वर के पिता ताया जी को ठोकर मार कर तेजी से विवाह वेदी तक आए थे और क्रोध में वर…
"अम्मा जी दही ठीक है या दूध से लेंगी?" उस समय वह सिर झुकाए थीं. सिर उठाया तो आंखें डबडबाई…
कंप्यूटर हमेशा से ही मेरे लिए जी का जंजाल रहा है. बात उन दिनों की है जब इंटरनेट नया-नया आया…
वह जी भर कर हंसती, खिलखिलाती, बात-बात पर चुटकुले सुनाती. उस दिन जब हम सभी बैठे थे, चाचीजी ने नौकरों…
वह जब भी अपने चेहरे पर उबटन मलती थी, तो वह हमेशा उससे यही कहते थे, "श्यामा मेरी बात काग़ज़…
और सुबह होते अनीता ने सुधेंदु को फोन किया. सारी बातें सुन सुधेंदु स्तब्ध रह गया, यह क्या हो जाता…
"प्रमेश उपहार में दी गई वस्तु में उपहार देने वाले का अपना अंश भी होता है, अपना व्यक्तित्व भी होता…
शायद कुछ दिन एक साथ एक छत के नीचे गुज़रे दिनों की परछाइयां ऐसा करने से रोक रही थीं. लेकिन…
वह आज फिर मम्मी से कहेगी. लेकिन कैसे कहे, मम्मी से तो डर लगता है. वह तो आजकल बहुत गंभीर…
आज़ादी और एकांत में निशी ने उस आनंद और शांति का अनुभव किया, जिसकी वह तीन वर्षों से प्रतीक्षा कर…