80+ वास्तु टिप्सः बेडरूम से लेकर किचन तक वास्तु के अनुसार सजाएं घर का हर कमरा(80+ Vastu Tips: From Bedroom To Kitchen Vastu Guide For Your Home)
हर कोई चाहता है कि उसका घर ख़ूबसूरत नज़र आए और घर में हमेशा ख़ुशहाली रहे. वास्तु के अनुसार घर का हर कमरा सजाने से आप हर तरह की तकलीफ़ों से अपने परिवार को बचा सकते हैं. हम आपको बता रहे हैं वास्तु के अनुसार घर सजाने के आसान टिप्स, ताकि आपके जीवन में हमेशा ख़ुशहाली बनी रहे.
लिविंग रूम
लिविंग रूम घर का सबसे ख़ूबसूरत कमरा होता है. यदि आप चाहते हैं कि लिविंग रूम की ख़ूबसूरती बरक़रार रहने के साथ घर में सुख-शांति और समृद्धि भी आए, तो इन वास्तु टिप्स को अपनाएं.
मुख्य द्वार के ठीक सामनेवाला लिविंग रूम बेहद शुभ होता है.
पूर्व और उत्तर दिशा की तरफ़ अधिक खुले हुए लिविंग रूम शुभ फलदायी होते हैं.
प्रकाशमय लिविंग रूम वास्तु के अनुसार बेहद शुभ माने जाते हैं.
ऐसा लिविंग रूम जिसकी खिड़की बहुत बड़ी तथा अंदर की ओर खुलनेवाली हो, उसे न ख़रीदें, क्योंकि ये वास्तु की दृष्टि से अशुभ होता है.
लिविंग रूम की दीवार से सटे फर्नीचर्स सौभाग्यवर्द्धक माने जाते हैं. परंतु सोफा के ठीक पीछे खिड़की या दरवाज़े का होना अशुभ होता है. ऐसे में दीवार पर आईना लगाकर इस दोष को दूर किया जा सकता है.
लिविंग रूम में धारदार फर्नीचर न रखें. इससे परिवार के सदस्यों को क्षति पहुंच सकती है.
वास्तु के अनुसार लिविंग रूम में अधिक से अधिक खिड़कियां होनी चाहिए.
यदि आपने ड्रॉइंग रूम में अपने पूर्वजों की फोटोज़ लगाई हैं, तो उन्हें व्यवस्थित तरी़कें से रखें.
ड्रॉइंग रूम में ताज़े फूलों का वॉस रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
ड्रॉइंग रूम के मुख्य दरवाज़े पर तोरण ज़रूर लगाएं.
रूम में ग़ुस्से, उदासी, मौत और रोने वाली तस्वीरें न लगाएं.
प्रमुख बैठक के कमरे में सोफा आदि बैठने का फर्नीचर पश्चिम या दक्षिण दिशा में रखना चाहिए. साथ ही मकान मालिकों को पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठना चाहिए.
हमेशा चौड़े मुख्य द्वार वाला मकान खरीदें. ऐसे घर बेहद शुभ होते हैं, क्योंकि इससे सकारात्मक ऊर्जा घर में आसानी से प्रवेश करती है, जिससे घर का माहौल शांतिपूर्ण बना रहता है.
पतले या छोटे मुख्य द्वार वाला मकान न खरीदें, इससे घर में नियमित कलह होने की आशंका रहती है.
ऐसे मकान जिसके मुख्य द्वार के सामने पेड़, पौधे, सीढ़ी या दीवार हो, उसे भी न खरीदें, क्योंकि अवरोधित मुख्य द्वार की वजह से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश रुक जाता है, जिससे कि घर के सदस्यों का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है.
