कहानी- वर्जनाएं

कहानी- वर्जनाएं 3 (Story Series- Varjanaye 3)

“राजीव, पति-पत्नी का रिश्ता कांच की तरह होता है. एक बार चटक जाए, तो उसका निशान कभी नहीं जाता.” “तुम…

July 18, 2018

कहानी- वर्जनाएं 2 (Story Series- Varjanaye 2)

अंकित मेरे मंतव्य को समझ तुरंत बोला, “मैं पापा के दायित्व को अपनी विवशता नहीं, बल्कि अपना फ़र्ज़ समझता हूं.…

July 17, 2018

कहानी- वर्जनाएं 1 (Story Series- Varjanaye 1)

“बेटे अपने फ़र्ज़ से विमुख हो जाएं, तो क्या किया जाए? माता-पिता को यूं ही छोड़ दिया जाए, बेसहारा तिल-तिल…

July 16, 2018
© Merisaheli