रिश्तों में ज़रूरत से ज़्यादा स्पेस कहीं कर न दे अपनों को दूर…(Too much space in relationships can be dangerous)

कभी हाथों में थामे हाथ, तो कभी लबों पर बस तेरी ही बात… धीरे-धीरे ख़्वाब छूटे… लबों पर बसे जज़्बात छूटे… दिल की हसरतें बाकी तो हैं अभी, पर न जाने किस मोड़ पर कुछ एहसास छूटे… न तुमको ख़बर हुई, न हमें पता चला… कब साथ चलते-चलते हमारे हाथ छूटे… अक्सर ऐसा होता है … Continue reading रिश्तों में ज़रूरत से ज़्यादा स्पेस कहीं कर न दे अपनों को दूर…(Too much space in relationships can be dangerous)