Others

कबड्डी वर्ल्ड कप: नए रोल में रोहित कुमार (kabaddi World Cup: Rohit Kumar in an unseen avatar)

रोहित कुमार… खिलाड़ी कुमार… या फिर अक्की… कबड्डी के फैन्स समझ ही जाते हैं कि इन नामों के ज़रिए हम बात एक ही शख़्स की कर रहे हैं, वो हैं यंग, डायनैमिक और बेहतरीन रेडर रोहित छिल्लर. फैन्स को उम्मीद थी कि अपने इस फेवरेट प्लेयर को वो कबड्डी वर्ल्ड कप में मैट पर अपना जौहर दिखाते हुए देख पाएंगे, पर ऐसा नहीं हो पाया… लेकिन रोहित के चाहनेवाले ही नहीं बल्कि कबड्डी के सभी फैन्स उन्हें कबड्डी वर्ल्ड कप में एक्सपर्ट के तौर पर अपना स्पेशल ओपिनियन देते देखकर ख़ासे प्रभावित भी हैं और बेहद ख़ुश भी. अपने इस नए रोल, इससे जुड़े चैलेंजेस, कबड्डी वर्ल्ड कप पर एक्सपर्ट ओपिनियन व खेल की तमाम बारीक़ियों के बारे में रोहित का क्या कहना है, बेहतर होगा हम उन्हीं से पूछ लें.

वर्ल्ड कप में भले ही आप टीम में नहीं हैं, लेकिन फिर भी एक नए रोल में और नए अंदाज़ में अपने फैन्स के साथ जुड़े हैं, उसके लिए बधाई!
शुक्रिया, थैंक यू सो मच.

एक एक्सपर्ट के तौर पर आप मैच व गेम्स का विश्‍लेषण कर रहे हैं, कितना चुनौतीपूर्ण लग रहा है यह काम?
सच कहूं तो मज़ा आ रहा है. यह सच है कि बहुत चैलेंजिंग रोल है यह और ख़ासतौर से एक कबड्डी प्लेयर के लिए तो और भी ज़्यादा चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि आपने भी देखा होगा कि हम काफ़ी कम बोलते हैं और थोड़े शाय (शर्मीले) नेचर के होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे झिझक दूर हो रही है, प्रैक्टिस हो रही है, बहुत कुछ नया सीखने को मिल रहा है.

एक विश्‍लेषक के तौर पर आपकी यह नई पारी है, तो क्या महसूस कर रहे हैं- रेडिंग ज़्यादा आसान है या एक्सपर्ट ओपिनियन देना?
मैं एक प्लेयर हूं और पिछले 13-14 सालों से कबड्डी खेल रहा हूं, तो ज़ाहिर है मेरे लिए रेडिंग ही आसान है. पोस्ट मैच ओपिनियन मेरे लिए न्यू फील्ड है, तो ये थोड़ा-सा मुश्किल है, लेकिन काफ़ी मज़ा भी आ रहा है, तो मैं एंजॉय कर रहा हूं.

टीम इंडिया के कितने चांसेज़ लग रहे हैं वर्ल्ड चैंपियन बनने के?
जी 99%.

100% क्यों नहीं?
क्योंकि यह एक गेम है और कबड्डी में तो आप पूरी तरह से आश्‍वस्त हो ही नहीं सकते, क्योंकि यह गेम ही ऐसा है. अंतिम क्षणों में बाज़ी पलट जाती है, किसी की जीत हार में और किसी की हार जीत में बस कुछ सेकंड्स में बदल जाती है. इंडियन टीम बेहद स्ट्रॉन्ग है, लेकिन बाकी की टीम्स भी पूरी तैयारी के साथ आई हैं, तो हम उन्हें नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते.

