"कुछ बात करनी थी. सॉरी कहना था..." मैंने धीरे-से कहा, वो आराम से बोली, "मैंने पहले भी कहा था आपको.…
"कुछ बोलोगी प्लीज़?" मैं बेसब्र हो रहा था, वो मेरी आंखों में आंखें डालकर बोली, "मैंने आपसे कुछ कहा है?…
मुझे बहुत ग़ुस्सा आ रहा था, इस ज़रा-सी घटना को इतना तूल क्यों दिया जा रहा था? मैंने सिंदूर समझकर…
मैं हैरान रह गया था. किस ज़माने में जी रहा है ये परिवार? जैसे-जैसे दिन बीतता गया, मेरी हैरत बढ़ती…
भइया भावविभोर हुए जा रहे थे और मेरे लिए हंसी रोकना मुश्किल हो रहा था. ये चल क्या रहा था?…