“राजीव, पति-पत्नी का रिश्ता कांच की तरह होता है. एक बार चटक जाए, तो उसका निशान कभी नहीं जाता.” “तुम…
अंकित मेरे मंतव्य को समझ तुरंत बोला, “मैं पापा के दायित्व को अपनी विवशता नहीं, बल्कि अपना फ़र्ज़ समझता हूं.…
“बेटे अपने फ़र्ज़ से विमुख हो जाएं, तो क्या किया जाए? माता-पिता को यूं ही छोड़ दिया जाए, बेसहारा तिल-तिल…