दुनिया में कदम-कदम पर नाइंसाफ़ियां हैं, नाकामियां हैं. तू मेरी सफल बेटी है. मन की प्रतिरोधक क्षमता को इतना बढ़ाने…
जो लोग आराम पसंद भी होते हैं और महत्वाकांक्षी भी, उन्हें अगर सही दिशा न मिले, तो कुंठित या आपराधिक…
धरती की तरह ज़िंदगी भी करवट बदलती है. पतझड़ के बाद बसंत आता ही है. उसे कोई रोक नहीं सकता.…