Jeene ki kala (Motivational Stories)

अपने सपनों को पूरा कैसे करें? (How To Fulfill Your Dreams)

सपनों को पूरा करना बहुत मुश्किल नहीं है, यदि आपका लक्ष्य सही हो, आप अपने लक्ष्य के लिए लगातार मेहनत कर रहे हों. अपने सपनों को कैसे पूरा करें, इसके बहुत ही आसान उपाय यहां पर हम आपको बता रहे हैं.

सपनों की उड़ान
ख़्वाबों की दुनिया बड़ी हसीन होती है, यहां हम जो चाहें बन सकते हैं, जो चाहें हासिल कर सकते हैं, लेकिन आप यदि अपने ख़्वाबों को हकीक़त में बदलना चाहते हैं, तो पूरी लगन, ताक़त और जोश के साथ उसे पूरा करने में जुट जाइए, यक़ीन मानिए सपना सच होते देर नहीं लगेगी.

जीने के लिए ज़रूरी हैं सपने
यदि ज़िंदगी में सपने नहीं होंगे तो इच्छाएं नहीं होगीं, इच्छाएं नहीं होगी तो हम प्रयास नहीं करेंगे और यदि हमने प्रयास बंद कर दिए तो ज़िंदगी जड़ हो जाएगी यानी हमारा जीवन ही ख़त्म हो जाएगा. उस स्थिति की कल्पना करिए जब आपके पास करने के लिए कुछ न रहे, आप किसी चीज़ को हासिल करने के बारे में सोचे ही नहीं… कैसी होगी ज़िंदगी? निश्‍चय ही बेरंग, नीरस और उबाऊ. जीने के लिए कुछ मकसद होना ज़रूरी है और वो मकसद तभी मिलता है जब हम सपने देखते हैं. सपना कुछ करने का, सपना कुछ बदलने का, सपना अपनों को ख़ुश रखने का या देश/समाज में कुछ बदलाव लाने का, लेकिन स़िर्फ सपने देखना ही काफ़ी नहीं है, बल्कि उसे पूरा करने में जी जान लगाना भी ज़रूरी है.

प्रेरणा देते हैं सपने
विप्रो कंपनी के मालिक अजीम प्रेमजी ने एक बार अपने भाषण में कहा था कि ‘सपने आपके सच्चे प्रेरक होते हैं, सपनों से आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती हैं. साथ ही ये लक्ष्य प्राप्त करने के लिए ऊर्जा भी देते हैं.’ मगर ये भी सच है कि ख़्याली पुलाव पकाने या हवा में महल बनाने से ज़िंदगी में कुछ हासिल नहीं होता. सपने तभी सार्थक है जब वो हकीक़त के धरातल से जुड़े रहें. माना कोई इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हुए यदि डॉक्टर बनने का सपना देखता है तो ऐसा सपनों का कोई मतलब नहीं है, लेकिन एक साधारण इंसान यदि टाटा और अंबानी जैसा अमीर बनने का सपना देखता है, तो इसमें कुछ ग़लत नहीं है. कभी एक मामूली सी नौकरी करने वाले धीरूभाई अंबानी जब करोड़ों की कंपनी खड़ी कर सकते हैं, तो आप क्यों नहीं?

पूरा करने के लिए देखें सपने
एक बार पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम ने कहा था ‘सपने सच होने के लिए ज़रूरी है कि पहले आप सपने तो देखें.’ उनकी बात सौ फीसदी सच है. जब तक आप घर ख़रीदने, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर, पत्रकार या कुछ और बनने का सपना ही नहीं देखेंगे, तो इस दिशा में प्रयास कैसे करेंगें? जब तक आप किसी चीज़ के बारे में सोचेंगे ही नहीं, तो उसे हासिल करने की तरक़ीब कैसे निकालेंगे? जीवन में क़ामयाबी की सीढ़ियां चढ़ने के लिए पहले सपने देखिए फिर पूरी शिद्दत, ईमानदारी और लगन से उसे पूरा करने की कोशिश में जुट जाइए. फिर देखिए ‘सपने भी कहीं सच होते हैं?’ वाली आपकी ये सोच कैसे बदल जाती है.

Kamla Badoni

Share
Published by
Kamla Badoni

Recent Posts

व्यंग्य- आप कुछ समझते क्यों नहीं? (Satire- Aap Kuch Samjhte Kyon Nahi?)

बॉस थक जाते हैं, कहते है, “यार ये कुछ समझाता क्यों नहीं."और मुझे लगता है,…

July 22, 2024

श्रावण मास पर विशेष: कहानी- हम में शक्ति हम में शिव… (Short Story- Hum Mein Shakti Hum Mein Shiv…)

तभी मां जो शिव की अनन्य भक्त थीं, बोलीं, ''बेटा! जहां ईश्वर हों, वहां आस्था…

July 22, 2024
© Merisaheli