कंप्यूटर्स हमारी ज़िंदगी को आसान बनाने के लिए हैं, पर कभी-कभी ये ही मुसीबत का सबब बन जाते हैं. ख़ासतौर पर तब, जब कंप्यूटर्स स्लो चल रहे हों. कंप्यूटर स्लो होने के कई कारण होते हैं, जिन्हें दुरुस्त कर लें, तो यक़ीनन आपका कंप्यूटर तेज़ चलने लगेगा.
कंप्यूटर की दुनिया में यह एक नियम जैसा है कि आपकी हार्ड डिस्क में 15% जगह खाली होनी चाहिए, वरना आपका कंप्यूटर अपने आप स्लो हो जाएगा. अपनी हार्ड डिस्क में फ्री स्पेस जानने के लिए माय कंप्यूटर में जाकर किसी लोकल डिस्क पर राइट क्लिक करके प्रॉपर्टीज़ में जाएं, आपको फ्री और यूज़्ड स्पेस दिखेगा. अगर डिस्क लगभग भर गई है, तो तुरंत ग़ैरज़रूरी फाइल्स हटाकर उसे थोड़ा खाली करें.
कंट्रोल पैनल में जाकर ऐड या रिमूव प्रोग्राम में क्लिक करें और ग़ैरज़रूरी प्रोग्राम्स अनइंस्टॉल कर दें. ऐसा करने से हार्ड डिस्क में कुछ जगह ज़रूर खाली होगी. पर अगर किसी प्रोग्राम के बारे में आपको नहीं पता, तो उन्हें न छेड़ना ही सही होगा, क्योंकि सिस्टम से जुड़े प्रोग्राम्स की हर किसी को जानकारी नहीं होती.
डिलीट की गई फाइल्स रिसाइकल बिन में चली जाती हैं, जिन्हें नियमित रूप से खाली करते रहें, क्योंकि उसमें मौजूद फाइल्स भी काफ़ी स्पेस लेती हैं, जिससे कंप्यूटर स्लो हो जाता है.
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मोबाइल की ही तरह कंप्यूटर में भी कुछ प्रोग्राम्स बैकग्राउंड में चलते रहते हैं, जो रैम में बेवजह जगह घेरे रखते हैं. उन प्रोग्राम्स को डिसेबल कर दें.
कंप्यूटर पर जब भी हम काम करते हैं, डाउनलोड या इंस्टॉल करते हैं, तो बहुत-सी टेम्प्ररी फाइल्स बन जाती हैं, जिनकी संख्या धीरे-धीरे बढ़कर सैकड़ों हो जाती हैं. ये कंप्यूटर के स्लो होने का एक कारण है. माय कंप्यूटर में जाकर हार्ड ड्राइव पर राइट क्लिक करके प्रॉपर्टीज़ में जाएं और डिस्क क्लीनअप सिलेक्ट करें. सेटअप फाइल्स और गेम फाइल्स को छोड़कर बाकी सब क्लीन कर दें.
डिस्क डिफ्रैगमेंट हार्ड ड्राइव में मौजूद डाटा को सुनियोजित करता है. इससे कंप्यूटर की स्पीड बढ़ जाती है, जिससे काम तेज़ी से होने लगता है. कंप्यूटर की क्षमता को बढ़ाने का यह एक आसान तरीक़ा है. माय कंप्यूटर में जाकर हार्ड ड्राइव पर राइट क्लिक करके प्रॉपर्टीज़ में जाएं और टूल्स में जाकर डिस्क डिफ्रैगमेंट करें.
कोई प्रोग्राम काम न कर रहा हो या कंप्यूटर बहुत स्लो चल रहा हो, तो रीस्टार्ट सबसे बढ़िया विकल्प है. रीस्टार्ट करने से काफ़ी मेमोरी क्लीयर हो जाती है. साथ ही यह बैकग्राउंड में काम कर रहे प्रोग्राम्स को भी बंद करता है, जिससे रैम भी फ्री हो जाता है और कंप्यूटर तेज़ चलने लगता है.
लगातार काम से कंप्यूटर में ग़ैरज़रूरी डाटा जमा होने लगता है, जिससे फाइल्स व सेटिंग्स प्रभावित होती हैं और कंप्यूटर के काम करने की क्षमता पर इसका असर पड़ता है. सिस्टम क्लीनिंग टूल्स की मदद से आप ग़ैरज़रूरी फाइल्स से एक क्लिक में छुटकारा पा सकते हैं. आप सीक्लीनर जैसा कोई फ्री सिस्टम क्लीनिंग टूल ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं.
