Others

जीएसटी- एक देश… एक टैक्स… एक नई शुरुआत… (GST- One Country… One Tax… The Beginning Of A New Era…)

जब भी कोई नई चीज़ शुरू होती है, तो उसके अच्छे-बुरे दोनों ही पहलुओं पर गौर किया जाना बेहद ज़रूरी हो जाता है, जैसे जीएसटी. देशभर में इसे लेकर चर्चाएं हो रही हैं. आइए, थोड़े में इसके बारे में जानें.
जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स (वस्तु एवं सेवा कर) लागू होने पर हर सामान व सेवा पर एक ही टैक्स लगेगा. वैट, एक्साइज और सर्विस टैक्स की जगह एक ही टैक्स लगेगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह केंद्र व राज्य सरकारों की ओर से लिए जा रहे 15 से अधिक अप्रत्यक्ष टैक्स के बदले में लगाया जा रहा है. यह देशभर में आज रात बारह बजे यानी 1 जुलाई, 2017 से लागू हो जाएगा.
इसका सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि अब उपभोक्ताओं यानी कस्टमर को हर सामान पर एक ही टैक्स चुकाना होगा. पहले हर सामान पर राज्य अपने हिसाब से टैक्स लगाते रहते थे, अब वैसा नहीं रहेगा. यानी भारतभर में आपको किसी भी वस्तु के एक ही दाम देने होंगे, फिर चाहे आप उसे मुंबई से ख़रीदें या दिल्ली से.

जीएसटी लागू होने पर क्या होगा?
– जीएसटी लागू होने पर सबसे महत्वपूर्ण बात यह रहेगी कि अब आम आदमी को सस्ता सामान मिल सकेगा.
– सभी तरह के अन्य टैक्स सर्विस टैक्स, सेल्स टैक्स, वैल्यू एडेड टैक्स, एंटरटेन्मेंट टैक्स, ऑक्ट्राय एंड एंट्री टैक्स, सेंट्रल एक्साइज़ ड्यूटी, परचेस टैक्स, लग्ज़री, एडिशनल कस्टम ड्यूटी, स्पेशल एडीशनल ड्यूटी ऑफ कस्टम समाप्त हो जाएंगे.
– केंद्र सरकार को मिलनेवाली एक्साइज़ ड्यूटी, सर्विस टैक्स भी ख़त्म हो जाएगी.
– राज्यों को मिलनेवाले वैट, मनोरंजन कर, लक्ज़री टैक्स, एंट्री टैक्स, टोल टैक्स आदि भी ख़त्म हो जाएगा.
– टैक्स की बोझ से महंगे होते अधिकतर सामान सस्ते हो जाएंगे.
– पहले जहां हमें किसी भी वस्तु को ख़रीदने पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से कई तरह के टैक्स भरने पड़ते थे. अब ऐसा नहीं होगा.
– ग्राहक कोई भी सामान ख़रीदने पर 30-35 % टैक्स के रूप में चुकाते थे. कहीं-कहीं पर तो यह टैक्स 50% तक पहुंच जाता था. अब जीएसटी लागू होने पर उम्मीद की जा रही है कि यह घटकर 12-14 % रह जाएगा.

जीएसटी के फ़ायदे
– टैक्स भरना आसान हो जाएगा.
– टैक्स चोरी की संभावनाएं ना के बराबर रहेगी.
– किसी भी प्रोडक्ट पर लगनेवाला टैक्स एक सा ही होगा.
– इसका सीधा असर देश की जीडीपी पर पड़ेगा.
– देश की अर्थव्यवस्था बेहतर होगी.
– इससे कमोबेश हर किसी को फ़ायदा होगा.
– कंपनियों के ख़र्च व परेशानियां कम होंगी.
– अब व्यापारियों को सामान एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में कोई परेशानी नहीं होगी.
– एक टैक्स फॉर्मेट होने के कारण बिज़नेसवालों को टैक्स भरना भी आसान होगा.
– साथ ही इसके कारण सामान बनाने की लागत भी घटेगी, जिससे सामान की दाम भी सस्ते हो जाएंगे.


कुछ ख़ास बातें
– भारत में साल 2006-7 के आम बजट में पहली बार जीएसटी का ज़िक्र हुआ था.
– जीएसटी को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी लॉन्च करेंगे.
– राज्य पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, रसोई गैस के लिए टैक्स लेते रहेंगे.
– साथ ही शुरुआती पांच साल तक राज्य के नुक़सान की भरपाई केंद्र सरकार करेगी.
– जीएसटी से जो टैक्स मिलेगा, वो राज्य और केंद्र में तय अनुसार बंटेगा.
– जीएसटी लागू होने पर टैक्स प्रणाली ट्रांस्परेंट हो जाएगी और असमानता नहीं रहेगी.
– काफ़ी हद तक टैक्स विवाद ख़त्म होंगे.
– ढरों टैक्स क़ानून और रेगुलेटरों का झंझट दूर हो जाएगा.
– इससे कई राज्यों में रेवैन्यू (राजस्व) बढ़ेंगे.
– अब तक 1200 से अधिक सामानों और 500 से अधिक सेवाओं पर लगनेवाले टैक्स की दर तय हो चुकी है.
– रोज़मर्रा की चीज़ों पर जीएसटी का असर नहीं पड़ेगा, जबकि कुछ सिलेक्टेड कंज़्यूमर गुड्स पर 5% अधिक टैक्स लगेगा.

