शादी ज़िंदगी का सबसे ख़ास और बड़ा दिन होता है और यही वजह है कि इसे लेकर स्ट्रेस होना भी सामान्य है. शादी से पहले और शादीके दौरान तनाव एक नॉर्मल सी बात है और सभी इससे जूझते हैं, लेकिन आप इसे मैनेज कर सकते हैं, आइए जानें कैसे मैनेज करना हैप्री-वेडिंग और वेडिंग स्ट्रेस को… सब सोचते होंगे कि ख़ुशी के मौक़े पर स्ट्रेस कैसा? लेकिन ऐसा नहीं है. ख़ुशियों के बीच शादी की तैयारियों और ज़िंदगी में हो रहेबदलावों को लेकर भी स्ट्रेस होता है… 1 सबसे पहले तो शादी की तैयारियों और ज़िम्मेदारियों के चलते तनाव होना लाज़मी है. 2 बजट को लेकर भी एक चिंता बनी रहती है. 3 लेकिन होनेवाली दुल्हन की जो चिंताएं होती हैं वो अलग ही हैं, उनको अपने लुक्स को लेकर स्ट्रेस होता है. 4 नए घर, नए रिश्तों को लेकर भी तनाव होता है कि क्या और कैसे होगा सब. 5 शादी के बाद ज़िंदगी में होनेवाले बदलावों को लेकर भी स्ट्रेस होता है. 6 इसके अलावा अगर अरेंज मैरिज है तो होनेवाले पार्टनर को लेकर भी स्ट्रेस रहता है कि कैसा नेचर होगा, जो परिकल्पनाजीवनसाथी की थी क्या वो उस पर खरा उतरेगा… आदि… 7 दुल्हन को इस बात की भी चिंता रहती है कि सब कुछ ठीक-ठाक से होगा या नहीं, कहीं कुछ प्रॉब्लम न हो जाए. 8 होनेवाले पार्टनर ही नहीं होनेवाले सास-ससुर के स्वभाव और व्यवहार को लेकर भी दुल्हन चिंतित रहती है. 9 सिर्फ़ दुल्हन ही नहीं, उसके पैरेंट्स भी इन बातों को लेकर फ़िक्रमंद रहते हैं.…