बेडरूम
बेडरूम घर का वह महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जहां पर दंपति अपना अधिकतर समय व्यतीत करते हैं, इसलिए बेडरूम में ऐसी चीज़ें को न रखें, जिससे रिश्तों में रुकावट या दरार आए. हम यहां पर दंपतियों के लिए कुछ आसान टिप्स बता रहे हैं:
बेडरूम में टूटी हुई चीज़ें, जैसे- घड़ी, वॉल हैंगिंग, डेकोरेटिव्स आइटम्स, बिजली का सामान, पेंटिंग और मशीनें आदि न रखें. बेडरूम को हमेशा सजाकर रखें. यहां कबाड़ न जमा होने दें.
बेडरूम में अरोमा कैंडल्स जलाएं और परफ्यूम का स्प्रे करें.
रिश्तों में मधुरता, समानता और ऊर्जा बनाए रखने के लिए बेडरूम में दक्षिण-पश्चिम कोने में दो गुलाबी कैंडल और रोज़ क्वार्ट्ज़ रखें. इन कैंडल्स को रोज़ाना दस मिनट तक एक साथ जलाएं और फिर बुझा दें. ऐसा 43 दिनों तक करें.
पति-पत्नी की फोटो दक्षिण-पश्चिम दिशा में लगाएं. ऐसा करने से रिश्ते में प्यार बढ़ता है.
बेडरूम में वॉटर फाउंटेन, एक्वेरियम, लड़ाई और सिंगल वुमन की तस्वीरें न लगाएं.
भगवान व पूर्वजों के फोटोज़ बेडरूम में न लगाएं. इससे वैवाहिक जीवन में दूरियां आती हैं.
बेडरूम में मंदिर कभी न रखें. कई लोग घर छोटा होने के कारण बेडरूम में मंदिर रख देते हैं, लेकिन ऐसा करना सही नहीं है. ऐसी स्थिति में किचन में मंदिर रखें.
बेडरूम में फ्रिज या कंप्यूटर आदि नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इनसे निकलने वाली हानिकारक तरंगें शरीर पर दुष्प्रभाव डालती हैं, पर यदि टीवी रखना ही होे, तो उसे कैबिनेट के अंदर या ढंककर रखें.
कभी-कभी पति-पत्नी में मनमुटाव का कारण बच्चा न होना भी होता है, इसलिए जो महिलाएं गर्भधारण नहीं कर पा रही हैं, वे बेडरूम की दक्षिण-पश्चिम दीवार पर बच्चे या खिलते फूलों की फोटो लगाएं.
बेडरूम में खिड़की के पास बेड नहीं होना चाहिए.
बेडरूम में मौसमी फल रखने चाहिए.
बेडरूम की बाहरी दीवारों पर टूट-फूट या दरार नहीं होनी चाहिए.
सोने के लिए लकड़ी का ऐसा बेड चुनें, जिसके नीचे स्टोरेज न हो. वास्तु के अनुसार लकड़ी से बना बेड सेहत की दृष्टि से उपयुक्त होता है. मेटल से बने बेड का चुनाव न करें, इससे तबीयत बिगड़ सकती है.
बेडरूम में आईना नहीं लगवाना चाहिए. इसका सेहत पर बुरा असर पड़ता है. यदि आपके बेडरूम में आईना लगा है, तो रात में सोने से पहले उसे ढंक दें, वरना आईने से निकलने वाली नकारात्मकता आपकी सेहत बिगाड़ सकती है. बेहतर होगा कि अलमारी के अंदर आईना लगवाएं, इससे आईना ख़ुद ब ख़ुद छिप जाएगा.
बेडरूम में बेड को दक्षिण दिशा में रखें, ताकि सोते समय आपका सिर दक्षिण की ओर और पैर उत्तर की तरफ़ हों या फिर बेड को पश्चिम दिशा में दीवार से सटाकर रखें और पश्चिम दिशा में सिर रखकर सोएं. ऐसा करने से बुद्धि का विकास होता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है.
नवदंपति का बेडरूम यदि उत्तर दिशा में हो, तो ये अत्यधिक उत्तम होता है. इससे उनके बीच प्रेम बढ़ता है और संतान-सुख की प्राप्ति होती है.
