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वेटरन एक्टर और वरुण बडोला के पिता का निधन, वरुण बडोला ने इमोशनल पोस्ट लिखकर पिता को दी श्रद्धांजलि (Varun Badola’s father and veteran actor Vishwa Mohan passes away, Varun Badola pays heart-wrenching tribute with Emotional Post)

पॉप्युलर वेटरन एक्टर और वरुण बडोला के पिता विश्व मोहन बडोला का निधन हो गया है. 84 वर्षीय विश्‍वमोहन बडोला ने कई फिल्मों में अपनी शानदार एक्टिंग से लोगों का दिल जीता था. स्वदेस, जोधा अकबर, प्रेम रतन धन पायो, मुन्नाभाई एमबीबीएस जैसी फिल्मों में नज़र आ चुके विश्‍वमोहन बडोला ने अक्षय कुमार की फिल्म जॉली एलएलबी में भी यादगार रोल निभाया था.

पिता ने हमेशा मिसाल पेश की और मैंने उन्हें फॉलो किया

वरुण बडोला ने इंस्टाग्राम पर एक इमोशनल पोस्ट लिखकर अपने पिता को याद किया. वरुण बडोला ने अपने पिता की पुरानी फोटो शेयर करते हुए लिखा, ‘बहुत से लोग इस बात की शिकायत करते हैं कि उनके बच्चे उनकी बात नहीं सुनते. लेकिन कई लोग यह बात भूल जाते हैं कि उनके बच्चे हमेशा उन्हें ही देख रहे होते हैं. मेरे पिता ने कभी मुझे बिठाकर कुछ नहीं सिखाया. उन्होंने लर्निंग को मेरी जिंदगी का एक हिस्सा बना दिया था. उन्होंने एक ऐसी मिसाल पेश की, जिसे फॉलो करने के अलावा मेरे पास कोई और रास्ता ही नहीं था.’

मैं एक अच्छा ऐक्टर हूं तो पापा की वजह से हूं

वरुण बडोला ने आगे लिखा, अगर आपको लगता है कि मैं एक अच्छा ऐक्टर हूं तो पापा की वजह से हूं, इसका क्रेडिट उन्हें ही जाता है. अगर मैं अच्छा लिखता हूं, तो इसका श्रेय भी पापा को जाता है, अगर मैं गा सकता हूं तो इसका क्रेडिट भी उन्हें ही जाता है. अगर मेरे पास उनके सिंगिंग टैलंट का सिर्फ 10वां हिस्सा भी होता तो मैं सिंगर बन जाता.

हमेशा अच्छी बातें ही सिखाईं

वरूण ने पिता को याद करते हुए आगे लिखा, मैं दिल्ली छोड़कर मुंबई आ गया, क्योंकि उस शहर में उनका बहुत नाम था. लोग मुझे जज करते थे, फेवर करते थे क्योंकि मैं आपका बेटा हूं. मुझे ये कभी पसंद नहीं आया. मैंने विरोध किया. मैं नहीं चाहता था कि मुझे उनके नाम का फायदा मिले. पापा ने मुझसे कहा कि कि अगर मुझे लगता है कि उनका नाम, मेरे अस्तित्व की पहचान में बाधा बन रहा है तो मैं किसी और शहर में जाकर नए सिरे से अपनी पहचान बनाऊं. उन्होंने मुझसे तुरंत कहा कि जाओ और अपनी पहचान ढूंढो. उन्होंने हमेशा मुझे सलाह दी कि वो काम करूं जो करने में मुझे दिक्कत लगती हो.

पापा ने मुझे एक इंसान बनाया

‘बहुत कम लोग जानते हैं कि वह पेशे से एक पत्रकार थे. दक्षिण-एशियाई मामलों के जानकार. दो बार पूरी दुनिया घूम चुके थे. ऑल इंडिया रेडियो के लिए उन्होंने 400 से अधिक नाटक किए. जब वह गाते थे, तो वक्त थम जाता था. कोई कभी गलती नहीं करते थे. वह एक लेजेंड थे, पर मेरे पापा थे. एक पिता जो हमेशा देखता और हमेशा सुनता रहता था. अब वो नहीं हैं, लेकिन उनकी विरासत हमेशा रहेगी. 1936 से 2020.’

बता दें कि विश्व मोहन बडोला एक नामी ऐक्टर रहे. उन्होंने स्वदेश, जोधा अकबर, जॉली एलएलबी, लगे रहो मुन्नाभाई और लेकर हम दीवाना दिल जैसी फिल्मों में काम किया. थियेटर में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. वे टीवी शो ‘मनिषा और उसके कजन्स’ में भी नजर आए थे.


Meri Saheli Team

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