रिश्ते तो जीते जी भी मौत से बदतर हो जाते हैं तो यह ज़रूरी नहीं है कि गुडबाय कह देना.. अलविदा हो जाने की वजह…
रिश्ते तो जीते जी भी मौत से बदतर हो जाते हैं तो यह ज़रूरी नहीं है कि गुडबाय कह देना.. अलविदा हो जाने की वजह से ही सब कुछ ख़त्म हो जाता है. यादें तो ताउम्र रहती हैं दिलों में, प्यार में, अपनों में… लेखक, निर्देशक व निर्माता भी विकास बहल की फिल्म गुडबाय बहुत कुछ सोचने-समझने के लिए मजबूर कर देती है. जब एक परिवार की धुरी, ज़िंदगी से भरपूर पत्नी-मां गायत्री, नीना गुप्ता अपनों के बीच नहीं रहती, तब अपने उनकी सब बातों को सिलसिलेवार याद करते हैं.. काश.. अगर.. में कुछ उलझ जाते हैं…
गायत्री के पति हरीश भल्ला अपनी पत्नी के जाने की ग़म से अधिक आहत अपने बच्चों की असंवेदनशीलता, उपेक्षा, बेरुखी से होते हैं. अचानक एक दिन हंसती-खेलती, ज़िंदादिल से भरपूर परिवार को जोड़े रखनेवाली गायत्री हार्टअटैक से चल बसती हैं. ऐसे दुखद घड़ी में पति हरीश अपने चारों बच्चों, जो देश-विदेश में अलग-अलग जगहों पर हैं को मां के अंतिम संस्कार के लिए चंडीगढ़ आने के लिए बात करते हैं, तो उन्हें कई ग़मगीन कर देनेवाली बातों व जवाबों से दो-चार होना पड़ता है. एक तरफ़ पत्नी के जाने का ग़म, दूसरी तरफ़ बच्चों का रूखापन उन्हें तोड़ता चला जाता है. बेटी तारा रश्मिका मंदाना जो वकील है मुंबई में रहती है. अपनी जीत का जश्न मनाने में इस कदर मशगूल है कि पिता के बार-बार संपर्क करने पर भी अनदेखा कर देती है. लेकिन अगले दिन जब मां के चले जाने का पता चलता है, तो अपराधबोध से घिर जाती है.
बेटा पावेल गुलाटी जो विदेश में मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत है मां के देहांत पर क्रियाकर्म के समय भी अपने बिज़नेस के काम कर रहा है. इन जैसे लोगों का तो मानो यही फ़लसफ़ा हो कि काम रुकना नहीं चाहिए फिर चाहे कोई रहे ना रहे… दूसरा बेटा जो दुबई में है इस कदर मॉडर्न रंग में रंगा हुआ है कि मां के जाने के बाद बटर चिकन खाना हो या सेक्स करना हो इसमें कोई संकोच, हिचक या अपराधबोध महसूस नहीं होता. एक बेटा तो ऐसा पर्वतारोही बना हुआ है कि माउंटेनर के रूप में पहाड़ों में इस कदर गुम हो चुका है कि मां के अंतिम संस्कार हो जाने के बाद ही आना हो पाता है. अमिताभ बच्चन-नीना गुप्ता के चारों बच्चे अपनी-अपनी दुनिया में इस कदर मस्त हैं कि उन्हें अपनों की फ़िक्र का एहसास बहुत देर बाद होता है.
अमिताभ बच्चन के मित्र के रुप में आशीष विद्यार्थी ने भी बढ़िया काम किया है. सुनील ग्रोवर पंडित की भूमिका में प्रभावशाली रहे. अरुण बाली, एली अवराम, साहिल मेहता, शिविन नारंग, शयांक शुक्ला अन्य कलाकारों ने भी अपनी भूमिका बख़ूबी निभाई है.
अमित त्रिवेदी का संगीत मधुर है. फिल्म में 9 गाने हैं, खासकर जय काल महाकाल… गाना पहले से ही लोगों को ख़ूब पसंद आ रहा है.
