– पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं.
– दोनों अंगूठों को ऊपर की ओर रखते हुए नाक के पास लाएं और बाकी की उंगलियां मोेड़ें.
– आंखें और मुंह बंद रखें.
– अब बाएं नाक से सांस लेकर बाएं अंगूठे से उसे बंद कर दें. दाएं अंगूठे से दाएं नाक को ऊपर की तरफ़ खींचें और तेज़ी से सांस छोड़ दें.
– अब दाएं नाक से भी यही प्रक्रिया दोहराएं.
– दोनों नाक से 5-5 बार यह क्रिया करें.
– अगर आपको सर्दी हुई है या आपकी नाक बंद है, तो यह क्रिया न करें. किसी तरह की गंभीर बीमारी में भी इसे ट्राई न करें.
अन्य फ़ायदे: श्वसन तंत्र को बेहतर बनाता है, फेफड़ों को मज़बूत करता है. पेट की मसल्स को टोन करता है और पाचन तंत्र को भी बेहतर बनाता है.
– वज्रासन, पद्मासन या किसी भी आरामदायक आसन में
बैठ जाएं.
– पीठ को सीधा रखें और मुंह बंद करें.
– तेज़ी से सांस लें और छोड़ें. एक राउंड में 10 बार सांस लें और छोड़ें.
– एक राउंड पूरा होने पर थोड़ी देर सांसों की गति सामान्य रखें, फिर दूसरा राउंड करें.
– रोज़ाना 3 राउंड तक कर सकते हैं, पर अगर समय की कमी है, तो एक ही राउंड करें.
योग स़िर्फ शरीर के रोगों का ही निदान नहीं करता, बल्कि मन-मस्तिष्क के रोगों का भी निदान करने में मदद करता है. यदि किसी का शरीर बीमार है, तो वो स़िर्फ प्रभावित व्यक्ति को ही तकलीफ़ देगा, लेकिन यदि किसी का मन बीमार है, तो वो कई अन्य लोगों को भी तकलीफ़ दे सकता है. ऐसे में योग बेहद फ़ायदेमंद व प्रभावकारी साबित हो सकता है.”
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– वज्रासन या सुखासन में बैठकर आंखें बंद कर लें.
– दाएं हाथ की अनामिका से बाईं नाक को धीरे से बंद कर लें.
– दाईं नाक से सांस लें और छोड़ें. सांस छोड़ने की गति सांस लेने की गति से दुगनी होनी चाहिए.
– 2 मिनट तक करें.
– हाई बीपी वाले व माइग्रेन वाले न करें.
– सीधे खड़े रहें. दोनों पैरों के बीच में दो से ढाई फीट का फासला रखें. अब कुर्सी पर बैठने जैसी पोज़ीशन में आ जाएं.
– दोनों पैरों के पंजों को 90 डिग्री तक घुमाएं. दाएं पंजे को दाईं तरफ़ और बाएं पंजे को बाईं तरफ़.
– दोनों हथेलियों को घुटने के थोड़ा ऊपर जांघों पर रखें.
– अब अपनी दाईं एड़ी को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं. थोड़ा नीचे लाएं, ज़मीन को छुए बग़ैर फिर ऊपर उठाएं.
– ऐसा 10 बार करें.
– दाईं एड़ी को ज़मीन पर रखें और यही प्रक्रिया बाईं एड़ी से भी दोहराएं.
– बारी-बारी दोनों पैरों से करने के बाद आप चाहें, तो दोनों एड़ियों को एक साथ ऊपर उठाकर भी यह प्रक्रिया दोहरा सकते हैं.
– अगर आपके घुटनों में दर्द है, तो यह क्रिया न करें.
अन्य लाभ : स्क्वैट वेरिएशन पैरों की मसल्स को टोन करता है और पैरों की स्ट्रेंथ बढ़ाता है. यह एंकल पेन से भी छुटकारा दिलाता है.
वेट लॉस के लिए करें सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार को अपने रूटीन का हिस्सा बनाएं. ये ना स़िर्फ वेटलॉस में लाभदायक है, बल्कि बॉडी को टोन करता है और आपको हेल्दी व रोगमुक्त रखता है.
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