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कहीं काम के बोझ तले दब न जाए आपका स्वास्थ्य (Work Pressure Is Spoiling Your Health)

घर हो या ऑफ़िस हर जगह महिलाएं पुरुषों को टक्कर देती नज़र आती हैं. चाहे काम की ज़िम्मेदारी का सवाल हो या फिर काम के पर्फेक्शन की उनके आगे पुरूष टिक भी नहीं पातें. पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली बदलते ज़माने की महिलाएं इस बीच ये भूल जाती हैं कि शारीरिक रूप से उनकी कुछ समस्याएं होती हैं, जिनका अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति बद से बत्तर होते देर नहीं लगेगी. बीपीओ में काम करने वाली पूजा 45 किलो से बढ़कर कब 65 किलो की हो गईं पता भी नहीं चला. काम में मशगूल पूजा की अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही से मोटापे के साथ-साथ बीमारियों ने भी शरीर में अपनी जगह बना ली. ख़ुद को दूसरी पूजा बनने से रोकने के लिए ऑफ़िस में कैसे रखें ख़ुद का ख़्याल आइए जानते हैं. 

सही खान-पान की आदत
* जब हो ऑफ़िस वर्क- अगर आप लगातार आठ घंटे आफ़िस की कुर्सी पर बैठकर काम करने की आदती हैं तो, अपने खाने पर आपको विशेष ध्यान देना होगा.
– हर संभव प्रयास करें कि घर से नाश्ता करके ही ऑफ़िस के लिए निकलें. इससे ऑफ़िस में आपको बार-बार कुछ खाने का मन नहीं करेगा.
– किसी वजह से अगर नाश्ता नहीं हो पाया है, तो पैक करके ऑफ़िस में ला सकती हैं.
– लंच ब्रेक के दौरान बाहर से खाना मंगाने की बजाए घर से पैक किए हुए खाने को ही खाएं.
– ऑफ़िस में स्नैक्स खाने की आदत को जितना हो सके इंकार करें.
– खाना उतना ही खाएं जितनी भूख हो, उससे ज़्यादा खाना आपको नुकसान पहुंचा सकता है.

जब हो फ़ील्ड वर्क
वो ज़माना गया जब महिलाएं स़िर्फ ऑफ़िस में बैठकर ही काम करना पसंद करती थीं. आज स्थिति कुछ और ही है. बिना किसी हिचकिचाहट और रोक-टोक के महिलाएं किसी भी फ़ील्ड वर्क चाहे वो सेल्स हो मार्केटिंग हो, मीडिया हो हर जगह क़दम बढ़ा रही हैं. फील्ड वर्क मेें खाने पर विशेष ध्यान रखना होता है.
– बाहर जाने से पहले घर से नाश्ता ले जाना न भूलें.
– कुछ बनाने का समय नहीं है तो बैग में कुछ फल रखें.
– बाहर से समोसा, डोसा या फिर कुछ और खाने के बजाय जितना संभव हो जूस पीने की कोशिश करें.
– अपने नाश्ते और लंच को सही समय पर लेना न भूलें.