पहले मैच में भारतीय टीम रिपब्लिक ऑफ कोरिया से लास्ट मिनट में जीता हुआ मैच हार गई, क्या यह टीम इंडिया के ओवर कॉन्फिडेंस का नतीजा था?
थोड़ा-सा यह कारण भी था, क्योंकि हमारी टीम के सभी प्लेयर्स इतने स्ट्रॉन्ग हैं कि सभी में मैच जिताने की पूरी क्षमता है. इसी के चलते सभी कुछ न कुछ ग़लतियां भी करते गए कि अगर मैं पॉइंट नहीं ला पाया, तो वो ले आएगा… अगर मैं आउट हो गया, तो दूसरा प्लेयर संभाल लेगा, तो शायद ये थोड़ा-सा ओवरकॉन्फिडेंस ही था, जिससे रिज़ल्ट थोड़ा शॉकिंग आया, लेकिन यह आगे नहीं होगा.

टीम इंडिया को सबसे ज़्यादा चुनौती किस टीम से है?
ईरान से, क्योंकि वो भी काफ़ी अच्छी टीम है.

जांग कुन ली जिस तरह की फॉर्म में हैं और आख़िर के 5-7 मिनटों में जो कमाल कर रहे हैं, उस पर क्या कहना है?
वो एक बेहतरीन खिलाड़ी है और उसकी सबसे बड़ी  ख़ूबी ही यह है कि वो डरकर नहीं खेलता. उसकी सोच यही होती है कि पॉइंट्स लाने हैं, तो लाने ही हैं और एक अच्छे रेडर की निशानी यही होती है कि भले ही वो पूरे मैच में अच्छा न कर पाया हो, लेकिन जिस व़क्त उसकी टीम को सबसे ज़्यादा पॉइंट्स की ज़रूरत होती है, उस व़क्त वो पॉइंट्स लाए. ऐसे में ली एक गेम चेंजर की भूमिका निभाता है, जो परिस्थितियों के अनुसार खेलता है.

क्या टीम इंडिया जांग कुन ली व इसी तरह के अन्य रेडर्स को आगे के गेम्स में रोकने में कामयाब हो पाएगी?
टीम इंडिया व अन्य टीम्स भी एक-दूसरे के गेम्स को फॉलो करती ही हैं और हमारे पास मंजीत छिल्लर जैसे वर्ल्ड के टॉप डिफेंडर भी हैं. रेडर्स चाहे जितने भी ख़तरनाक हों, उन्हें मंजीत भाई देख लेंगे और मंजीत के अलावा भी सुरेंद्र नाडा व मोहित छिल्लर भी हैं, जिनसे रेडर्स ख़ुद डरते हैं. तो हमारी टीम टॉप लेवल की है, जिसमें सभी प्लेयर्स बहुत ही परिपक्व व इंटेलिजेंट हैं.

 

वर्ल्ड कप टीम में आपका सिलेक्शन नहीं हो पाया, क्या इसे लेकर कुछ डिसअपॉइंटमेंट है? आपके फैन्स काफ़ी शॉक्ड हैं इसे लेकर, क्योंकि आपकी परफॉर्मेंस के हिसाब से तो टीम में आपकी भी जगह बनती थी.
जी मैं भी शॉक्ड हूं. डिसअपॉइंटमेंट तो बिल्कुल है, लेकिन चूंकि मेरी तबीयत उन दिनों ठीक नहीं थी, तो शायद यही वजह है कि मेरा सिलेक्शन नहीं हो पाया. अगर कोच साहब थोड़ा-सा कॉन्फिडेंस दिखाते, तो मैं भी सिलेक्ट हो सकता था.

लेकिन अब आप एक्सपर्ट के तौर पर न्यू चैलेंजिंग रोल निभाते हुए कबड्डी वर्ल्ड कप से जुड़ गए हैं और आपके फैन्स आपको इस रोल में बेहद पसंद भी कर रहे हैं, तो क्या डिसअपॉइंटमेंट कुछ कम हुआ?
जी बिल्कुल, सच कहूं तो फैन्स के प्यार ने मुझे सब कुछ भुला दिया. सिलेेक्ट न हो पाने का सारा दर्द अब चला गया. फैन्स के मैसेजेस पढ़कर सुकून मिलता है. वो मुझसे बेहद प्यार करते हैं, मैं हमेशा उनकी उम्मीदों पर खरा उतरूं और उन्हें अपनी परफॉर्मेंस से हमेशा ख़ुश करता रहूं यही कोशिश रहेगी. उन्हें थैंक्यू कहना चाहूंगा, मेरी तकलीफ़ को कम करने में जो मदद उनके प्यार भरे मैसेजेस करते हैं उसके लिए उनका शुक्रगुज़ार हूं.

