उन्हीं दिनों एक बार मैंने आटोग्राफ बुक खोल कर उनके सामने रखी. वे उस खाली पृष्ठ को देखते रहे, "यह…
मुझे लगा जैसे शिवांगी ने अपनी बंबई वाली बात फिर याद करवाई है. रात के खाने के बाद मैंने नरेन…
रोहित ने उसे भी कई बार कई तरह से इशारों-इशारों में निमंत्रण दिया था. रोहित मज़ाक में नीलोफर को कहता,…
उस संदेश में कोई ख़ास बात तो नहीं थी, पर पता नहीं क्यों सुमन के सुखे मुरझाए होंठों पर एक…
जब कभी वो आदित्य के पास बैठी डिक्टेशन लेती, आदित्य की आंखों को अपने चेहरे पर टिका महसूस करती. मेनका…
मैं अक्सर आत्मविस्मृत होकर मुग्ध भाव से तुम्हें देखती रहती, पर मनु इसी भोली प्रक्रिया में एक दिन तुम्हारी आंखों…
"चुप हूं, पर यूं चुप रहकर भी ख़ुद को ही तो सज़ा दे रही हूं. पता तो है तुम्हें भी…
तकिया हटाया, तो उसके नीचे दबे कुछ पन्ने स्वतः ही फड़फड़ाकर उड़ने लगे. उन्हें झुककर उठाने लगा, तो लगा बिजली…
हाथ में चौमुख दीप लेकर जैसे ही वह जलाने लगी कि उसे भगवती चरण वर्मा की कविता की वह पंक्ति…
लेकिन कार की ओर बढ़ते-बढ़ते अनायास ही वे मुड़े. सचिव के हाथ से एक पुष्प गुच्छ लिया, दमयंती के पास…