नवदंपति अपने बेडरूम में गोलाकार व अंडाकार शेपवाले बेड न रखें.
नवदंपति अपने डबलबेड पर भूलकर भी अलग-अलग सिंगल मैट्रेस न बिछाएं. इससे दोनों के रिश्तों में दरार आती है.
बेडरूम के लिए हल्के गुलाबी रंग का चुनाव करें, गुलाबी रंग दंपति के आपसी प्रेम को बढ़ाता है.
वास्तु के अनुसार, उत्तर-पश्चिम दिशा में अलमारी रखना शुभ होता है. इससे घर में धन की बढ़ोतरी होती है.
धन में बढ़ोतरी के लिए कैश लॉकर को उत्तर या पूर्व दिशा में रखें. ऐसा करने से पैसों की कमी कभी नहीं होती है.
किचन
किचन का संबंध पूरे परिवार की सेहत से जुड़ा होता है इसलिए किचन के वास्तु पर ख़ास ध्यान देना जरूरी है. किचन डिज़ाइन करते समय वास्तु के इन नियमों का ध्यान जरूर रखें.
किचन के लिए सर्वोत्तम स्थान पूर्व-दक्षिण कोना यानी अग्नि कोण माना गया है.
अच्छी सेहत के लिए हमेशा पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके खाना बनाना एवं खाना चाहिए. दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके न ही खाना बनाएं और न ही खाएं. खाने-पीने के लिए यह दिशा बेहद अशुभ होती है.
किचन में फ्रिज, मिक्सर और भारी सामान दक्षिण व पश्चिम दीवार से सटाकर रखें.
इस बात का ख़ास ध्यान रखें कि किचन के ठीक सामने टॉयलेट न हो.
मुख्य द्वार खुलते ही किचन न दिखाई दे.
किचन का दरवाज़ा खुला हुआ हो, ताकि सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह में बाधा न आए.
किचन के दरवाज़े के ठीक सामने फ्रिज या गैस का बर्नर न हो. यदि ऐसा है, तो इसके बीचोंबीच क्रिस्टल टांग दें.
किचन में अंधेरा न हो, ज़्यादा से ज़्यादा प्राकृतिक रोशनी हो.
किचन की दीवारों पर लाल रंग न लगा हो, क्योंकि किचन अग्नि तत्व से प्रभावित होता है.
गैस या चूल्हे को सिंक या फ्रिज से सटाकर न रखें, क्योंकि जल एवं अग्नि तत्व को साथ में रखना अशुभ होता है.
ख़राब चूल्हे या गैस बर्नर को बदल दें, वरना इससे व्यवसाय में कठिनाई आ सकती है.
फ्रिज को दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें. इससे अच्छे पारिवारिक संबंध स्थापित होते हैं और संपन्नता बढ़ती हैं. इसे भूल से भी दक्षिण दिशा में न रखें, क्योंकि दक्षिण दिशा अग्नि का सूचक होता है और फ्रिज का तापमान ठंडा होता है.
उत्तर दिशा में बना सिंक शुभ होता है, क्योंकि इस दिशा का संबंध पानी से होता है. वैसे आप चाहें तो दक्षिण दिशा को छोड़कर सिंक किसी भी दिशा में लगा सकती हैं, क्योंकि दक्षिण क्षेत्र अग्नि तत्व का प्रतीक है. इस क्षेत्र में आग और पानी दोनों को साथ में रखना ठीक नहीं है.
वॉशिंग मशीन को उत्तर दिशा में रखा जाना चाहिए, क्योंकि वॉशिंग मशीन में पानी का उपयोग किया जाता है और इस दिशा का तत्व भी पानी होता है.
डायनिंग रूम
वास्तु के अनुसार, डायनिंग रूम बनवाने से अन्न-धन में बढ़ोतरी होती है. अगर आप भी अपने घर में धन-धान्य की बढ़ोतरी चाहते हैं, तो यहां पर बताए गए वास्तु टिप्स को अपनाएं.
