“आत्मा की मुक्ति अपने अच्छे-बुरे कर्मों से होती है, किसी कर्मकांड से नहीं और आज एक बात कान खोलकर सुन…
“वो क्या रोकता. वो तो अपनी मां का पिछलग्गू था. मैंने भी सोचा, परे हटाओ ऐसे मरद को, जो दुख-दरद…
कहने को तो पूरा परिवार देवी मां का परम भक्त था, लगभग रोज़ ही किसी न किसी घर में देवी…