हास्य काव्य

हास्य काव्य- श्रीमतीजी की होली (Poem-Shrimatiji Ki Holi)

होली की चढ़ती खुमारी मेंचटकीले रंगों भरी पिचकारी मेंश्रीमान का जाम छलकता हैकुछ नशा सा ज्यों ही चढ़ता हैपड़ोसन को…

March 24, 2024
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