Categories: FILMEntertainment

बॉलीवुड के 12 अंडररेटेड एक्टर्स, जिन्हें बेशुमार टैलेंट के बाद भी इंडस्ट्री ने नहीं दिया सलमान-शाहरुख़ जैसा स्टारडम! (12 Most Underrated Actors In Bollywood)

राजकुमार राव भले ही नेशनल अवार्ड हासिल कर चुके हों लेकिन उन्हें आज भी वो स्टारडम नहीं मिला जिसके वो हक़दार हैं. लव सेक्स और धोखा जैसी एक्सपेरिमेंटल मूवी से अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत करनेवाले राजकुमार की गिनती मंजे हुए कलाकारों में होती है और हर किरदार पर उनकी वाहवाही भी होती है लेकिन अन्याय यह है कि उन्हें स्टार या सूपर स्टार की नज़र से आज भी नहीं देखा जाता. अलीगढ़, स्त्री, सिटीलाइट्स, न्यूटन जैसी फ़िल्में करने के बाद भी राजकुमार को बॉलीवुड ने अब तक वो नहीं दिया जिसके वो वाक़ई हक़दार हैं.

रणदीप हुड्डा अपने अलग अंदाज़ के लिए जाने जाते हैं और उनके इस अंदाज़ को सभी पसंद करते हैं लेकिन उनका फ़िल्मी सफ़र उन्हें स्टार का दर्जा नहीं दिला पाया. सरबजीत जैसी फ़िल्म करने के बाद भी उन्हें इतना क्रेडिट नाहीं मिला जितना ऐशवर्या को मिला. रणदीप की अदाकारी के क़ायल तो सभी हैं लेकिन बात जब स्टारडम की हो तो उन्हें उनका वो मुक़ाम नहीं मिल पाता जो मिलना चाहिए था. हाइवे जैसी फ़िल्म करने के बाद भी सारी वाहवाही आलिया भट्ट को मिली, हालाँकि रणदीप की भी तारीफ़ ख़ूब हुई लेकिन दबे लफ़्ज़ों में.

राहुल बोस भले ही हार्डकोर कमर्शियल फ़िल्में नहीं करते लेकिन वो जो करते हैं कमाल करते हैं. अपने काम से उन्होंने यह साबित तो कर दिया कि हुनर की उनमें कोई कमी नहीं लेकिन इंडस्ट्री उन्हें इसके बदले ज़्यादा कुछ ना दे सकी. मिस्टर एंड मिसेज़ अय्यर के अलावा राहुल ने पैरलल सिनेमा में ही ज़्यादा काम किया है लेकिन उनकी चर्चा स्टार के तौर पर कभी नहीं होती.

मनोज बाजपेयी ने दूरदर्शन के स्वाभिमान नाम के सीरीयल से अपना करियर शुरू किया था. उसके बाद उन्हें बैंडिट क्वीन में काम मिला. मनोज मंजे हुए कलाकार हैं तभी तो उन्होंने शूल, सत्या, अलीगढ़, अक्स, गैंग्स ओफ वासेपुर जैसी फ़िल्मों में अपनी छाप छोड़ी. उनकी तारीफ़ बहुत होती है लेकिन उन्हें स्टार कलाकार के रूप में आज भी नहीं देखा जाता.

अभय देओल के पास ना टैलेंट की कमी है और ना ही गुड लुक्स की लेकिन उन्हें भी इंडस्ट्री से वो नहीं मिला जिसके वो हक़दार थे. रांझना, देव डी, एक चालीस की लास्ट लोकल, ओए लकी लकी ओए… ऐसी कई फ़िल्में हैं जिसमें अभय ने अपने उम्दा अभिनय का लोहा मनवाया, लेकिन वो स्टार नहीं बन पाए.

नवाजुद्दीन सिद्दीक़ी भी अलग तरह के किरदार निभाने के लिए जाने जाते हैं. अपनी हर फ़िल्म में वो खूब तारीफ़ें बटोरते हैं लेकिन स्टार का दर्जा उन्हें भी हासिल नहीं हुआ. माँझी द माउंटन मैन जैसी फ़िल्म करने के बाद भी उन्हें पैरलल सिनेमा के लिए परफ़ेक्ट माना जाना लगा लेकिन उन्होंने कमर्शियल सिनेमा में भी उतना ही बेहतरीन काम किया फिर भी स्टार की नज़र से उन्हें नहीं देखा जाता.

आयुष्मान खुराना को भले ही कामयाब अभिनेता का दर्जा मिला हो लेकिन वो स्टारडम अब तक नहीं मिला जो शायद बहुत पहले मिल जाना चाहिए था. विकी डोनर, ड्रीमगर्ल, अर्टिकल 15 जैसी फ़िल्मों ने ना सिर्फ़ एक कलाकार के रूप में बल्कि सिंगर के तौर पर भी उन्हें स्थापित कर दिया था पर फिर भी ऐसा लगता है कि जितनी उनमें खूबियाँ हैं उसके अनुसार उन्हें सब कुछ नहीं मिला.

