पहले-पहले शीशे के सामने खड़ी होकर, वह अपनी मनोदशा पर ख़ुद ही हंस पड़ती. उस रात देवेश ने यही समझाया…
जब कभी लड़कियों की उंगलियों का स्पर्श हो जाता, उसे अच्छा लगता. फिर वह पुस्तक पढ़ते हुए सो जाता. वह छुट्टियों…
“अब तक तो खुले आसमान के नीचे रहकर भी उम्रकैद भुगत रही थी मैं. सारी ख़ुशियां, सारी इच्छाएं इतने सालों…
उसने घड़ी की तरफ़ देखा. रात के दो बज रहे थे. कोई बात नहीं अगर गौतम उसे प्यार करता है,…
पत्नी धर्म पूरी तरह निभा कर भी, घर के सब दायित्वों का निर्वाह करके भी. अंतरंग क्षणों में मन कहीं…
उसने पहली बार अपने प्यार को शब्दों का जामा पहनाया. मैं निःशब्द होकर उसकी बातें सुनती रही. उसने मुंबई में…
“हां, आपकी सारी डिटेल्स हमारे पास हैं सिवाय एक चीज़ के.”“अच्छा, और वो क्या?”“वो ये कि आपके टैटू के नीचे…
वरुण अब कुछ नहीं कह पाया. मुस्कुराकर रह गया. वीथी की दृष्टि का अनुसरण करते हुए वह भी बोगनवेलिया की…
कुछ देर बाद जब मैं चलने लगा, तो उसने हमेशा की तरह मुझे एक फूल दिया. मैंने पूछा, “हमेशा यही…
प्रीति सिन्हा “एक पुरुष हर पल अपना अस्तित्व जीता है, अपना वजूद नहीं खोता है. भले ही वह कितने ही…