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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष: जानें महिला सशक्तिकरण के लिए 15 सरकारी योजनाओं के बारे में (International Women’s Day: 15 Govt schemes for women empowerment)

भारत सहित दुनियाभर के देशों में महिला सशक्तिकरण पर ज़ोर दिया जा रहा है. भारत सरकार द्वारा भी महिलाओं को सशक्त और सक्षम बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं. आइए जानते हैं सरकार द्वारा शुरू की गई ऐसी ही कुछ योजनाओं के बारे में.


1. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ


– बालिकाओं के अस्तित्व, संरक्षण और शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस योजना की शुरूआत की गई. इस योजना का उद्देश्य लड़कियों के गिरते लिंगानुपात के प्रति लोगों को जागरूक करना, लिंग के आधार पर लड़का और लड़की में होने वाले भेदभाव को रोकना और प्रत्येक बालिका की सुरक्षा, शिक्षा और समाज में स्वीकृति सुनिश्चित करना है।
– इस योजना का लाभ लेने के लिए उम्मीदवार बेटी के माता-पिता या अभिभावक को उस बच्ची के नाम से पहले सुकन्या समृद्धि योजना के तहत एक अकाउंट खोलना होगा, जिसके तहत वे अपनी बच्ची के लिए पैसे जमा करते हैं, जिसका इस्तेमाल वे उसकी शिक्षा और शादी के लिए कर सकते हैं.
– बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत सरकारी स्कूलों में पढनेवाली बच्ची को कोई फीस नहीं देनी होगी. इसके अलावा कुछ प्राइवेट स्कूलों में भी फीस में ख़ास छूट दी जाती है.
– ये योजना भारत के केंद्र सरकार द्वारा भारत की बेटियों के लिए शुरू की गई है और कोई भी निवासी भारतीय इस योजना का लाभ ले सकता है.
– यह एक सामाजिक अभियान है, जिसका लक्ष्य है कि लैंगिक भेदभाव का उन्मूलन और युवा भारतीय लड़कियों के लिए कल्याण सेवाओं पर जागरूकता बढ़ाना.
– इस योजना के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 181 है.

 2. वर्किंग वुमन हॉस्टल योजना

– कामकाजी महिलाओं की संख्या बढती जा रही है. इसके अलावा बहुत सी महिलाएं रोज़गार की तलाश में अपने घर छोड़ कर बड़े शहरों की तरफ रुख कर रही हैं, ऐसी महिलाओं के लिए इस योजना शुरू की शुरुआत की गई. इस योजना का उद्देश्य है कामकाजी महिलाओं के लिए सुरक्षित आवास उपलब्ध कराना है, जहां उनके बच्चों के देखभाल की सुविधा और ज़रूरत की हर चीज आसपास उपलब्ध हो.
– यह योजना शहरी, सेमी अरबन और ग्रामीण सभी जगहों पर उपलब्ध है, जहां महिलाओं के लिए रोज़गार के अवसर उपलब्ध हैं.
जाति, धर्म, वैवाहिक स्थिति आदि में भेदभाव के बिना सभी कामकाजी महिलाओं को हॉस्टल उपलब्ध कराया जाएगा.
– नौकरी के लिए प्रशिक्षण के लिए दूसरे शहर जानेवाली महिलाओं को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा.
– कामकाजी महिलाओं के बच्चों (लड़कियों को 18 वर्ष की आयु तक और लड़कों को 5 वर्ष की आयु तक) को अपनी मां के साथ इस हॉस्टल में रहने की अनुमति दी जाएगी.


3. महिलाओं के लिए प्रशिक्षण और रोजगार कार्यक्रम(STEP)

– इस योजना की शुरुआत 1986-87 में  की गयी थी. इस योजना का उद्देश्य महिलाओं का कौशल विकास कराकर उनको इस लायक बनाना है कि वे स्व-रोजगार या उद्यमी बनने का हुनर प्राप्त करके सक्षम और आत्मनिर्भर बन सकें.
– इस योजना का मुख्य लक्ष्य 16 वर्ष या उससे अधिक की लड़कियों/महिलाओं का कौशल विकास करना है ।
– इस योजना के तहत सीधे राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अनुदान न देकर संस्था/संगठन यहां तक कि गैर सरकारी संगठन को सीधे ही पहुंचाया जाता है, ताकि अधिक से अधिक महिला तक इस योजना का लाभ आसानी से पहुंच सके.

4. स्वाधार गृह योजना


– विपरीत परिस्थितियों में जीने को मजबूर महिलाओं के पुनर्वास के लिए 2002 में महिला और बाल विकास मंत्रालय ने स्वधार योजना शुरू की थी.
– इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को भोजन और आश्रय, कानूनी परामर्श, चिकित्सा सुविधाएं और व्यावसायिक प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं.
– इस योजना के माध्यम से महिलाओं को अपना जीवन फिर से शुरू करने के लिए शारीरिक और मानसिक मजबूती प्रदान की जाती है ताकि वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकें.



