Health & Fitness

ज़मीन पर बैठकर खाने के 9 फ़ायदे (Health Benefits of Sitting on the Floor while Eating)

डायनिंग टेबल पर नहीं…जमीन पर बैठकर खाइए. आजकल घर में डायनिंग टेबल का होना ज़रूरी माना जाता है. घर में डायनिंग सेट के लिए ख़ास जगह बनाई जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं, कुर्सी पर बैठकर भोजन करने से कहीं बेहतर है ज़मीन पर आराम से बैठकर खाना खाना. इसका कनेक्शन हेल्थ से भी है.

जमीन पर बैठकर खाने के हैं कई फ़ायदे

अच्छे पाचन के लिए

– जब ज़मीन पर बैठा जाता है, तो पैरों को क्रॉस करके बैठा जाता है. ये एक तरह का योगासन है. पालथी मारकर बैठना सुखासन या अर्ध पद्मासन की तरह होता है. योग में इस आसन को पाचन के लिए अच्छा माना जाता है. ऐसी धारणा है कि जब आप इस आसन में खाने के समक्ष बैठते हैं, तो मस्तिष्क में आहार को पचाने का सिग्नल जाता है.
– नीचे बैठकर खाने से मुंह में कौर लेने के लिए पहले खाने की ओर थोड़ा झुकना पड़ता है, फिर निगलने के लिए पुरानी स्थिति में आया जाता है. बार-बार ये प्रकिया करने से पेट की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं और खाना पचानेवाले एसिड्स का स्राव भी तेज़ी से होता है, जिस वजह से पाचनतंत्र आसानी से अपना कार्य करता है.

ह्रदय को मज़बूत बनाता है

– बैठकर खाने से रक्त का संचार आसानी से होता है.
– ह्रदय आसानी से रक्त का संचार आहार पचाने में मदद करनेवाले अंगों तक पहुंचा पाता है. इससे ह्रदय पर कोई भार नहीं पड़ता और ह्रदय स्वस्थ रहता है.
– डायनिंग टेबल पर बैठकर खाने से रक्त का संचार पैरों की ओर भी होता है, जबकि खाते व़क्त पैरों को इसकी ज़रूरत नहीं होती.
– ज़मीन पर आराम से बैठकर खाना खाने से हार्ट अटैक का ख़तरा भी कम रहता है.

ओवरईटिंग से बचाता है

– नीचे बैठकर खाने से आप ज़्यादा खाने से बच सकते हैं.
– सुखासन में बैठने से दिमाग़ शांत रहता है और भोजन पर ध्यान केन्द्रित रहता है.
– पेट से दिमाग़ तक संदेश पहुंचानेवाली वेगस नस दिमाग़ को तुरंत एहसास करा देती है कि पेट भर गया है.
– ओवरईटिंग न करने से वज़न भी नियंत्रण में रहता है.

कैलोरी पर रहती है नज़र

– नीचे बैठकर खाने से आप धीरे-धीरे खाते हैं. धीरे खाने की वजह से आपका पूरा ध्यान आहार पर रहता है. ऐसे में आप
सोच-समझ कर पौष्टिक और नियंत्रित मात्रा में खाना खाते हैं.
– कम खाने की वजह से कैलोरी का सेवन भी कम हो जाता है.
– साल 2007 में हुए एक रिसर्च की मानें, तो जो लोग धीरे खाते हैं, वो जल्दी-जल्दी खानेवालों की तुलना में कम कैलोरी का सेवन करते हैं.

शरीर को लचीला बनाता है

– पद्मासन में बैठने से कूल्हों, पीठ के नीचे का हिस्सा और पेट के आसपास की मांसपेशियों में खिचाव होता है.
– रोज़ाना इन मांसपेशियों में खिंचाव होने से शरीर लचीला बनता है.

जोड़ों के लिए फ़ायदेमंद

– जमीन पर बैठने से घुटने, टखने और कूल्हे के जोड़ लचीले बनते हैं.
– जब जोड़ों में लचीलापन आता है, तो जोड़ों के बीच चिकनाई भी बनी रहती है, जिससे उठना-बैठना आसान हो जाता है.
– आर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों की बीमारी से बचाव होता है.

बैठने के तरी़के को सुधारता है

– इससे आसन सुधरता है.
– जमीन पर बैठते व़क्त आसन अपने आप सही रहता है, क्योंकि पीठ और रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है. इससे आप ग़लत तरी़के से बैठने से लगनेवाली चोट और उसके दर्द से बचे रहते हैं.
– मांसपेशियों और जोड़ों पर ज़रूरत से ज़्यादा तनाव भी नहीं पड़ता.

दिमाग़ भी रहता है स्वस्थ

सुखासन में बैठने से दिमाग़ तनावमुक्त रहता है, क्योंकि ये आसन मस्तिष्क की तंत्रिकाओं को शांत करता है.

ज़मीन पर खाने से बढ़ती है उम्र

सुनने में भले ही अजीब लगे, पर यूरोपियन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी में छपी एक स्टडी के मुताबिक़, जो लोग ज़मीन पर बैठकर खाना खाने के बाद आसानी से बिना किसी का सहारा लिए उठ जाते हैं, वो लोग ज़्यादा जीते हैं, क्योंकि वो शारीरिक तौर पर मज़बूत होते हैं और उनका शरीर लचीला होता है.

आयुर्वेद के मुताबिक़, शांत दिमाग़ से खाया गया आहार जल्दी पचता है और भोजन स्वादिष्ट भी लगता है.

 

Meri Saheli Team

Share
Published by
Meri Saheli Team

Recent Posts

पहला अफेयर- तीन दिवसीय प्यार! (Love Story- Teen Divasiy Pyar)

वो मोहित के स्टेशन आने की ख़ुशी और बिछड़ने के ग़म दोनों को शब्द नहीं…

July 4, 2025

कहानी- आपने कहा था (Short Story- Aapne Kaha Tha)

सांत्वना सिसक पड़ी. एक पल को चुप रह कर अविनाश ने कहा, "सांत्वना, आज से…

July 4, 2025
© Merisaheli