अपनी जादुई आवाज़ से लोगों को दीवाना बनाने वाली आशा भोसले की ज़िंदगी में काफी उतार-चढ़ाव आए. हालांकि उनके चेहरे कभी इस बात को बयां नहीं करते की वो कई बार कितनी दर्द से गुज़र चुकी हैं, लेकिन उनकी शख्सियत है ही ऐसी कि वो चाहकर भी अपनी हर बात छुपाकर नहीं रख पाती हैं. ना चाहते हुए भी लोगों तक बातें पहुंच ही जाती हैं. लेकिन बुरे हालातों से अभर कर सफलता को कैसे चूमा जाता है, ये कोई दिग्गज गायिका आशा भोसले से सीख सकता है. चलिये जानते हैं उनकी ज़िंदगी से जुड़े कुछ अनछुए पहलू को और लेते हैं उनसे तकलीफ से उबरने की बड़ी प्रेरणा.
आशा भोंसले का जन्म 8 सितम्बर 1933 को हुआ था और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1943 से ही कर दी थी, जिसके बाद वो लगातार गाती ही चली जा रही हैं. हिंदी फिल्मों की बात करें, तो उन्होंने साल 1948 में रिलीज हुई फिल्म ‘चुनरिया’ से अपने करियर की शुरुआत की थी. साल 2006 में आशा भोसले ने बताया था कि उन्होंने अब तक 12 हजार से भी ज्यादा गानों में अपनी आवाज़ दी है. गिनिज बुक में आशा भोसले का नाम अब तक सबसे ज्यादा गाना गाने वाली गायिका के नाम पर दर्ज है.
भारत सरकार की ओर से आशा भोसले को दादा साहेब फाल्के और पद्म विभूषण अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है. बता दें कि आशा भोसले ने ‘माई’ नाम की एक फिल्म में एक्टिंग भी किया था, जिसकी काफी प्रशंसा भी हुई थी. उन्होंने जब अपने करियर की शुरुआत की थी, तो उस दौर में शमशाद बेगम, गीता बाली और लता मंगेशकर जैसी बड़ी गायिका इंडस्ट्री पर राज करती थीं. उनके द्वारा छोड़े हुए गाने ही आशा भोसले को मिला करते थे. आशा ताई को ज्यादातर को एक्टर और वैम्प पर फिल्माए गए गाने ही गाने को मिलते थे.
आशा भोसले जब 16 साल की हुईं तो उन्होंने 31 साल के गणपत राव से शादी कर ली. दरअसल गणपत राव उन दिनों लता मंगेशकर के पर्सनल सेक्रेटरी हुआ करते थे, जिसकी वजह से लता मंगेशकर उस रिश्ते के खिलाफ थीं, लेकिन आशा ताई ने सबके खिलाफ जाकर गणपत राव से शादी कर ली, जिसकी वजह से कई सालों तक लता मंगेशकर और आशा भोसले के बीच बातचीत तक बंद हो गई थी. इस शादी से आशा ताई को तीन बच्चे हुए. उन तीन बच्चों में से एक बड़ा बेटा पायलेट थे, जो बाद में फिल्मों में निर्देशन का काम करने लगे. तो वहीं दूसरे नंबर पर उनकी बेटी वर्षा थीं, जो न्यूज़ पेपर के लिए लिखती थीं. जबकि छोटे बेटे आनंद ने बिजनेस और फिल्म निर्देशन की पढ़ाई की और अपनी मां आशा ताई के काम को ही संभालने लगे. वहीं आषा ताई की बेटी वर्षा ने साल 2012 में किसी वजह से आत्महत्या कर ली थी. वो 56 साल की थीं. इस घटना ने आशा ताई को काफी गहरा सदमा दिया था. इस दुख से उबरने में उन्हें काफी वक्त लग गया था.
आशा भोसले ने दूसरी शादी महान संगीतकार राहुल देव बर्मन से की थी. राहुल देव बर्मन आशा ताई से 6 साल छोटे थे. आशा भोसले के साथ उनकी भी दूसरी शादी थी. बता दें कि आशा ताई को खाना बनाने का बहुत शौक है. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि वो अगर सिंगिंग क्षेत्र में सक्सेस नहीं होतीं, तो शेफ बन जातीं. आपको शायद इस बात की जानकारी नहीं हो कि उनका रेस्टोरेंट का बिजनेस काफी अच्छा चलता है. उनके कुवैत और दुबई में आशाज नाम के रेस्टोरेंट हैं. इसके अलावा अबुधाबी, बहरीन और दोहा में भी आशा भोसले के रेस्टोरेंट चलते हैं. आशा ताई अपने रेस्टोरेंट के खानपान में काफी ज्यादा दखल देती हैं. इस बात का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि उन्होंने अपने शेफ्स को पूरे 6 महीने की ट्रेनिंग दी है. एक इंटरनेशनल कुक ने आशा ब्रांड के राइट्स खरीदे हैं. उनका कहना है कि आशा नाम के 40 रेस्टोरेंट 5 साल के दौरान खोले जाने हैं.
बचपन से ही आशा भोसले अपनी बड़ी बहन लता मंगेशकर के काफी करीब रही हैं. एक स्कूल में टीचरों ने कह दिया था कि वो एक फीस में दो बच्चे को नहीं पढाएंगे, तो लता मंगेशकर ने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी थी.
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ब्रिटेन के अल्टरनेटिक रॉक बेंड ने साल 1997 में ‘ब्रिमफुल ऑफ आशा’ गाना आशा भोसले को डेडिकेट करने के लिए रिलीज किया था, जो इंटरनेशनल लेवल पर हिट साबित हुआ था.
आशा भोसले को फिल्मफेयर के लिए लगातार 18 बार नामांकित किया गया, जिसमें 7 बार उन्होंने इसे जीता भी, लेकिन साल 1979 में फिल्मफेयर जीतने के बाद उन्होंने इसके लिए नॉमिनेट करने से ये कहकर मना कर दिया था कि अब नए लोगों को इसका मौका मिलना चाहिए. वहीं साल 2001 में उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अवार्ड से सम्मानित किया गया था.
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