5. महिला शक्ति केंद्र योजना

– ये योजना महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण मिशन की एक कड़ी है.
– समाज से लिंगभेद ख़त्म करना और लिंगानुपात को संतुलित करना.
– बालिकाओं के अस्तित्व, संरक्षण और शिक्षा को सुनिश्चित करना. साथ ही महिलाओं की क्षमता को पहचान कर उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण देकर उन्हें सशक्त बनाना.
– सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना.
– ग्रामीण महिलाओं को उनके अधिकार से संबंधित किसी भी मुद्दे पर सरकार से संपर्क करने के लिए इंटरफेस प्रदान करना.
– ऐसे परिवेश का निर्माण करना, जिसमें महिलाएं अपनी पूर्ण क्षमता का इस्तेमाल कर सकें.
– केंद्र सरकार देश के 115 सबसे पिछड़े जिलों में महिला शक्ति केंद्र स्थापित करेगी, जहां महिलाओं के कौशल विकास, रोजगार, डिजिटल साक्षरता, स्वास्थ्य और पोषण आदि सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.
सरकार इस अवधि के दौरान 150 अतिरिक्त जिलों में One Stop Center की स्थापना करेगी, जो विमेन हेल्पलाइन से जुड़ी होगी और 24 घंटे महिलाओं को आपातकालीन और गैर आपातकालीन सुविधाएं प्रदान करेगी.
– साथ ही 640 ज़िलों में बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना को आधार प्रदान करेगी.

6. महिला ई हाट

– अगर आपमें ज्वेलरी, डेकोरेटिव आइटम्स, गिफ्ट की चीज़ें. बैग, पर्स आदि बनाने का हुनर है तो आप इस योजना का लाभ ले सकती हैं.
– इस योजना का मुख्य उद्देश्य घर पर रहनेवाली ऐसी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है, जिनमें कोई हुनर है और जो कुछ करना चाहती हैं.
– इस ई-हाट में कोई भी महिला ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर बिजनेस शुरू कर सकती है, वो भी बिना किसी चार्ज के.  
– इसके लिए सबसे पहले http://mahilaehaat-rmk.gov.in/en/join-us/ इस लिंक पर क्लिक करें और सारी डिटेल भरें.
– इसके लिए आपके पास आधार नंबर होना ज़रूरी है.
– डिटेल भरने के बाद आप जैसे ही अपनी एंट्री सबमिट करेंगे, तो आपका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा और आपका एक यूज़र आईडी और पासवर्ड क्रिएट हो जाएगा, जिससे आप अपना अकाउंट मेंटेन कर सकते हैं.
– बिजनेस शुरू करने के लिए आपने जो भी प्रोडक्ट घर पर बनाया है, उसकी एक अच्छी सी फोटो खींचकर महिला ई-हाट पोर्टल पर अपलोड कर दें. इस फोटो के साथ ही प्रोडक्ट की डिटेल भी दें और कीमत भी बताएं और बस घर बैठे आपकी कमाई शुरू.
– इससे संबंधित पूरी जानकारी उपरोक्त पोर्टल पर दी गई है.


7. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना

– इस योजना के अंतर्गत गरीब महिलाओं को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन मिलेंगे.
– योजना का मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना और उनकी सेहत की सुरक्षा करना है.
– इस योजना के माध्यम से सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाले जीवाश्म ईंधन की जगह एलपीजी के उपयोग को बढ़ावा देकर पर्यावरण को स्वच्छ रखने में महिलाओं की भूमिका को बढ़ाना चाहती है.

5 वुमन स्पेशल स्कीम्सः सस्ता लोन लेकर शुरू करें अपना व्यवसाय


महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है, जिसमें देश के बैंक भी अहम भूमिका निभा रहे हैं, जिनमें महिला वैभव लक्ष्मी, सिंड महिला शक्ति, मुद्रा स्कीम जैसी तमाम योजनाओं के तहत सस्ती दरों पर लोन मिल रहा है. इन योजनाओं को वुमन स्पेशल स्कीम्स के नाम से भी जाना जाता है. आइए जानें महिलाओं के लिए लॉन्च की गई इन खास 5 योजनाओं के बारे में.

