Health & Fitness

एंज़ायटी में होगा लाभ, मंत्र-मुद्रा-मेडिटेशन के साथ (Mantra-Mudra-Meditation Therapy For Anxiety)

हर समय हड़बड़ाहट, एक काम से दूसरे काम पर दौड़ता मन, सबकुछ सही होने के बावजूद एक स्थायी डर, छोटी-छोटी बातों पर घेर लेनेवाले फ्रिक के बादल…हर समय की इस असहजता और डर की भावना को विशेषज्ञ एंज़ायटी कहते हैं. लंबे समय तक एंज़ायटी का बना रहना कई अस्वस्थ आदतों और रोगों का शिकार बना देता है.  इस दुनिया में कौन ऐसा होगा, जिसे कभी किसी बात की चिंता नहीं होती या डर का अनुभव नहीं होता, लेकिन जब यह दोनों भावनाएं इतनी बढ़ जाएं कि नियंत्रण से बाहर हो जाएं तो समझिए व्यक्ति एंज़ायटी का शिकार हो गया है. अगर एंज़ायटी के लक्षण 6 महीने से अधिक समय तक बने रहें तो यह समस्या अत्यंत गंभीर हो जाती है और जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने लगती है और व्यक्ति डिप्रेशन में चला जाता है.

हाल में हुए एक अध्ययन के अनुसार, सात में से एक भारतीय किसी न किसी तरह की मेंटल डिसऑर्डर से पीड़ित है, जिसमें डिप्रेशन व एंज़ायटी सबसे कॉमन है. आपको बता दें कि तक़रीबन 4.5 करोड़ भारतीय एंज़ायटी की समस्या से जूझ रहे हैं. आंकड़ें बताते हैं कि भारत के महानगरों में 15.20% लोग एंज़ायटी और 15.17 % लोग डिप्रेशन के शिकार हैं.  महानगरों के क़रीब 50% लोग अपनी नींद पूरी नहीं कर पाते. अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, अनिद्रा क़रीब 86% रोगों का कारण है और नींद की कमी के लिए प्रमुख रूप से अवसाद व एंज़ायटी ज़िम्मेदार हैं. विकसित देशों के क़रीब 18% युवा एंज़ायटी के शिकार हैं. महिलाओं के इसकी चपेट में आने की आशंका पुरुषों की तुलना में 60% अधिक होती है.

मनोचिकित्सकों के अनुसार, तेज़ी से पांव पसारती एंज़ायटी की समस्या से बचने के लिए ज़रूरी है कि मन को शांत और स्थिर रखा जाए, जिसके लिए मंत्र-मुद्रा व ध्यान विज्ञान में काफ़ी अच्छे उपाय हैं. जी हां, एंज़ायटी से निजात पाने में मंत्र-मुद्रा व मेडिटेशन अहम् भूमिका निभाता है. इसके माध्यम से व्यक्ति परमशक्ति से मिल जाता है. परमशक्ति के पास पहुंचने से मन की घबराहट दूर होने लगती है. एंज़ायटी के लिए बहुत ही सुंदर व आसान मंत्र है ओम नमः शिवाय और मुद्रा है शंख मुद्रा. शंख मुद्रा का संबंध नाभि चक्र से होता है, इसलिए इसे करने से शरीर के स्नायुतंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. शंख मुद्रा लगाने के लिए बाएं हाथ के अंगूठे को दाहिने हाथ की मुट्ठी में बंद कर दें. फिर बाएं हाथ की तर्जनी को दाहिने हाथ के अंगूठे से मिलाएं.

माना जाता है कि अंगूठा अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है और इसके चारों ओर उंगलियों का दवाब शरीर के पित्त को नियंत्रित करता है. इस मुद्रा में एक हाथ के अंगूठे का दबाव दूसरे हाथ की हथेली पर पड़ता है और दूसरे हाथ की मुड़ी हुई उंगलियों का दबाव उसी हाथ के अंगूठे के नीचे के कुशन पर पड़ता है. यह दबाव नाभि व गले की ग्रंथियों को प्रभावित करता है.  शंख मुद्रा लगाने से शरीर के अंदर से सारी निगेटिविटी और घबराहट शरीर से निकल जाती है. शंख मुद्रा लगाने के बाद आंखों को बंद करके मन ही मन ओम नमः शिवाय का जाप करना शुरू करें. शरीर को स्थिर रखें. आंखों को रिलैक्स रखें. इस क्रिया को करने से मन शांत होता है और घबराहट दूर होने लगती है. इससे नई ऊर्जा व राह मिलेगी, जिससे आप कार्य को आसानी से कर पाएंगे.