किस टीम ने आपको अब तक अपने गेम से सबसे ज़्यादा प्रभावित किया या चौंका दिया?
केन्या की परफॉर्मेंस आउटस्टैंडिंग रही, जिसने ईरान जैसी टीम के आगे आसानी से घुटने नहीं टेके और अपने उम्दा खेल से उसे टक्कर दी. बाकी जापान व थाईलैंड भी अच्छा कर रही हैं.

ऐसा लगता है कि कबड्डी को अभी भी वो पहचान नहीं मिली, जो अन्य खेलों व खिलाड़ियों को मिली है?
देखिए, ये तो ज़ाहिर-सी बात है कि जितने पॉप्युलर क्रिकेट या अन्य गेम्स हैं, कबड्डी अब तक उस मुक़ाम तक तो नहीं पहुंची, लेकिन यह भी ध्यान देना होगा कि ये तमाम स्पोर्ट्स लंबे अरसे से चल रहे हैं, जबकि कबड्डी को कुछ ही साल हुए मेन स्ट्रीम में आए हुए. उस हिसाब से कबड्डी कम समय में काफ़ी पॉप्युलर हुई है और अगले चंद ही सालों में ये और भी आगे जाएगी.

ओलिंपिक्स में अब तक कबड्डी शामिल नहीं हो पाई है?
अगले कुछ ही सालों में ऐसा हो जाएगा, क्योंकि वर्ल्ड कप में कई बड़े देश पहली बार हिस्सा ले रहे हैं, यह काफ़ी बड़े पैमाने पर हो रहा है, तो वो दिन भी अब दूर नहीं, जब कबड्डी को ओलिंपिक्स में देखने का हम सबका यह सपना पूरा होगा.

यूं तो सभी प्लेयर्स अपनी फिटनेस पर ध्यान देते हैं, पर आप अपनी फिटनेस पर काफ़ी ध्यान देते हैं, तो क्या ख़ास करते हैं?
सुबह 2 घंटे वॉकिंग-रनिंग करता हूं, शाम को जमकर प्रैक्टिस करता हूं. नाश्ते में 10 अंडे, शाम को भी 10 अंडे, लंच में प्रोटीन और रात को सलाद व फ्रूट्स लेता हूं. हेल्दी डायट और एक्सरसाइज़ बहुत ज़रूरी है.

आपका फेवरेट ऐक्टर कौन है, यह आपको जाननेवालों को पूछने की ज़रूरत ही नहीं, क्योंकि हम सभी जानते हैं कि आप अक्षय कुमार के सबसे बड़े फैन हैं, लेकिन फेवरेट एक्ट्रेस कौन है?
मेरी कोई भी फेवरेट एक्ट्रेस नहीं है. मुझे बस अक्षय कुमार की मूवीज़ देखना ही पसंद है. एक्ट्रेस सभी अच्छी हैं, लेकिन कोई ख़ास मेरी फेवरेट हो, ऐसा नहीं.

आपकी हॉबीज़ क्या हैं?
फ्री टाइम में मैं मूवीज़ देखता हूं या फ्रेंड्स के साथ टाइम स्पेंड करता हूं, बातें करता हूं. कुल मिलाकर एंजॉय करता हूं.

– गीता शर्मा

Meri Saheli Team

Share
Published by
Meri Saheli Team

Recent Posts

सलमान खान के घर के बाहर चली गोलियां, बाइक पर सवार थे दो अज्ञात लोग, जांच में जुटी पुलिस (Firing Outside Salman Khan House Two People Came On Bike)

बॉलीवुड के भाईजान और फैंस की जान कहे जाने वाले सलमान खान के मुंबई स्थित…

April 14, 2024

लघुकथा- असली विजेता (Short Story- Asli Vijeta)

उनके जाने के बाद उसने दुकान को पूर्ववत ही संभाल रखा था.. साथ ही लेखिका…

April 13, 2024
© Merisaheli