कौन कहता है आसमान में सुराख़ नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों https://www.youtube.com/watch?v=jnN6zz6xpbs हां, मैंने भी…
मोहब्बत का कोई दायरा नहीं होता... वो बेलौस होती है और बेकमान भी... बस दौड़ पड़ती है अपने हमसफ़र के…