दूसरों की ज़िंदगी में झांकना कहीं आपका शौक़ तो नहीं? (Why Do We Love To Gossip?)
– अरे सुनो, वो जो पड़ोस की वर्माजी की बेटी है न, वो रोज़ देर रात को घर लौटती है, पता नहीं ऐसा कौन–सा काम करती है…? – गुप्ताजी की बीवी को देखा, कितना बन–ठन के रहती हैं, जबकि अभी–अभी उनके जीजाजी का देहांत हुआ है…! – सुनीता को देख आज बॉस के साथ मीटिंग … Continue reading दूसरों की ज़िंदगी में झांकना कहीं आपका शौक़ तो नहीं? (Why Do We Love To Gossip?)
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed