कहानीः गली बॉय’ की कहानी बहुत ही इंस्पिरेशनल है. फिल्म मुंबई के धारावी की एक चॉल से शुरू होती है. मुराद (रणवीर सिंह) एक बहुत ही गरीब परिवार से आता है. उसके पिता (विजय राज) एक ड्राइवर है. मुराद को रैपिंग का बहुत शौक है लेकिन उसके घरवाले उसके इस जुनून के विरुद्ध है. सफीना (आलिया भट्ट) उसकी गर्लफ्रेंड है और उसे हर कदम पर सपोर्ट करती है. एम.सी शेरा (सिद्धांत चतुर्वेदी) मुराद की जिंदगी में एक फरिश्ते की तरह आता है और उसे उसके सपने पूरे करने की राह दिखता है. अपने ख्वाब पूरे करने की कोशिश में जुटा मुराद अब ‘गली बॉय’ के नाम से जाना जाता है. फिर कहानी में स्काई (कल्कि कोचलिन) की एंट्री होती है. स्काई फॉरेन के एक कॉलेज से म्यूज़िक की पढ़ाई कर रही होती है. वह गली बॉय और शेरा के साथ रैप वीडियोज़ बनाती है. इसके आगे गली बॉय को किस तरह सफलता मिलती है, ये जानने के लिए आपका इसका फिल्म को देखना आवश्यक है.
एक्टिंगः रणवीर ने एक बार फिर इस फिल्म से साबित कर दिया कि उन्हें कोई भी कैरेक्टर दिया जाए, वो उसे इस तरह निभाएंगे कि आप किसी और एक्टर को उस कैरेक्टर में सोच ही नहीं पाएंगे. रणवीर की रैपिंग देखकर आप भी चौंक जाएंगे. वहीं, आलिया का कैरेक्टर महिला सशक्तिकरण का मजबूत उदाहरण है. रणवीर और आलिया की क्यूट केमिस्ट्री फिल्म में दोनों किरदारों को नई ऊंचाई पर ले जाती है. कल्कि कोचलिन ने भी अपने किरदार के साथ पूरा न्याय किया है. अपनी पहली ही फिल्म में सिद्धांत चतुर्वेदी ने जता दिया है कि वे लंबी रेस के घोड़े हैं. विजय वर्मा और विजय राज के रोल छोटे हैं लेकिन इतने जानदार हैं कि इनके बिना फिल्म पूरी नहीं हो सकती थी.
निर्देशनः डायरेक्टर के तौर पर जोया अख्तर का काम काबिल-ए-तारीफ है. जोया अब तक जिंदगी ना मिलेगी दोबारा, दिल धड़कने दो जैसी बेहतरीन फिल्में बना चुकी हैं, ऐसे में इस फिल्म को लेकर पहले से ही काफी उम्मीदें थी और वे हमारी उम्मीदों पर पूरी तरह से आपकी उम्मीदों पर खरी उतरी हैं. इस फिल्म को जोया की बेहतरीन फिल्मों में से एक कहना गलत नहीं होगा. इस फिल्म में ऐसे कई सीन है, जिन्हें आप देखने के साथ-साथ महसूस कर पाएंगे.
क्या देखेंः फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष कलाकारों की शानदार एक्टिंग और गाने हैं. रैप कल्चर के दीवानों के लिए ये फिल्म ट्रीट है. गली बॉय के गाने मूवी रिलीज़ से पहले ही हिट हो चुके हैं. रणवीर ने अपने सिंगिंग टैलेंट का लोहा मनवाया है. उनकी आवाज में बने गाने शानदार बन पड़े हैं.
कमियांः यह फिल्म आम मसाला फिल्मों से हटकर है. जिन दर्शकों को टिपिकल मसाला फिल्में पसंद आती हैं. उन्हें शायद यह फिल्म देखकर निराशा होगी. फिल्म की गति थोड़ी धीमी है और कहानी बेहद सरल. इसका क्लाइमेक्स भी दर्शकों को निराश कर सकता है.
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