शहीद-ए-आज़म भगत सिंह का नाम सुनकर ही हर हिंदुस्तानी का सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है और रग-रग में देशभक्ति की लहर बहने लगती है. महज़ 23 साल की उम्र में देश पर शहीद होनेवाले भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को बंगा गांव, लायलपुर, पंजाब के सिख परिवार में हुआ था. देश की आज़ादी के लिए अपना संपूर्ण जीवन न्योक्षावर कर देनेवाले भगत सिंह आज भी देश के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने हुए हैं. आज भी उनके कहे अनमोल वचन लोगों कोे प्रेरित करते हैं. आइए पढ़ें, उनके कहे 10 अनमोल वचन... bhagat singh
1. ज़िंदगी हमेशा अपने दम पर ही जी जाती है, दूसरों के कंधों पर तो बस जनाज़े ही उठाए जाते हैं.
2. बुराई इसलिए नहीं बढ़ती कि बुरे लोग बढ़ गए हैं, बल्कि इसलिए बढ़ती है, क्योंकि बुराई सहन करनेवाले लोग बढ़ गए हैं.
3. जो भी व्यक्ति विकास के लिए खड़ा होगा, उसेे हर एक रूढ़िवादी चीज़ को चुनौती देनी होगी तथा उसमें अविश्वास करना होगा.
4. मेरा एक ही धर्म है, देश की सेवा करना.
5. कवि, एक पागल प्रेमी और देशभक्त एक ही चीज़ से बने हैं.
6. हमारे लोगों को मारकर वो कभी हमारे विचारों को नहीं मार सकते.
7. सामान्यत: लोग परिस्थिति के आदी हो जाते हैं और उनमें बदलाव करने की सोच मात्र से डर जाते हैं. अत: हमें इस भावना को क्रांति की भावना से बदलने की ज़रूरत है.
8. मैं एक इंसान हूं और जो भी चीज़ें इंसानियत को प्रभावित करती हैं, मुझे उनसे फ़र्क पड़ता है.
9. क्रांति मानव जाति का एक अपरिहार्य अधिकार है. स्वतंत्रता सभी का कभी न ख़त्म होनेवाला जन्म सिद्ध अधिकार है. श्रम समाज का वास्तविक निर्वाहक है.
10. कोई व्यक्ति तब ही कुछ कर सकता है, जब वह अपने कार्य के परिणाम को लेकर आश्वस्त होता है, जैसे हम असेंबली में बम फेंकने पर थे.
- सत्येंद्र सिंह
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