ये सभी होंगे महंगे…
– फाइनेंशियल सर्विसेज़ 15 से बढ़कर 18% टैक्स
– सोना पर 2 से 3%, बनवाने पर 5% टैक्स
– होटल्स में ठहरना
– ट्रेन में एसी में सफ़र करना
– फाइव स्टार रेस्टोरेंट्स में खाना
– टेलिकॉम सेक्टर
– बैंकिंग सेवाएं
– परफ्यूम व शैंपू
– मोबाइल फोन बिल
– फ्लैट या शॉप ख़रीदना
– सलोन, ट्यूशन फीस, कपड़े आदि

ये सभी होंगे सस्ते…
अनाज, शक्कर, चाय, कॉफी, दूध, दही, सब्ज़ियां, शहद, अचार, पापड़, हेयर ऑयल, साबुन, पोस्टेज, रेवेन्यू स्टैंप, कटलरी, कैचअप, सॉसेज, एयर ट्रैवेल, हज़ार रुपए से कम के कपड़े सस्ते होंगे.

* लगभग 81% सामान 18% कम के स्लैब में होंगे.
* 12% के स्लैब में कैरम बोर्ड, चेस बोर्ड, प्लेइंग कार्डस आदि.
* 5% के स्लैब में जीवनरक्षक दवाओं को रखा गया है.
* बच्चों के कलर व ड्रॉइंग बुक्स, पिक्चर्स, सॉल्ट आदि को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है.

तीन तरह के टैक्स होंगे
* सीजीएसटी (सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स) जो केंद्र सरकार द्वारा लिया जाएगा.
* एसजीएसटी (स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स), जो राज्य सरकार वसूलेगी.
* आईजीएसटी (इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स), जब दो राज्यों के बीच कोई व्यापार होगा, तब यह टैक्स लगेगा.

माना जीएसटी भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक कड़ी चुनौती रहेगी, पर इसमें भी कोई दो राय नहीं कि इससे जहां कारोबारी माहौल सुधरेगा, वहीं विकास दर में मज़बूती भी आएगी. इससे भविष्य में होनेवाली बेहतरीन संभावनाओं को नकारा नहीं जा सकता.

– ऊषा गुप्ता

Usha Gupta

Share
Published by
Usha Gupta

Recent Posts

आगळ्या नवरा-नवरीची वेगळी लव्हस्टोरी, लवकरच उलगडणार गुपित, हॅशटॅग तदेव लग्नम् ची रिलीज डेट जाहिर (Hashtag Tadaiv Lagnam Release Date Disclose)

शुभम फिल्म प्रोडक्शन प्रस्तुत 'हॅशटॅग तदेव लग्नम्' हा सिनेमा येत्या २० डिसेंबरला प्रेक्षकांच्या भेटीला येणार…

September 19, 2024

अनुपम खेर- मां के लिए उसके बेटे से बढ़कर कोई स्टार नहीं होता… (Anupam Kher- Maa Ke Liye Uske Bete Se Badkar Koi Star Nahi Hota…)

'मेट्रो इन दिनों' और 'इमरजेंसी' में अनुपम खेर अभिनय की एक अलग ऊंचाई को छूते…

September 19, 2024

‘इश्क इन द एअर’ मालिकेचा ट्रेलर प्रदर्शित : दोन परस्पर विरोधी शहरांमधील प्रेमिकांचा प्रणयरम्य प्रवास घडविणारी मालिका (Trailer Of ‘Ishq In The Air’ Released : Series Is A Romantic Journey Of A Young Couple Having Different Careers)

अॅमेझॉन एमएक्स प्लेयर या अॅमेझॉनच्या विनामूल्य व्हीडिओ स्ट्रीमिंग सेवेने आज आगामी प्रेम-नाट्य मालिकेसाठी अधिकृत ट्रेलरचे…

September 19, 2024

कहानी- यादगार हनीमून..  (Short Story- Yadgar Honeymoon)

कमरे में केसरिया किरणों के शुभागमन से पता चला कि रात बीत चुकी है. रातभर…

September 19, 2024

हिमेश रशेमियाच्या वडीलांचे छत्र हरपले, वयाच्या ८७ व्या वर्षी अखेरचा श्वास ( Himesh Reshammiya Father Vipin Passes Away At The Age Of 87 )

हिमेश रेशमियाचे वडील आणि प्रसिद्ध संगीत दिग्दर्शक विपिन रेशमिया यांचे निधन झाले आहे. ते 87…

September 19, 2024
© Merisaheli