मीति के पापा ने उसकी ख्वाहिश को एक पल में नकार दिया और मधुर को इससे दूर रहने का फरमान सुना दिया. मधुर उदास पराजित-सा होकर दूर चला गया. दोनों के सतरंगी सपनों का रंग बदरंग कर दिया गया था. मधुर ने अपना फ़ोन नंबर भी बदल दिया था और अपनी परिस्थिति को समझतेहुए मीति से सारे संबंध तोड़ लिये थे.  मीति के करोड़पति पापा ने धूमधाम और बाजे-गाजे के साथ उसे मिसेज़ मेहुल पोद्दार बना दिया. उसका अप्रतिम सौंदर्य पति मेहुल केलिए गर्व  का विषय था. समय के साथ वह जुड़वां बच्चों की स्मार्ट मां बन गई थी. पोद्दार परिवार की बहू बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमतीऔर अपने चेहरे पर खिलखिलाहट व मुस्कान का मुखौटा लगाए हुए अपने होने के एहसास और वजूद को हर क्षण तलाशती-सी रहती. उसे किसी भी रिश्ते में उस मीठी-सी छुअन का एहसास न हो पाता और वह तड़प उठती. सब कुछ होने के बाद भी वह खोई-खोई-सी…

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