मैं 31 वर्षीया महिला हूं और मेरी दाहिनी छाती में एक गांठ है. डायग्नॉसिस के लिए डॉक्टर ने मैमोग्राफी की बजाय अल्ट्रासोनोग्राफी करवाई. सही नतीजे…
यह बहुत अच्छी बात है कि आपने बायोप्सी करवा ली है और रिपोर्ट में महज़ फाइब्रोइडोनोमा पाया गया है. इस उम्र में यह बहुत-सी महिलाओं को होता है, इसमें घबरानेवाली कोई बात नहीं. आपको मैमोग्राफी की बजाय अल्ट्रासोनोग्राफी कराने के लिए इसलिए कहा गया, क्योंकि आप 35 साल से कम उम्र की हैं. कम उम्र में मैमोग्राफी की बजाय सोनोग्राफी से ज़्यादा अच्छी तरह से जांच होती है और इसमें रेडिएशन का असर भी कम होता है, इसलिए डॉक्टर ने यह टेस्ट करवाया. एक बात का ख़ास ख़्याल रखें कि महीने में एक बार सेल्फ एक्ज़ामिनेशन ज़रूर करें.
आमतौर पर 12 से 14 साल की उम्र में लड़कियों के पीरियड्स शुरू हो जाते हैं, पर पीरियड्स को नियमित होने में कुछ साल लग जाते हैं. इस अवस्था को हाइपोथैलामिक पिट्यूटरी ओवेरियन एक्सिस डिस्फंक्शन कहते हैं. इस उम्र में ज़्यादातर लड़कियां अपने वज़न को लेकर काफ़ी सचेत रहती हैं, इसलिए अंडरवेट और ओवरवेट दोनों ही तरह की लड़कियों के पीरियड्स पर इसका प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा अगर कोई बहुत ज़्यादा एक्सरसाइज़ करती है या उसे पॉलिसिस्टिक ओवरीज़ या थायरॉइड जैसे हार्मोनल प्रॉब्लम्स हैं, तो भी उसके पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं.
डॉ. राजश्री कुमार
स्त्रीरोग व कैंसर विशेषज्ञ
rajshree.gynoncology@gmail.com
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