सरकारी और निजी इंफ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कंपनियां अपनी वेब प्रॉपर्टीज़ (कंप्यूटर डेटा) को क्रिमिनल हैकिंग से बचाने के लिए प्रो़फेशनल एथिकल हैकर्स पर निर्भर होती हैं, इसलिए अब विदेशों की तरह भारत में भी ऑनलाइन व ऑफ़लाइन एथिकल हैकिंग कोर्स शुरू हो चुके हैं.
एथिकल हैकर्स की ज़रूरत
कंप्यूटर सिस्टम की सुरक्षा और गोपनीयता बनाए रखने के लिए एथिकल हैकर्स की ज़रूरत पड़ती है. कंपनियां अपने क्लाइंट, कस्टमर, क्रेडिट कार्ड्स आदि से जुड़ी जानकारी सुरक्षित रखने के लिए एथिकल हैकर्स को नियुक्त करती हैं.
क्या करते हैं एथिकल हैकर्स?
एथिकल हैकर्स का काम ज़िम्मेदारीपूर्ण होता है. प्रो़फेशनल एथिकल हैकर्स न स़िर्फ कंपनी की ज़रूरी व गोपनीय जानकारी को सुरक्षित रखता है, बल्कि हैकिंग होने वाली जगह का भी पता लगाता है. इससे क्रिमिनल हैकर्स आसानी से पकड़ में आ जाते हैं.
एथिकल हैकर्स को दी जानेवाली ट्रेनिंग
सिक्योरिटी ट्रेनिंग, सर्टिफ़िकेशन ट्रेनिंग, ऑनलाइन प्रो़फेशनल डेवलपमेंट ट्रेनिंग, आईटी ऑडिट एंड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट ट्रेनिंग आदि दी जाती है. इसके अलावा वेब ड़िफेंस, लाइसेंस्ड पेनेट्रैशन टेस्टर, साइबर फॉरेन्सिक एंड सर्टिफ़ाइड एथिकल हैकर से जुड़ी जानकारी भी दी जाती है.
शैक्षणिक योग्यता
एथिकल हैकर बनने के लिए विंडो 2000 और लिनक्स सिस्टम की जानकारी होनी ज़रूरी है.
टीसीपी या आईपी में एक्सपर्ट होना चाहिए.
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