एक बार बीरबल फारस देश के राजा के निमंत्रण पर उनके देश गए हुए थे. उनके सम्मान दावत का आयोजन किया गयाथा और अनेक उपहार दिए गए थे. अपने देश लौटने की पूर्व संध्या पर एक अमीर व्यक्ति ने पूछा कि वह कैसे अपने राजाकी फारस के राजा से तुलना करेंगे?
बीरबल ने कहा, “आपके राजा पूर्णिमा के चांद जैसे हैं. हालांकि हमारे राजा दूज के चंद्रमा के समान हैं.”
यह सुन फारसी बहुत खुश थे, लेकिन जब बीरबल घर गए, तो उन्होंने पाया कि सम्राट अकबर बहुत गुस्से में थे.
अकबर ने गुस्से में कहा “तुम अपने राजा को कैसे कमजोर बता सकते हो.” तुम एक गद्दार हो !” बीरबल ने कहा, “नहीं, महाराज मैंने आपको कमज़ोर नहीं बताया है.
दरसल, पूर्णिमा का चांद कम हो जाता है और गायब हो जाता है, जबकि दूज के चांद में शक्ति बढ़ती है.
मैं वास्तव में दुनिया को बताता हूं कि दिन प्रतिदिन आपकी शक्ति बढ़ रही है, जबकि फारस के राजा का पतन हो रहा है.”
अकबर ने बीरबल की बुद्धिमत्ता का फिर लोहा माना. उनकी बात का असली अर्थ समझकर संतोष व्यक्त किया औरबीरबल का गर्मजोशी से स्वागत किया.
सीख: शब्दों से खेलकर कैसे गूढ़ अर्थ में अपनी बात भी कही जा सकती है और समानेवाले को नाराज़ भी नहीं किया गयायह कला सीखना ज़रूरी है.
मुंबईतील बीकेसी येथे उभारण्यात आलेल्या नीता अंबानी कल्चरल सेंटरला नुकताच एक वर्ष पूर्ण झाले आहे.…
सोशल मीडियावर खूप सक्रिय असलेल्या जान्हवी कपूरने पुन्हा एकदा तिच्या चाहत्यांना सोमवारची सकाळची ट्रीट दिली…
The loneliness does not stop.It begins with the first splash of cold water on my…
सध्या सर्वत्र लगीनघाई सुरू असलेली पाहायला मिळत आहे. सर्वत्र लग्नाचे वारे वाहत असतानाच हळदी समारंभात…
“कोई अपना हाथ-पैर दान करता है भला, फिर अपना बच्चा अपने जिगर का टुकड़ा. नमिता…
न्यूली वेड पुलकित सम्राट और कृति खरबंदा की शादी को एक महीना हो चुका है.…