1. मुद्रा योजना
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना स्वरोज़गार और छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए शुरू की गई है. इसकी दो ख़ास बातें हैं- इसके तहत लोन लेनेवाले चार लोगों में से तीन महिलाएं हैं, यानि महिलाओं के हित में यह मुद्रा स्कीम काफी फायदेमंद है, दूसरा इस योजना के तहत बहुत कम ब्याज में लोन लेकर आसानी से अपना व्यवसाय शुरू किया जा सकता है. इस योजना का लाभ किसी भी बैंक से लिया जा सकता है. मुद्रा योजना के तहत बिना गारंटी के लोन मिलता है. इसके अलावा लोन के लिए कोई प्रोसेसिंग चार्ज भी नहीं लिया जाता है. मुद्रा योजना में लोन चुकाने की अवधि को 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है. इसके अंतर्गत 50 हजार रुपए से 10 लाख रुपए का लोन आसानी से मिल जाता है.

2. वैभव लक्ष्मी
वर्तमान में बैंकों की ओर से महिलाओं के लिए कई स्पेशल स्कीम्स चलाई जा रही है, जिनमें से बैंक ऑफ बड़ौदा वैभव लक्ष्मी स्कीम भी एक है. इसमें महिला उद्यमी को लोन के लिए बैंक में अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट जमा करनी होती है, जिसके आधार पर बैंक उसे आसानी से लोन मुहैया कराता है. महिला को एक गारंटर देना होता है. इस स्कीम के तहत महिलाएं लोन लेकर घर का सामान भी ख़रीद सकती हैं.

3.  शक्ति
महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए विजया बैक वी शक्ति स्कीम भी उपलब्ध है. इस स्कीम के तहत लोन लेने की इच्छुक महिलाओं का विजया बैंक में अकाउंट होना ज़रूरी है. 18 साल या उससे अधिक आयु की महिलाएं आसानी से बैंक में लोन के लिए अप्लाई कर सकती हैं. इस योजना के तहत बैंक अधिकतम 5 लाख रुपये लोन देता है. इस योजना की सबसे खास बात यह है कि इसमें बैंक किसी तरह के गारंटर की मांग नहीं करता है. इस स्कीम के तहत लोन लेकर महिलाएं टेलरिंग, कैटरिंग, कैंटीन, टेलरिंग, अचार व मसाला, पापड़ बनाने, ब्यूटी पार्लर, क्रेच, प्ले स्कूल, ट्यूशन-कोचिंग क्लासेस, डिर्पाटमेंटल स्टोर, हैंडी क्राफ्ट, मलॉन्ड्री, बेकरी, ट्रैवल एजेंसी जैसे कारोबार शुरू कर सकती हैं.

4. सिंड महिला शक्ति:
सिंडिकेट बैंक की इस स्कीम के तहत हर साल करीब 20 हज़ार महिला कारोबारियों को लोन दिया जाता है. इसके तहत बैंक पांच करोड़ का लोन कम इंटरेस्ट रेट पर देता है. इतना ही नहीं इस लोन के साथ ही बैंक क्रेडिट कार्ड की भी सुविधा देता है। यह लोन 7 से 10 साल के लिए लिया जा सकता है.

5. विमन सेविंग:
महिला उद्यमियों को सही प्लेटफॉर्म देने के लिए एचडीएफसी बैंक भी अहम भूमिका निभा रही है. विमन सेविंग स्कीम के तहत विमन अकाउंट होल्डर महिलाओं को ईज़ी शॉप विमिन एडवांटेज कार्ड और लॉकर की सुविधा देता है. इसमें 200 रुपये की खरीदारी पर एक रुपया कैश बैक मिलता है. खरीदारी पर 5 फीसदी कैश बैक और 150 रुपए के खर्च पर एक रिवॉर्ड पॉइंट भी देता है, जिसे फ्युचर शॉपिंग में इस्तेमाल किया जा सकता है.

बेटियों के लिए भी हैं कई सरकारी योजनाएं


बेटियों के जन्म को बढ़ावा देने के लिए, उन्हें शिक्षित और जागरूक बनाने के लिए सरकार आए दिन नई योजनाएं लॉन्च कर रही है. इसका असर अब हर राज्य में देखने को मिल रहा है. कुछ ऐसी ही योजनाओं पर एक नज़र.

1. लाडली लक्ष्मी योजना
बालिका जन्म के प्रति लोगों में सकारात्मक सोच, लिंग अनुपात में सुधार, बालिकाओं के शैक्षणिक तथा स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार और उनके उज्जवल भविष्य की आधारशिला रखने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश में 1 जून 2015 को लाडली लक्ष्मी योजना लागू की गई थी. यह योजना 1 जनवरी 2006 के बाद जन्मी बालिकाओं पर लागू होती है, जिसके अंतर्गत बालिका के नाम से पंजीकरण के समय से लगातार पांच वर्षों तक 6-6 हजार मध्यप्रदेश लाडली लक्ष्मी योजना निधि में जमा किये जाएंगे अर्थात कुल 30000 रुपए राशि बालिका के नाम से जमा की जाएगी. बालिका के कक्षा 6 में प्रवेश लेने पर रु 2000, कक्षा 9 वीं में प्रवेश लेने पर 4000, कक्षा 11 वीं तथा 12वीं कक्षा में प्रवेश लेने पर 6000- 6000 रुपए ई-पेमेंट के माध्यम से किया जाएगा. अंतिम भुगतान रुपये 1 लाख का भुगतान बालिका की आयु 21 वर्ष होने पर तथा कक्षा 12 वीं परीक्षा में सम्मिलित होने पर किया जाएगा, बशर्ते बालिका का विवाह 18 वर्ष की आयु के पूर्व न हुआ हो.

