''ठीक ऐसे ही समय आए थे मेरे जीवन में डॉ. विवेक... जिन्होंने यंत्र मानवी बन चुके इस शरीर में फिर…
वह तड़पकर बोली, ‘‘बिल्कुल ठीक कहते हो. नहीं माफ़ कर सकी मैं तुम्हें आज तक...! और न शायद कर सकूंगी.…
‘‘क्या तुम उसे ढूंढ़ने की भी कोशिश नहीं करोगे?’’ उसके सवाल पर मैंने नज़रें झुका ली थीं, क्योंकि मैं जानता…
‘‘अतुल, तुम परवाह बहुत करते हो, उनकी भी जिनकी नहीं करनी चाहिए. दूसरों का सहारा लेकर तुम ख़ुद को…