कल का रविवार जाने कैसे बीतेगा. ससुरजी को सुबह छह बजे ही चाय हाथ में चाहिए. पता नहीं मेरा रविवार…
“नायरा, ख़र्चे तो कभी ख़त्म नहीं होते. ख़र्चों का क्या है. एक आज ख़त्म हुआ तो दूसरा कल शुरू हो…
मेरा मन हुआ चिल्लाकर कहूं कि हर चिड़िया नहीं उड़ सकती. यह देखो, अपनी मां को! सोने के पिंजरे में…
"मैं आपकी बातों का प्रतिकार नहीं करुंगा, किंतु परिवार की ख़ुशी के लिए हम क्या-क्या ग़लतियां कर जाते हैं, हम…
बड़ी ही ख़ूबसूरत लग रही थी वह स्त्री उसे देखते ही मेरी नज़रें, उसके चेहरे पर थम गई अपलक मैं…
उसे भी ऐसा लगता था कि कविता अब उसके मन में नहीं है. फिर अजय के साथ उसका बहुत ही…
"बच्चे मां को कितना परेशान करते हैं तो क्या मां उन्हें आया को सौंप देती है? फिर वही बच्चे बड़े…
"हां नेहा, ऐसी सास तो नसीबों से ही मिलती है. तुम सच में नसीबवाली हो." उनके बीच होती बातें मेरे…
आजकल सुशांत को वीडियो कॉलिंग पर बात करने का मन नहीं करता. कहीं रिनि दुखी न हो जाए, पर्ण को…
"बिजली पर इतनी निर्भरता भला किस काम की? हमारे ज़माने में ये सब इलेक्ट्रॉनिक अप्लांयेस कहां थे? सुधा, तुमने क्या…