नाइट शिफ़्ट से बिगड़ता स्वास्थ्य
काम करने के जूनून में क्या दिन क्या रात हर वक़्त बस काम ही काम. जब दुनिया सोती है, तो क्या आप ऑफ़िस के लिए निकलती हैं? अगर हां तो संभल जाइए क्यों कि एक नहीं दो नहीं बल्कि आपका शरीर कुछ ही दिनों में कई तरह की समस्याओं की गिरफ़्त में आ सकता है. नाइट शिफ़्ट में काम करने वाली महिलाओं को आय दिन किसी न किसी बीमारी का शिकार होना पड़ता है.
– नाइट शिफ़्ट में काम करने से शरीर का बायोलॉजिकल क्लॉक बिगड़ जाता है जिसकी वजह से बॉडी मेलाटॉनिन नामक हार्मोन को प्रोड्यूज़ करना बंद कर देती है.
– एक शोध से पता चलता है कि नाइट शिफ़्ट में काम करने वाली महिलाओं में कैंसर का ख़तरा बढ़ जाता है. शोध में कहा गया है कि वो महिलाएं जो एक साल से लेकर 27 साल तक नाइट शिफ़्ट करती हैं उनमें ब्रेस्ट कैंसर के आसार 8 प्रतिशत बढ़ जाते हैं. वहीं 30 साल तक नाइट शिफ़्ट में काम करने वाली महिलाओं में इसका ख़तरा 36 प्रतिशत तक बढ़ जाता है.
– नाइट शिफ़्ट में काम करने वाली महिलाओं में मासिक धर्म की समस्या बढ़ जाती है.
– लगातार नाइट शिफ़्ट करने से एक ओर जहां शरीर में कमज़ोरी बढ़ती है वहीं दूसरी ओर महिलाएं तनाव का भी शिकार होती हैं.
– कई महिलाएं नाइट शिफ़्ट के चक्कर में अनिद्रा की भी शिकार हो रही हैं.
– डॉक्टरों की मानें तो नाइट शिफ़्ट में काम करने से महिलाओं में प्रजनन की समस्या भी गंभीर रूप ले रही है.
– इन सब से अलग नाइट शिफ़्ट में काम करने से महिलाओं को सिगरेट और शराब का भी चस्का लग रहा है, जो उनके शरीर के लिए फ़ायदेमंद नहीं होता.

कैसे रखें ख़ुद को नाइट शिफ़्ट के दौरान चुस्त-दुरुस्त?
प्रतियोगियों से भरी इस दुनिया में अगर आपको सबसे आगे निकलना है तो बिना किसी झिझक के किसी भी वक़्त काम के लिए तैयार रहना पड़ेगा. फिर चाहे वो जो भी शिफ़्ट हो, नाइट ही क्यों न हो. हंसते-हंसते कैसे करें नाइट शिफ़्ट में अपनी सेहत की देखभाल आइए जानते हैं.

व्यायाम
नाइट शिफ़्ट में काम करने से हमारा शरीर आलसी हो जाता है. शरीर में किसी तरह की ऊर्जा का श्राव नहीं होता, जिसकी वजह से हम बिल्कुल सुस्त हो जाते हैं. नाइट शिफ़्ट में काम के दौरान बार-बार नींद आना, काम में रूकावट का काम करता है. इसके लिए बहुत ज़रूरी है कि काम के बीच में ऑफ़िस में ही वॉकिंग और स्ट्रेचिंग जैसी एक्सरसाइज़ से आप ख़ुद की सेहत का बख़ूबी ख़्याल रख सकते हैं.

स्वास्थ्य वर्धक भोजन
नाइट शिफ़्ट के दौरान शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सही खान-पान बहुत ज़रूरी है. रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे के बीच कुछ न कुछ हल्की चीज़ों का सेवन करें. घर से निकलने के पहले रात का खाना खाकर ही निकलें. अपने साथ सलाद और फल रखें भूख लगने पर उनका सेवन करें.

लोगों के साथ घुल-मिलकर रहें
नाइट शिफ़्ट में काम करने से दोस्तों और रिश्तेदारों से संपर्क न होने पर धीरे-धीरे इसकी आदत हो जाती है, जिसके कारण समय मिलने पर भी हम उनसे मिलने के बजाए घर में रहकर कुछ न कुछ खाते रहते हैं और टीवी के सामने बैठे रहते हैं. इससे हमारा शरीर मोटापे का शिकार हो जाता है उसके साथ ही कई बीमारियों का भी. इसलिए बेहतर होता है कि दोस्तों के साथ टाइम बिताएं, बाहर घूमने जाएं या फिर कोई हेल्थ क्लब ज्वॉइन करें.

नियमित चेकअप 
नाइट शिफ़्ट करने से दैनिक कार्यों में बदलाव आ जाते हैं जिसकी वजह से कई बार परेशानी होती है. इसलिए नियमित चेकप से आप किसी भयंकर बीमारी के प्रकोप से सुरक्षित रहेंगे.

Shweta Singh

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Shweta Singh

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