“उसकी एक नायिका वासु बचपन में इन पेड़ों आसमान के गहरे प्रतिबिंबवाले पानी में पैर डालने में इतना रोती और…
“प्यार करते हो क्या किसी से?...” वे अपने प्रश्न पर शरारत से मुस्कुराईं. वे पेपर के रंगीन बोट-प्लेन बनाकर अलग…
पारिजात की कहानियों की नायक-नायिका भी तो अक्सर यूं ही बाग-बगीचों, फूलों, तितलियों, झरनों को छूते, निहारते नज़र आ जाते…