अमिताभ बच्चन और नीना गुप्ता फिल्म की जान है. दोनों ही ने पति-पत्नी के रूप में ज़बरदस्त काम किया है और उनकी केमिस्ट्री देखते ही बनती है. नीना गुप्ता के जाने के बाद फ्लैशबैक में जब-जब उनका आना होता है, तो सुकून और ताज़गी महसूस होती है. रश्मिका मंदाना ने भी एक आधुनिक ख़्यालात की बेटी के क़िरदार को सहजता से निभाया है. अपनी पहली हिंदी फिल्म है उन्होंने काफ़ी मेहनत की है, जो दिखाई देती है. वैसे भी पुष्पा फिल्म की श्रीवल्ली से वैसे ही वे बेहद मशहूर हो चुकी हैं. पावेल गुलाटी ने बेटे के क़िरदार में अपने हर रंग को दिखाया है. अन्य दोनों बेटों के रूप में साहिल और आशुतोष ने अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है.
किसी की मृत्यु के बाद हमारे रीति-रिवाज़ क्या मायने रखते हैं और उनका क्या वैज्ञानिक कारण है फिल्म में से बख़ूबी दिखाया गया है. फिर चाहे वह नाक और कान में रुई डालना हो, पैरों के अंगूठे को आपस में मिलाकर बांधना हो या अस्थियों को गंगाजल में प्रवाहित करना हो… सबके अपनी मान्यताएं हैं और इसी को कहा जाता था अध्यात्म बनाम विज्ञान. इन पहलुओं को आज की पीढ़ी बहुत कम समझ पाती है या नासमझी का अभिनय करती है, इस पर भी तंज कसा गया है.
इस तरह के विषय पर पहले भी फिल्में बनी हैं, लेकिन गुडबाय अलग तरह की ताज़गी और गहराई का एहसास कराती है, ख़ासकर इस फिल्म के सभी कलाकार अभिनय न करके अपने क़िरदार के साथ जी रहे हो महसूस होता है.
विकास बहल जिन्होंने क्वीन और सुपर 30 जैसी लाजवाब फिल्में बनाई हैं, ने इस फिल्म की कहानी भी लिखी है. इससे जुड़ा उन्होंने वाकया बताया कि उनके बैंगलुरु के एक मित्र ने बताया था कि कैसे उनके पिता अपने जीवन की तरह अपनी मौत को भी उसी शिद्दत से जीने की ख़्वाहिश रखते हैं. इसी कारण वे अपने बेटे से कहते हैं कि मेरी मौत के बाद अंतिम क्रियाकर्म, और जो भी चीज़ें हैं वह सब एक ही दिन में निपटा देना. क्योंकि मरने के बाद भगवान श्रीकृष्ण से मेरा मिलना होगा. और मैं नहीं चाहता कि हर साल श्राद्ध पर याद कर तुम मुझे डिस्टर्ब करो.. यह तो वैसे ही होगा कि तुम किसी पार्टी में हो और मैं तुम्हें बार-बार फोन कर रहा हूं… इसी वाकये को विकास ने अपने अंदाज़ में लिखा. बस पिता की जगह उन्होंने मां को रखा. उनकी यह कहानी लोगों को ख़ूब पसंद आ रही है. एक ऐसी पारिवारिक फिल्म, जो कभी हंसाती है, कभी रुलाती है, और कभी गंभीर होकर कई पहलुओं पर सोचने पर मजबूर भी करती है.
रविंद्र सिंह भदौड़िया और सुधाकर रेड्डी की सिनेमैटोग्राफी बेहतरीन है. फिल्म में चंडीगढ़, ऋषिकेश के लोकेशन ख़ूबसूरत है.
इस फिल्म के निर्माता के रूप में अमिताभ बच्चन की ख़ुद की सरस्वती इंटरटेनमेंट कंपनी, एकता कपूर, शोभा कपूर और विकास बहल भी हैं.
