स्त्री को देह के दायरे में बांधकर परिभाषित मत करो. देह से परे भी उसका अपना एक अस्तित्व है, अस्मिता…
मासूम सूरत-चेहरे पर आंसुओं की लकीरों के साथ तनाव स्पष्ट दिखाई दे रहा था. उसकी ऐसी हालत देखकर हम दोनों…
समझ में नहीं आ रहा था क्या करूं...? कहां तो मैं उसकी मित्र बनकर उसे पालना चाहती थी, पर अब…