डेस्कटॉप को क्लीन रखकर भी आप कंप्यूटर की स्पीड बढ़ा सकते हैं. दरअसल, कुछ लोगों को हर फाइल डेस्कटॉप पर सेव करने की आदत होती है, पर उन्हें यह नहीं पता होता कि डेस्कटॉप पर बहुत-सी फाइल्स रखने से कंप्यूटर स्लो हो जाता है. फाइल्स, प्रोग्राम्स और शॉर्टकट्स से डेस्कटॉप को भरने की बजाय ङ्गमायआइकॉन्सफ जैसा एक फोल्डर बनाकर सभी फाइल्स व प्रोग्राम्स को उसमें डाल दें.
किसी लोकल डिस्क में अगर एरर है, तो यह भी स्लो होने का एक कारण हो सकता है. माय कंप्यूटर के हार्ड ड्राइव में प्रॉपर्टीज़ में जाकर टूल्स पर जाएं और चेक नाऊ में एरर चेकिंग एरिया पर क्लिक करें.
एंटीवायरस, एंटीमालवेयर जैसे सिक्योरिटी प्रोग्राम्स को हर हफ़्ते अपडेट करते रहें. यह न सिर्फ़ आपके कंप्यूटर को वायरस से बचाएगा, बल्कि कंप्यूटर को सही तरी़के से काम करने में भी मदद करेगा.
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ऑनलाइन काम करते व़क्त वेबसाइट्स से कुकीज़ और टेम्पररी वेब डाटा अपने आप डाउनलोड हो जाता है, जिसके कारण भी कंप्यूटर धीमा हो जाता है. नियमित रूप से कुकीज़ और टेम्प्ररी वेब डाटा डिलीट करते रहें. इससे इंटरनेट से जुड़ी कई समस्याओं का भी समाधान हो जाता है.
कुछ लोग एंटीवायरस तो अपडेट करते हैं, पर जब कंप्यूटर इंस्टॉल अपडेट करने के लिए पूछता है, तो ङ्गरिमाइंड मी लेटरफ या ङ्गस्किपफ कर देते हैं, जबकि हर महीने अपडेट करने से आपका सिस्टम सही तरी़के से काम करता रहता है और कंप्यूटर स्लो नहीं होता.
जब भी आप कंप्यूटर स्टार्ट करते हैं, तब ध्यान दें कि कितने प्रोग्राम्स शुरू हो रहे हैं. अगर 5 से ज़्यादा प्रोग्राम्स शुरू होेंगे, तो आपका कंप्यूटर न स़िर्फ धीमे ऑन होगा, बल्कि पूरे समय धीमे ही काम करेगा.
रैम (रैंडम एक्सेस मेमोरी) यानी वह मेमोरी या स्पेस, जो हमारा कंप्यूटर काम करने के लिए इस्तेमाल करता है. अगर आपके कंप्यूटर का रैम कम है और आप एक साथ कई प्रोग्राम्स पर काम करने की कोशिश करेंगे, तो कंप्यूटर धीमे काम करेगा, क्योंकि उसकी क्षमता ही कम है. ऐसे में आपको रैम बढ़ाना होगा.
विंडोज़ में गैजेट्स के नाम से कई छोटे-छोटे एप्लीकेशन्स, जैसे- वेदर फोरकास्ट, डिजिटल वॉच, स्पोर्ट्स न्यूज़ आदि होते हैं, जिनसे तुरंत जानकारी मिल जाती है. ये कंप्यूटर को स्लो कर देते हैं, इसलिए इन्हें तुरंत ऑफ कर दें.
तरह-तरह के स्क्रीनसेवर्स, थीम्स और प्रोग्राम्स में दिए गए विज़ुअल इफेक्ट्स सुंदर दिखते हैं, पर ये आपके कंप्यूटर को धीमा कर सकते हैं. इसलिए विज़ुअल इफेक्ट्स की सेटिंग्स में जाकर उन्हें ऑफ कर दें.
एसएसडी यानी सॉलिड स्टेट ड्राइव्स हार्ड डिस्क की अपेक्षा बहुत ज़्यादा तेज़ और सिक्योर होते हैं. अगर आप चाहें, तो अपने कंप्यूटर में एसएसडी लगवाएं, कंप्यूटर स्लो होने की समस्या ख़त्म हो जाएगी.
कूलिंग फैन के ज़रिए सिस्टम में काफ़ी डस्ट जमा हो जाती है. यह सिस्टम को ठंडा रखने का काम करता है, पर डस्ट हवा के बहाव को बाधित करता है, जिससे सिस्टम का तापमान बढ़ने लगता है और कंप्यूटर धीमा हो जाता है. वैक्यूम की मदद से आप डस्ट साफ़ कर सकते हैं. बस, इतना ध्यान रखें कि सफ़ाई के आधा घंटा पहले कंप्यूटर बंद करके डिस्कनेक्ट कर दें.
– रिद्धी चौहान
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