2. माझी कन्या भाग्यश्री योजना
यह योजना महाराष्ट्र सरकार द्वारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के तर्ज़ पर काम करती है, एक लड़की के पैदा होने के बाद माता या पिता द्वारा परिवार नियोजन (नसबंदी) कराने के बाद सरकार की तरफ से लड़की के नाम पर 50,000 रुपये या दूसरी लड़की पैदा होने के बाद नसबंदी करने पर सरकार दोनों लड़कियों के नाम 25000-25000 रुपये बैंक में जमा करती है. लड़की की उम्र 6 साल और 12 साल पूरा होने पर बैंक में जमा धनराशि का ब्याज निकाला जा सकता है. लड़की की उम्र 18 साल होने बाद मूलधन और ब्याज दोनों ही निकाला जा सकता है. तीसरी लड़की पैदा होने पर योजना का लाभ नहीं मिलेगा और पहली व दूसरी लड़की को मिला लाभ भी सरकार रोक देगी. बाल गृह में रह रही अनाथ बच्चियों को भी इस योजना का लाग मिलेगा. इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी लड़की व उसकी मां के नाम राष्ट्रीयकृत बैंक में संयुक्त खाता खोला जाएगा. दोनों को इसके तहत 1 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा और 5,000 रुपये का ओवर ड्राफ्ट भी प्राप्त होगा.

3. सुकन्या समृद्धि योजना


सुकन्या समृद्धि योजना गर्ल चाइल्ड के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक छोटी बचत योजना है. ये योजना भी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ स्कीम के तहत लांच की गई है. 10 साल से कम उम्र की बच्ची के लिए उच्च शिक्षा और शादी के लिए बचत करने के लिहाज़ से ये एक अच्छी निवेश योजना है. बहुत कम रकम के साथ खुलने वाला ये खाता दरअसल उन परिवारों को ध्यान में रखकर शुरू किया गया है, जो छोटी-छोटी बचत के जरिये बच्चे की शादी या उच्च शिक्षा के लिए रकम जमा करना चाहते हैं. इस योजना के अंतर्गत 1 हज़ार से डेढ़ लाख तक रुपए सलाना जमा कराया जा सकता है. हर साल एक निश्‍चित अमाउंट 14 साल तक जमा करना होता है. बेटी के 18 साल के होने पर खाते में से आधा पैसा निकाला जा सकता है और 21 साल होने के बाद खाता बंद कर दिया जाता है.

4. धनलक्ष्मी योजना
यह केंद्र सरकार की योजना है जो 2008 में लॉन्च हुई थी. इस योजना के तहत बेटी का जन्म-पंजीकरण, टीकाकरण, शिक्षा और 18 वर्ष की आयु के बाद ही विवाह किए जाने पर 1 लाख रुपए की बीमा राशि दिए जाने का प्रावधान है. यह योजना छत्तीसगढ़ में लागू की गई है.

5. मुख्यमंत्री शुभलक्ष्मी योजना
यह योजना राजस्थान में बेटी जन्म को प्रोत्साहित करने एवं मातृ मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से लागू की गई थी. इस योजना के अंतर्गत सरकारी अस्पतालों में बालिका के जन्म होने पर प्रसूता को 2100 रुपए का चेक दिया जाता है और बेटी के जन्म के एक साल पूरे होने पर टीके लगवाने पर 2100 रुपए का चेक फिर से दिया जाता है. पांच वर्ष पूरे होने पर मां को 3100 रुपए का चेक. कुल मिलाकर बेटी की मां को 7300 रुपए की राशि प्रदान की जाती है.

इन पांच प्रमुख योजनाओं के अलावा कई अन्य राज्यों और केंद्र शासन की और भी कई योजनाएं हैं जो बेटी जन्म और बेटी की साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए लागू की गई हैं, जिनमें बेटी है अनमोल, रक्षक योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, गर्ल चाइल्ड प्रोटेक्शन स्कीम और मुख्यमंत्री कन्यादान योजना प्रमुख हैं.


Pratibha Tiwari

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Pratibha Tiwari

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