फिल्म- गुडबाय
कलाकार- अमिताभ बच्चन, नीना गुप्ता, रश्मिका मंदाना, पावेल गुलाटी, आशीष विद्यार्थी, सुनील ग्रोवर, अरुण बाली, एली अवराम, साहिल मेहता
लेखक-निर्देशक- विकास बहल
निर्माता- सरस्वती एंटरटेनमेंट, शोभा कपूर, एकता कपूर, विकास बहल
रेटिंग- *** 3
Photo Courtesy: Instagram
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खूबसूरत तो हम सभी दिखना चाहते हैं और जब भी कोई त्योहार या बड़ा मौक़ा आता है तो हम कोशिश करते हैं कि अपनी ब्यूटी काख़ास ख़याल रखें. शादी के मौक़े पर भी हम अलग ही तैयारी करते हैं, लेकिन सवाल ये है कि सिर्फ़ विशेष मौक़ों पर ही क्यों, हर दिनखूबसूरत क्यों न लगें? है न ग्रेट आइडिया? यहां हम आपको बताएंगे डेली ब्यूटी डोज़ के बारे में जो आपको बनाएंगे हर दिन ब्यूटीफुल… स्किन को और खुद को करें पैम्पर फेशियल, स्किन केयर और हेयर केयर रूटीन डेवलप करें, जिसमें सीटीएम आता है- क्लेंज़िंग, टोनिंग और मॉइश्चराइज़िंग.स्किन को नियमित रूप से क्लींज़ करें. नेचुरल क्लेंज़र यूज़ करें. बेहतर होगा कि कच्चे दूध में थोड़ा-सा नमक डालकर कॉटनबॉल से फेस और नेक क्लीन करें.नहाने के पानी में थोड़ा दूध या गुलाब जल मिला सकती हैं या आधा नींबू कट करके डालें. ध्यान रहे नहाने का पानी बहुत ज़्यादा गर्म न हो, वरना स्किन ड्राई लगेगी. नहाने के लिए साबुन की बजाय बेसन, दही और हल्दी का पेस्ट यूज़ कर सकती हैं. नहाने के फ़ौरन बाद जब स्किन हल्की गीली हो तो मॉइश्चराइज़र अप्लाई करें.इससे नमी लॉक हो जाएगी. हफ़्ते में एक बार नियमित रूप से स्किन को एक्सफोलिएट करें, ताकि डेड स्किन निकल जाए. इसी तरह महीने में एक बार स्पा या फेशियल कराएं.सन स्क्रीन ज़रूर अप्लाई करें चाहे मौसम जो भी हो. इन सबके बीच आपको अपनी स्किन टाइप भी पता होनी चाहिए. अगर आपकी स्किन बेहद ड्राई है तो आप ऑयल या हेवी क्रीमबेस्ड लोशन या क्रीम्स यूज़ करें.अगर आपको एक्ने या पिम्पल की समस्या है तो आप हायलूरोनिक एसिड युक्त सिरम्स यूज़ करें. इसी तरह बॉडी स्किन की भी केयर करें. फटी एड़ियां, कोहनी और घुटनों की रफ़, ड्राई व ब्लैक स्किन और फटे होंठों को ट्रीट करें. पेट्रोलियम जेली अप्लाई करें. नींबू को रगड़ें, लिप्स को भी स्क्रब करें और मलाई, देसी घी या लिप बाम लगाएं. खाने के सोड़ा में थोड़ा पानी मिक्स करके घुटनों व कोहनियों को स्क्रब करें. आप घुटने व कोहनियों पर सोने से पहले नारियल तेल से नियमित मसाज करें. ये नेचुरल मॉइश्चराइज़र है और इससे कालापनभी दूर होता है. फटी एड़िययां आपको हंसी का पात्र बना सकती हैं. पता चला आपका चेहरा तो खूब चमक रहा है लेकिन बात जब पैरों की आईतो शर्मिंदगी उठानी पड़ी. फटी एड़ियों के लिए- गुनगुने पानी में कुछ समय तक पैरों को डुबोकर रखें फिर स्क्रबर या पमिस स्टोन से हल्के-हल्के रगड़ें.