धूम्रपान छोड़ना बहुत मुश्क़िल होता है, ख़ासतौर पर यदि व्यक्ति को इसकी लत हो, क्योंकि जब शरीर को निकोटिन का डेली डोज़ नहीं मिलता तो विथड्रॉवल सिंड्रोम और तड़प महसूस होती है. जिसके कारण चिड़चिड़ापन, ग़ुस्सा, तनाव, नर्वसनेस, ध्यान में भटकाव, भूख न लगना व अनिद्रा जैसी समस्याएं होती हैं. इन परेशानियों का सामना करना चाहे कितना भी मुश्क़िल क्यों न हो, लेकिन ध्यान रखें कि यह फेज़ कुछ दिनों के लिए होता है. जैसे ही हानिकारक टॉक्सिन्स शरीर से बाहर निकल जाते हैं, ये परेशानियां ख़त्म हो जाती हैं. बहुत-से स्मोकर्स ने यह लत छोड़ी है और आप भी ऐसा कर सकते हैं. बस, इसके लिए आपको सही प्रक्रिया का पालन करना होगा.
घर साफ़ करें
जैसे ही आप धूम्रपान छोड़ने का ़फैसला करते हैं, वैसे ही थोड़ा समय निकालकर तुरंत घर को साफ़ करें. यह सबसे ज़रूरी क़दम है. ऐसा करने से सिगरेट के धुएं की बदबू ख़त्म हो जाएगी. तंबाकू की महक आने पर आपको सिगरेट का कश लगाने की क्रेविंग हो सकती है. इसके लिए सारे एस्ट्रे व लाइटर्स फेंक दें. कपड़े, कार्पेट इत्यादि जहां से भी सिगरेट के धुएं की महक आती हो, उसे साफ़ करें. अगर आप कार में स्मोक करते थे, तो उसे भी धोएं. आपके आसपास का वातावरण जितना साफ़ रहेगा, आपको विथड्रॉवल सिंड्रोम से बाहर आने में उतनी ही आसानी होगी.
ये भी पढ़ेंः जोड़ों के दर्द से छुटकारा पाने के 20 सुपर इफेक्टिव घरेलू उपाय
स्मोकिंग ट्रिगर्स से परहेज़ करें
धूम्रपान छोड़ने की ओर दूसरा स्टेप स्मोकिंग ट्रिगर्स से परहेज़ करना है. ये ट्रिगर्स लोग, स्थान, वस्तु या परिस्थितियां कुछ भी हो सकती हैं. ऐसा करने से आपके सिगरेट पीने की इच्छा कम होगी. अगर आप उस समय ख़ुद को नियंत्रण रखने में सफल हो गए तो इस आदत से छुटकारा पाना पक्का है. चाय-कॉफी पीने से बचें, इससे सिगरेट का कश लगाने की इच्छा हो सकती है. इसके बजाय पानी पीएं. सिगरेट पीने वाले दोस्तों की संगत छोड़ने की कोशिश करें. ऐसी जगहों पर जाएं, जहां स्मोकिंग करना मना हो. थकान होने पर स्मोक करने का मन कर सकता है. अतः अच्छी नींद लें. अगर खाने के बाद सिगरेट पीने की आदत हो तो खाने के तुरंत बाद ब्रश करें.
हाथ व मुंह को व्यस्त रखें
बहुत सालों तक स्मोकिंग करने के बाद अचानक सिगरेट छोड़ने पर बहुत-से स्मोकर्स को अपना मुंह और हाथ खाली-खाली सा लगता है. इससे बचने के लिए हाथ व मुंह को व्यस्त रखें. आप च्युंगम, शुगरलेस कैंडी, लौंग, सनफ्लावर सीड्स, गाजर या सेलेरी स्टिक्स कुछ भी चबा सकते हैं. हाथों को व्यस्त रखने के लिए उंगलियों के बीच पेन रखें. रबर या स्न्वीज़ बॉल से खेलें. आप पज़ल या ऑन लाइन गेम भी खेल सकते हैं.
डीप ब्रीदिंग का अभ्यास करें
जब भी आपको सिगरेट पीने की तेज़ इच्छा हो, तब गहरी सांस लें और धीरे-धीरे सांस छोड़ें. ऐसा करने से आप रिलैक्स महसूस करेंगे. सिगरेट छोड़ने की कोशिश कर रहे लोगों को इससे बहुत फ़ायदा मिलता है. यह फेफड़े को मज़बूत करने के साथ ही निकोटिन की क्रेविंग को भी कम करता है और मूड ठीक करने में मदद करता है. वर्ष 2004 में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, डीप ब्रीदिंग से स्मोकिंग विथड्रॉवल सिंड्रोम व सिगरेट की क्रेविंग कम होती है. इसे करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं या कुर्सी पर सीधे बैठें. अपने हाथ पर पेट पर रखें और रिलैक्स हो जाएं. नाक से गहरी सांस लें और सांस लेते हुए 5 तक गिनें. फिर 3 गिनने तक सांस को रोके रखें. फिर धीरे-धीरे मुंह से सांस छोड़ें. सांस छोड़ते हुए 5 काउंट करें. यह प्रक्रिया 10 मिनट तक दोहराएं.
