- कुंदनिका कापड़िया "जब हम सबके बीच होते हैं, तो अकेलेपन के भय से घबरा जाते हैं. पर सचमुच अकेलेपन…
उसे देख कुछ अचरज हुआ, वो चेहरा कुछ परिचित-सा लगा. कहां देखा है उसे? कुछ याद नहीं आ रहा, तभी…
निर्मला सुरेंद्रन “विपुल...” भर्राए स्वर में मैंने कहा, ''पिछली बार गई तो तुमसे अनुमति नहीं ले पाई थी, इस…