डायनिंग रूम बनवाने के लिए पूर्व, दक्षिण और पश्चिम दिशा शुभ होती है. आप अपनी सुविधानुसार किसी भी एक दिशा का चुनाव कर सकते हैं.
डायनिंग रूम की दीवारों को कलर कराने के लिए पिंक या ऑरेंज कलर का का चुनाव करें. ये दोनों कलर डायनिंग रूम के लिए शुभ होते हैं.
डायनिंग रूम के लिए अगर संभव हो, तो अलग से कमरे का चुनाव करें.
डायनिंग टेबल को दीवार से सटाकर रखने की ग़लती न करें. इसे कमरे के बीचोंबीच रखें.
बाथरूम के बगल में डायनिंग रूम या डायनिंग टेबल सेट न करें.
घर में अन्न-धन की वृद्धि के लिए डायनिंग रूम के उत्तर, उत्तर-दिशा या पूर्व दिशा की दीवार पर आईना लगाएं.
राउंड शेप वाले डायनिंग टेबल को प्राथमिकता दें.
नुकीले किनारेवाले डायनिंग टेबल न ख़रीदें.
भोजन पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके करना चाहिए, दक्षिण या पश्चिम की ओर नहीं.
मुख्य द्वार के ठीक सामने डायनिंग टेबल न रखें.
बच्चों का कमरा
बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए माता-पिता हर मुमकिन कोशिश करते हैं, लेकिन कई बार बुद्धिमान बच्चा भी ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाता, उसका व्यवहार गुस्सैल हो जाता है, कई बार बच्चे का किसी काम में मन नहीं लगता. इन सबकी वजह आपके बच्चे के कमरे का गलत वास्तु भी हो सकता है. बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक विकास के लिए उनके कमरे को सजाएं वास्तु शास्त्र के अनुसार.
आपके बच्चे का कमरा पूर्व, उत्तर, पश्चिम या वायव्य दिशा में हो, तो इससे आपका बच्चा जीवन में बहुत तरक्की करेगा.
इस बात का खास ध्यान रखें कि बच्चे का कमरा दक्षिण, नैऋत्य या आग्नेय कोण में न हो.
पढ़ाई करते समय आपके बच्चे का मुंह पूर्व दिशा की ओर तथा पीठ पश्चिम दिशा की ओर होनी चाहिए.
यदि आप अपने बच्चे के कमरे में कंप्यूटर रखना चाहते हैं, तो बेड से दक्षिण दिशा की ओर आग्नेय कोण में कम्प्यूटर रखें.
आपका बच्चा जिस क्षेत्र में करियर बनाना चाहता है, उस क्षेत्र के सफल लोगों की फोटोग्राफ्स अपने बच्चे के कमरे में सजाएं. यदि ऐसा न करना चाहें, तो मां सरस्वती या गणेश जी की फोटो बच्चे के कमरे में पूर्व दिशा में लगा सकते हैं.
अपने बच्चे को पूर्व दिशा में सिर रखकर सोने को कहें. ऐसा करने से बच्चे का पढ़ाई में मन लगेगा और वह जीवन में उन्नति करेगा.
बच्चों की पढ़ाई के टेबल के सामने आईना न रखें. बच्चों की पढ़ाई के टेबल के सामने मां सरस्वती का चित्र लगाएं, बच्चों से कहें कि मां सरस्वती के प्रति श्रद्धा रखें. इससे बच्चों की याददाश्त बढ़ती है.
घर में कहीं भी बहुत समय तक कबाड़ इकट्ठा करके न रखें. ऐसा करने से आपके बच्चे परीक्षा में फेल हो सकते हैं.
इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि अपने बच्चे के पहने हुए या उतारे गए मैले कपड़ों को कभी भी धुले हुए कपड़ों के साथ न रखें. इससे बच्चे की उन्नति पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है.
बच्चों के कमरे में बेड के पास गलीचे न बिछाएं. इससे उस जगह ऊर्जा का बहाव रुक जाता है और बच्चे बीमार पड़ने लगते हैं.