पानी पीएं
निकोटिन की लत से बाहर आने के लिए ख़ूब सारा पानी पीना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि टॉक्सिन्स को बाहर निकालने के लिए शरीर को पानी की आवश्यकता होती है. इसलिए नियमित अंतराल पर पानी पीते रहें. आप जितना ज़्यादा पानी पीएंगे, उतना अधिक युरिन पास करेंगे. इससे टॉक्सिन्स निकलने की प्रक्रिया तेज़ होगी. इसके अलावा पानी पीने से सिरदर्द की समस्या भी कम होगी, जो कि निकोटिन छोड़ने पर सबसे ज़्यादा होती है. अतः दिनभर में 8-10 ग्लास पानी अवश्य पीएं.
एक्युपंचर कराएं
अगर आपको धूम्रपान छोड़ने में किसी की मदद चाहिए, तो एक्युपंचरिस्ट से संपर्क करें. एक्युपंचर सिगरेट की क्रेविंग का कम करने में काफ़ी हद तक मदद करता है. इससे शरीर में एंड्रोफिन नामक दर्द को कम करनेवाले हार्मोन का स्राव होता है, जिससे शरीर रिलैक्स होता है . नतीज़तन तनाव, क्रेविंग, नर्वसनेस इत्यादि से छुटकारा मिलता है. वर्ष 2001 में प्रिवेंटिव मेडिसिन में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, सही तरह से एक्युपंचर ट्रीटमेंट कराने से स्मोकिंग की लत छोड़ने में मदद मिलती है.
नई हॉबी अपनाएं
निकोटिन विथड्रॉवल सिंड्रोम से लड़ने और धूम्रपान की लत छोड़ने के लिए अपने दिमाग़ को दूसरी तरफ़ से जाने की कोशिश करें. नई हॉबी, जैसे-पेंटिंग, क्रिएटिव राइटिंग, फोटोग्राफी इत्यादि की क्लासेज़ ज्वॉइन करें. इससे आपका शरीर और दिमाग़ नई चीज़ को समझने में उलझ जाएगा और आपको क्रेविंग से डील करने में मदद मिलेगी.
मेडिटेशन करें
निकोटिन विथड्रॉवल सिंड्रोम से लड़ने में मेडिटेशन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. मेडिटेशन ख़राब मूड को ठीक करके दिमाग़ को शांत करने में मदद करता है. जिससे स्ट्रेस लेवल कम होता है. मेडिटेशन विथड्रॉवल सिंड्रोम को कम करने के साथ ही धूम्रपान के कारण होनेवाला सांस संबंधी समस्याओं व दिल की बीमारियों से लड़ने में भी मदद करता है. शुरुआत में कुछ मिनटों के लिए करें और फिर धीरे-धीरे समय बढ़ा दें.
नियमित रूप से एक्सरसाइज़ करें
एक्सरसाइज़ करने से शरीर में एंड्रॉर्फिन नामक हार्मोन का स्राव बढ़ जाता है, जिससे स्मोकिंग छोड़ने के बाद होने वाले सिरदर्द से आराम मिलता है. इतना ही नहीं एक्सरसाइज़ शरीर के सेल्फ रियेपर प्रोसेस को भी तेज़ कर देता है.
हेल्दी खाएं
सिगरेट छोड़ने के बाद डायट करने की कोशिश न करें, क्योंकि निकोटिन विथड्रॉवल से लड़ने के लिए शरीर को सभी प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है. ख़ूब सारे फल, सब्ज़ियां, अनाज और लीन प्रोटीन का सेवन करें. सिगरेट छोड़ने के बाद भूख बढ़ जाती है इसलिए अपने साथ हमेशा हेल्दी स्नैक्स, जैसे- गाजर, खीरा इत्यादि रखें. जब भी आपको सिगरेट पीने की क्रेविंग हो, इन्हें चबाएं. जिस व़क्त आप सिगरेट पीते थे, उस व़क्त हर्बल टी पीना शुरू कर दें. गरम चाय पीने से आपका स्ट्रेस लेवल कम होगा, क्योंकि उसमें हल्का-सा निकोटिन होता है.
स्मार्ट ट्रिक्स
. पहले से ज़्यादा ब्रश करें. मुंह को साफ़ रखने से सिगरेट क्रेविंग से मुक्ति पाने में मदद मिलती है.
. ख़ुद को शांत रखने के लिए गर्म पानी से नहाएं. अच्छी किताब पढ़ें या सॉफ्ट म्यूज़िक सुनें.
. सिगरेट छोड़ने के मिशन को लेकर पॉज़िटिव सोच बनाए रखें.
ये भी पढ़ेंः जानिए कौन-सी दवा के साथ क्या नहीं खाना चाहिए?
मैं हुआ रिटायरसारे मोहल्ले में ख़बर हो गईसब तो थे ख़ुश परपत्नी जी ख़फ़ा हो…
अक्षय कुमार इन दिनों 'बड़े मियां छोटे मियां' को लेकर सुर्ख़ियों में हैं. उनका फिल्मी…
बोनी कपूर हे कायमच चर्चेत असणारे नाव आहे. बोनी कपूर यांचे एका मागून एक चित्रपट…
ईद के मौके पर टीवी एक्ट्रेस समबुल तौकीर ने हाउस पार्टी होस्ट कर ईद सेलिब्रेट…
अनियमित जीवनशैलीने सर्व माणसांचं आरोग्य बिघडवलं आहे. ऑफिसात 8 ते 10 तास एका जागी बसल्याने…
नुकताच स्वामी समर्थ यांचा प्रकट दिन पार पडला अभिनेता - निर्माता स्वप्नील जोशी हा स्वामी…