नहाने के बाद पैरों और एड़ियों को भी मॉइश्चराइज़र करें. चाहें तो पेट्रोलियम जेली लगाएं. अगर पैरों की स्किन टैन से ब्लैक हो है तो एलोवीरा जेल अप्लाई करें.नेल्स को नज़रअंदाज़ न करें. उनको क्लीन रखें. नियमित रूप से ट्रिम करें. बहुत ज़्यादा व सस्ता नेल पेंट लगाने से बचें, इससे नेल्स पीले पड़ जाते हैं.उनमें अगर नेचुरल चमक लानी है तो नींबू को काटकर हल्के हाथों से नाखूनों पर रगड़ें. नाखूनों को नियमित रूप से मॉइश्चराइज़ करें. रोज़ रात को जब सारे काम ख़त्म हो जाएं तो सोने से पहले नाखूनों व उंगलियों परभी मॉइश्चराइज़र लगाकर हल्के हाथों से मसाज करें. इससे ब्लड सर्कूलेशन बढ़ेगा. नेल्स सॉफ़्ट होंगे और आसपास की स्किनभी हेल्दी बनेगी.क्यूटिकल क्रीम लगाएं. आप क्यूटिकल ऑयल भी यूज़ कर सकती हैं. विटामिन ई युक्त क्यूटिकल ऑयल या क्रीम से मसाज करें.नाखूनों को हेल्दी व स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए नारियल या अरंडी के तेल से मालिश करें. इसी तरह बालों की हेल्थ पर भी ध्यान दें. नियमित रूप से हेयर ऑयल लगाएं. नारियल या बादाम तेल से मसाज करें. हफ़्ते में एक बार गुनगुने तेल से बालों की जड़ों में मालिश करें और माइल्ड शैम्पू से धो लें. कंडिशनर यूज़ करें. बालों को नियमित ट्रिम करवाएं. अगर डैंड्रफ या बालों का टूटना-झड़ना जैसी प्रॉब्लम है तो उनको नज़रअंदाज़ न करें. सेल्फ ग्रूमिंग भी है ज़रूरी, ग्रूमिंग पर ध्यान दें… रोज़ ब्यूटीफुल दिखना है तो बिखरा-बिखरा रहने से बचें. ग्रूम्ड रहें. नियमित रूप से वैक्सिंग, आईब्रोज़ करवाएं. ओरल व डेंटल हाईजीन पर ध्यान दें. अगर सांस से दुर्गंध आती हो तो पेट साफ़ रखें. दांतों को साफ़ रखें. दिन में दो बार ब्रश करें. कोई डेंटल प्रॉब्लम हो तो उसका इलाज करवाएं.अपने चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल हमेशा बनाकर रखें. अच्छी तरह ड्रेस अप रहें. कपड़ों को अगर प्रेस की ज़रूरत है तो आलस न करें. वेल ड्रेस्ड रहेंगी तो आपमें एक अलग ही कॉन्फ़िडेन्स आएगा, जो आपको खूबसूरत बनाएगा और खूबसूरत होने का एहसास भीजगाए रखेगा. अपनी पर्सनैलिटी और स्किन टोन को ध्यान में रखते हुए आउटफ़िट सिलेक्ट करें. एक्सेसरीज़ आपकी खूबसूरती में चार चांद लगा देती हैं. उनको अवॉइड न करें. मेकअप अच्छे ब्रांड का यूज़ करें, लेकिन बहुत ज़्यादा मेकअप करने से बचें. कोशिश करें कि दिन के वक्त या ऑफ़िस में नेचुरल लुक में ही आप ब्यूटीफुल लगें. फ़ुटवेयर भी अच्छा हो, लेकिन आउटफ़िट व शू सिलेक्शन में हमेशा कम्फ़र्ट का ध्यान भी ज़रूर रखें. आपके लुक में ये बहुतमहत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
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