टॉयलेट-बाथरूम
टॉयलेट और और बाथरूम ऐसे स्थान हैं, जहां से पानी हमेशा घर से बाहर की ओर बहकर निकलता है और पानी का बहना अर्थात् धन का व्यर्थ बहना माना जाता है, इसलिए इन्हें घर के अंदर के मुख्य कमरों से दूर बनाना चाहिए, जिससे धन व्यर्थ न जाए.
मुख्य द्वार के ठीक सामने बने टॉयलेट या बाथरूम अशुभ होते हैं. इससे धन और स्वास्थ्य की हानि होती है.
इसी तरह उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम कोनों में भी बाथरूम या टॉयलेट नहीं होना चाहिए.
सीढ़ियों के नीचे बने टॉयलेट या बाथरूम भी अशुभ होते हैं.
इस बात का ध्यान रखें कि बाथरूम या टॉयलेट के दरवाज़ेे के ठीक पीछे नल, सिंक आदि न हों.
बाथरूम में टब या शॉवर हमेशा उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए. भूल से भी नहाने का टब या शॉवर दक्षिण दिशा की ओर न हो, क्योंकि दक्षिण दिशा अग्नि तत्व से जुड़ी होती है.
यदि बाथरूम का कोई हिस्सा पहले से ही दक्षिण दिशा की ओर है और इसे बदला नहीं जा सकता तो इसके पास कोई काली वस्तु रख दें. इससे कुप्रभाव कम होगा.
बाथरूम में जितनी चीज़ें ज़रूरी हों, उतनी ही रखें. अनावश्यक शैम्पू-लोशन इत्यादि रखकर भीड़ न बढ़ाएं. साथ ही बाथरूम और टॉयलेट को स्वच्छ रखने की कोशिश करें.
अपने बाथरूम को हफ्ते में 2-3 बार सा़फ़ करें. वास्तु के अनुसार बाथरूम की सफ़ाई का असर घर की आर्थिक स्थिति पर भी पड़ता है.
वास्तु के अनुसार बाथरूम में मिरर दरवाज़े के पीछे होना चाहिए. क्योंकि जब-जब बाथरूम का दरवाज़ा खुलता है, तब-तब घर की नकारात्मक ऊर्जा बाथरूम में प्रवेश करती है. अगर मिरर दरवाज़े के ठीक सामने होगा तो नकारात्मक ऊर्जा पुन: वापस आ जाती है.
नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए करें ये वास्तु उपाय
घर में प्रवेश करती नकारात्मक ऊर्जा न सिर्फ हमारे स्वास्थ्य पर गहरा असर डालती है, बल्कि हमारी मानसिक स्थिति को भी प्रभावित करती है. नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए आप निम्न वास्तु टिप्स ट्राई कर सकते हैंः
नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए लकड़ी के दरवाज़े का चुनाव करें, ये घर को बुरी नज़र से बचाता है.
घर को नकारात्मकता एवं बुरी नज़र से बचाने के लिए घर के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक का चिह्न लगाएं.
घर के हर एक कमरे में गुलाल धूप जलाएं.
ऐसा करने से वातावरण में मौजूद दबाव/तनाव कम हो जाता है.
हफ्ते में दो बार पूरे घर में समुद्री नमक का छिड़काव करें. इससे नकारात्मकता कम होती है.
नकारात्मकता दूर करने एवं सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए मंत्रों का उच्चारण या उनसे जुड़ा संगीत सुनना भी लाभप्रद सिद्ध होता है.
योग व ध्यान के माध्यम से भी आप अपने घर को नकारात्मकता से दूर रख सकते हैं. इसके लिए उचित व शांत जगह पर बैठकर ध्यान करें और महसूस करें कि आपका पूरा घर नीले रंग के सुरक्षा कवच से घिरा हुआ है.
घर को नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिए मुख्य द्वार के ठीक ऊपर घोड़े की नाल लगाएं. इससे नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं कर पाएगी.