Short Stories

Kids Story: राजा और लेखक (Kids Story: Raja Aur Lekhak)

Kids Story: राजा और लेखक (Kids Story: Raja Aur Lekhak)

एक नगर में एक राजा था. एक दिन वो यूं ही टहलने निकला. घूमते-घूमते उसे किताबों का एक बड़ा-सा संग्रहालय नज़र आया. राजा उसमें गया, तो वहां ढेर सारी किताबें देखकर ख़ुश हो गया. राजा को लगा एक ही जगह पर इतनी सारी ज्ञानवर्द्धक किताबें तो बेहद फ़ायदेमंद है. राजा को उन किताबों में से एक किताब बहुत पसंद आई. वो उस किताब को लेकर घर चला आया. किताब पढ़कर राजा उस लेखक से बहुत प्रभावित हुआ, क्योंकि उसमें लेखक ने लिखा था कि किस तरह से उसने अपना सारा जीवन अकेले ही बिता दिया. उस लेखक ने अपने बीवी-बच्चों पर ज़रा भी ध्यान नहीं दिया और संपूर्ण जीवन समाज में भ्रमण करके बिता दिया.

राजा ने सोचा वो भी अपना पूरा जीवन समाज में भ्रमण करके ही बिताएगा. राजा ने सोचा कि पहले मैं उस लेखक से भी मिल लेता हूं, जिसने ये किताब लिखी है. राजा उस लेखक के गांव जाकर उसके घर गया. वहां जाकर राजा ने देखा कि वो लेखक तो मज़े से अपने बीवी-बच्चों के साथ रह राह है. राजा को बहुत दुख भी हुआ और गुस्सा भी आया कि इसकी किताब पढ़कर मैं समाज भ्रमण के लिए निकल रहा था, पर ये तो मज़े से यहां रह रहा है और किताब में गलत बात लिखी है.

यह भी पढ़ें: Kids Story: जलपरी और दो चोर (Kids Story: Jalpari And Two Thieves)

राजा ने उस किताब को दिखाते हुए लेखक से गुस्से में पूछा कि उसने यह झूठ क्यों लिखा? लेखक ने राजा से कहा कि यह किताब उसने समाज में भटके हुए लोगों को सही राह दिखाने के इरादे से लिखी है. लेखक ने कहा कि मेरा काम है समाज के लोगों का मार्गदर्शन करना, ताकि लोग अपना जीवन सुधार सकें. लेखक ने राजा से अपने साथ बाहर चलने को कहा. वो राजा को एक भाला बनाने वाले के पास ले गया और उसे एक अच्छा सा भाला दिखाने को कहा.

भाला लेकर लेखक ने राजा से कहा कि यह देखिए इस भाले को. राजा ने कहा मैं क्या करूं इसका. लेखक ने कहा कि यह भाला यह दुकान वाला बनाता है, फिर उसने दुकान वाले से कहा कि तुम भाला इतना अच्छा बनाते हो, तो क्या तुम युद्ध में नहीं जा सकते?

भाला बनाने वाले ने हंसते हुए कहा कि यह मेरा काम नहीं है. युद्ध में तो बड़े-बड़े वीर योद्धा जाते हैं, तो मैं कैसे जा सकता हूं, क्योंकि मेरा काम उनके लिए अच्छे से अच्छा भाला बनाने का है, युद्ध लड़ना उनका काम है. उसकी बात सुनकर लेखक ने राजा से कहा कि इसी तरह मेरा काम दूसरों को अपने लेखन के ज़रिए जीने की कला सिखाना है, इसका यह मतलब नहीं कि वह जीवन या वह कला मैं ख़ुद जानता हूं.

लेखक के तर्क से राजा समझ गए कि दरअसल उस किताब में लिखी बातों का क्या अर्थ है. राजा ख़ुश हुआ, लेखक और भाला बनाने वाले को ईनाम देकर वह वापस अपने महल लौट आया, ताकि एक शासक की तरह अपनी जनता का ख़्याल रख सके.

यह भी पढ़ें: Fairy Tales: ब्यूटी एंड द बीस्ट… (Beauty And The Beast)

Geeta Sharma

Share
Published by
Geeta Sharma

Recent Posts

अजय-अतुलच्या लाइव्ह कॉन्सर्टमध्ये थिरकल्या नीता अंबानी, ‘झिंगाट’वर केला डान्स, पाहा व्हिडीओ (Nita Ambani Dance On Zingaat In Ajay Atul Live Concert In Nmacc)

मुंबईतील बीकेसी येथे उभारण्यात आलेल्या नीता अंबानी कल्चरल सेंटरला नुकताच एक वर्ष पूर्ण झाले आहे.…

April 15, 2024

जान्हवी कपूरने शेअर केले राधिका मर्चंटच्या ब्रायडल शॉवरचे फोटो, पज्जामा पार्टींत मजा करताना दिसली तरुणाई (Janhvi Kapoor Shares Photos From Radhika Merchant Bridal Shower Party)

सोशल मीडियावर खूप सक्रिय असलेल्या जान्हवी कपूरने पुन्हा एकदा तिच्या चाहत्यांना सोमवारची सकाळची ट्रीट दिली…

April 15, 2024

A Strange Connection

The loneliness does not stop.It begins with the first splash of cold water on my…

April 15, 2024

‘गुलाबी साडी’च्या भरघोस प्रतिसादानंतर संजू राठोडच्या ‘Bride नवरी तुझी’ गाण्याचीही क्रेझ ( Sanju Rathod New Song Bride Tuzi Navari Release )

सध्या सर्वत्र लगीनघाई सुरू असलेली पाहायला मिळत आहे. सर्वत्र लग्नाचे वारे वाहत असतानाच हळदी समारंभात…

April 15, 2024

कहानी- वेल डन नमिता…‌(Short Story- Well Done Namita…)

“कोई अपना हाथ-पैर दान करता है भला, फिर अपना बच्चा अपने जिगर का टुकड़ा. नमिता…

April 15, 2024
© Merisaheli