के के मेनन ने अलग तरह का सिनेमा ज़रूर किया है लेकिन उनका हुनर बहुत ज़्यादा है. गुलाल, लाइफ इन ऐ मेट्रो जैसी फ़िल्मों के अलावा उन्होंने गुजराती, मराठी, तेलुगु और तमिल फ़िल्में भी की हैं और स्टेज व टीवी पर भी वो उतने ही एक्टिव हैं. लेकिन इतना सब होने के बाद भी इंडस्ट्री ने उन्हें बदले में देने में कंजूसी ही की.

आशुतोष राणा एक समय में सबके फेवरेट थे. उन्होंने भी स्वाभिमान धारावाहिक से अपना सफ़र शुरू किया और बड़े पर्दे पर अपना जोहार भी खूब दिखाया. दुश्मन का वो सिरफिरा पोस्ट मैन हो या फिर संघर्ष का वो डरावना अवतार आशुतोष ने हर भूमिका के साथ न्याय किया लेकिन इंडस्ट्री ने उनके साथ अन्याय किया इसीलिए देखते ही देखते इतना उम्दा कलाकार लगभग ग़ायब सा हो गया.

अक्षय खन्ना ने कम ही फ़िल्में की हैं लेकिन हमराज़, दिल चाहता है, ताल, हंगामा और गांधी माय फादर जैसी फ़िल्मों में उन्होंने अपने अभिनय से सबको जता दिया कि वो किसी से कम नाहीं लेकिन इंडस्ट्री उनके हुनर को वो सम्मान नहीं दे सकी जो उन्हें मिलना चाहिए था.

इरफ़ान खान भले ही हमारे बीच नहीं रहे लेकिन उनकी बेजोड़ कलाकारी ने सबको मंत्र मुग्ध किया हुआ है. इंडस्ट्री के मोस्ट टैलेंटेड अभिनेताओं में इरफ़ान का नाम सबसे ऊपर रहा है लेकिन उन्हें भी वो स्टारडम कभी नहीं मिला जिसका सपना हर कलाकार करता है. सलाम बॉम्बे, पान सिंह तोमर, मक़बूल, अंग्रेज़ी मीडियम, लंच बॉक्स जैसी फ़िल्मों के अलावा इरफ़ान ने ब्रिटिश व अमेरिकन सिनेमा में भी काम किया है. उन्हें नेशनल अवार्ड के अलावा पद्मश्री से भी नवाज़ा जा चुका है.

सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या ने सबको जहां चौंका दिया वहीं कई सवाल इस इंडस्ट्री के लिए भी खड़े कर दिए. धोनी, पीके, काई पो चे, छिछोरे जैसी फ़िल्मों के ज़रिए उन्होंने यह साबित कर दिया था कि वो यहां लम्बी पारी खेलने आए हैं लेकिन उन्हें भी कुछ ना कुछ तो साल रहा था इसीलिए वो स्टारडम नहीं मिला जिसके वो हक़दार थे.

Geeta Sharma

Share
Published by
Geeta Sharma

Recent Posts

ग़ज़ल- तुम्हारे प्यार के होने की कहानी… (Poem- Tumhare Pyar Ke Hone Ki Kahani…)

ये धड़कनें भी अजीब हैंकभी-कभी बेवजह धड़कती हैंसांस लेने के लिएदिल पूछता हैजब तुम नहीं…

November 19, 2024

कहानी- मां की सीख (Short Story- Maa Ki Seekh)

राजेश मां की बातें सुन कर आश्चर्य एवं आक्रोश से कह उठा, "मां, कई वर्षो…

November 19, 2024

लेक आणि जावयाच्या पहिल्या लग्नाच्या वाढदिवसा निमित्ताने परिणीताची आई रीना चोप्रा यांनी भेट केलं स्वतः रेखाटलेलं सुंदर चित्र (Parineeti Chopra And Raghav Get Special Anniversary Gift From Her Mom Reena, And It’s ‘Hand-Painted’)

अभिनेत्री परिणीती चोप्राचं गेल्यावर्षी २४ सप्टेंबरला आम आदमी पक्षाचे खासदार राघव चड्ढा यांच्याबरोबर लग्न झालं.…

November 19, 2024

असित मोदीसोबतच्या भांडणांच्या चर्चांवर जेठालालने सोडलं मौन(Jethalal Dilip Joshi Holds Producer Asit Modi’s Collar In Massive Fight, Threatened Producer To Leave The Show, Now Jethalal Reveals The Truth)

टेलिव्हिजनचा सर्वात लोकप्रिय शो 'तारक मेहता का उल्टा चष्मा' हा बऱ्याच काळापासून सर्वांचा आवडता शो…

November 19, 2024
© Merisaheli