कहानी- परिदृश्य

कहानी- परिदृश्य 3 (Story Series- Paridrishay 3)

ख़ुशी की तरंग मेरे मन को, समूचे जिस्म को रोमांचित कर रही थी. मेरे जीवन की फिल्म का परिदृश्य यकायक…

June 5, 2019

कहानी- परिदृश्य 2 (Story Series- Paridrishay 2)

काश, मैं व़क्त के इस अंतराल को मिटाकर अपनी भूल को सुधार पाती, किंतु गुज़रा व़क्त क्या कभी लौट पाया…

June 4, 2019

कहानी- परिदृश्य 1 (Story Series- Paridrishay 1)

काश क़ानून की किताब में कोई ऐसा प्रावधान होता, जो मन पर रोक लगाने में भी सक्षम होता. मन तो…

June 3, 2019
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