“नहीं, ऐसा तो मैं सोच भी नहीं सकती. भगवान करे आप दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति करें. मां की जासूसी…
“यार शिव, मुझे बड़ी चिंता हो रही है. अब तो बता अचानक ऐसी क्या बात हो गई कि तुझे एकदम…
'मुझे प्लॉट ढूंढ़ने के लिए कहीं भटकना नहीं पड़ता. अपने दैनिक घटनाक्रम में, आसपास के लोगों में ही मुझे लिखने…
ऑफिस से लौटे मामाजी बच्चों को गरम-गरम जलेबी और कचौड़ी के लिए पुकार रहे थे. सारे बच्चे ताश की बाज़ी…
उपनाम रखना तो लेखकों का शग़ल होता है, लेकिन यह एस. कहीं शिव तो नहीं? एकाध पत्र-पत्रिका में फोटो भी…