मंत्र-मुद्रा के साथ मेडिटेशन करने से एंज़ायटी की समस्या से मुक्ति पाना आसान हो जाता है. नियमित रूप से मंत्र-मुद्रा- मेडिटेशन करने से मन में आनेवाली नकारात्मक भावनाओं से निजात पाने में मदद मिलती है. कई तरह के शोधों से पता चला है कि मेडिटेशन से स्ट्रेस से संबंध रखनेवाले हार्मोन कार्टिसोल का स्तर घटता है, पैरासिम्पथेटिक नर्वस सिस्टम सुकून की अवस्था का निर्माण करता है, जिससे मस्तिष्क के उस हिस्से में क्रियाशीलता बढ़ जाती है, जो हैप्पी हार्मोंस रिलीज़ करता है. ऐसा माना जाता है कि हमारी सारी बीमारी की जड़ हमारा दिमाग ही होता है,  इसलिए मस्तिष्क को सतर्क सभी प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है. मेडिटेशन की मदद से  आप अपने मस्तिष्क को सचेत कर सकते हैं और सकारात्मक भी बन सकते हैं.

इसे करने के लिए सुखासन में बैठ जाएं. हथेलियों में शंख मुद्रा लगाएं. फिर मन ही मन ओम नमः शिवाय का जाप करते हुए ध्यान तीसरे नेत्र पर केंद्रित करें. इस उपाय को करने से सारी शक्तियां ऊपर की तरफ उठने लगेगी और घबराहट दूर होती चली जाएगी.  आप हर प्रकार के भय व घबराहट से मुक्त हो चले जाएंगे. नित्य प्रतिदिन 15 से 20 मिनट ध्यान, मुद्रा और मंत्र के द्वारा घबराहट से मुक्त हो जाएंगे.

सिर्फ घबराहट ही नहीं, ध्यान और मंत्र-मुद्रा की मदद से आप हृदय संबंधी रोग, ब्लडप्रेशर, जोड़ों में दर्द जैसी 1-2 नहीं, बल्कि 48 बीमारियों से निजात पा सकते हैं. इसके लिए  डाउनलोड करें वैदिक हीलिंग मंत्र ऐप. जिसमें 48 बीमारियों से संबंधित 48 मंत्रों व मुद्राओं के साथ-साथ 48 रोगों के लिए गाइडेड मेडिटेशन टेक्नीक यानी ध्यान के तरीक़ों की भी जानकारी दी गई है. इस तरह आप मंत्र, मुद्रा व ध्यान विज्ञान की इस प्राचीन विद्या का लाभ उठाकर स्वस्थ-निरोगी जीवन पा सकते हैं. ये ऐप एंड्रॉयड व आइओएस दोनों के लिए उपलब्ध है. मेडिटेशन की इन ख़ास तकनीकों के बारे में जानने के लिए 14 दिनों का फ्री ट्रायल पीरियड आज ही ट्राई करें और हमेशा स्वस्थ रहें.

ऐप डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें: https://57218.app.link/lEdAgenBA3

Shilpi Sharma

Share
Published by
Shilpi Sharma

Recent Posts

पहला अफेयर- तीन दिवसीय प्यार! (Love Story- Teen Divasiy Pyar)

वो मोहित के स्टेशन आने की ख़ुशी और बिछड़ने के ग़म दोनों को शब्द नहीं…

July 4, 2025

कहानी- आपने कहा था (Short Story- Aapne Kaha Tha)

सांत्वना सिसक पड़ी. एक पल को चुप रह कर अविनाश ने कहा, "सांत्वना, आज से…

July 4, 2025
© Merisaheli