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होली में सावधान रहें केमिकल रंगों के अटैक से… (Play Safe Holi)

होली (Holi) मस्ती का, रंगों का और प्यार का त्योहार होता है. गिले-शिकवे भुलाने का और सबको अपना बनाने का इससे बेहतर मौक़ा शायद दूसरा नहीं होता. लेकिन इस रंग में भंग भी पड़ सकता है, अगर आपने सावधानी नहीं बरती तो. एक समय था, जब फूलों से या प्राकृतिक रंगों से होती खेली जाती थी. लेकिन जबसे केमिकलवाले रंगों (Chemical Colours) का चलन बढ़ा है, तब से स्किन प्राब्लम्स (Skin Problems) भी बढ़ी हैं. के. जे. सोमाया हॉस्पिटल (K J Somaya Hospital) के डर्मैटोलॉजी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर और हेड डॉ. शीतल पुजारे बता रही हैं स्किन प्रॉब्लम्स से जुड़ी ज़रूरी बातें.

 

– आर्टिफिशियल कलर्स में काफ़ी केमिकल्स होते हैं, जैसे- ब्लैक में लेड ऑक्साइड, ग्रीन में कॉपर सल्फेट, सिल्वर में एल्युमीनियम ब्रोमाइड, ब्लू में कॉबाल्ड नाइट्रेट, ज़िंक सॉल्ट्स और रेड में मरक्यूरि सल्फेट.
– इसके अतिरिक्त उनकी चमक बढ़ाने के लिए उनमें माइका डस्ट और ग्लास पार्टिकल्स भी मिलाए जाते हैं.
– ये तमाम चीज़ें त्वचा पर काफ़ी बुरा प्रभाव डालती हैं. आपको खुजली, त्वचा की ऊपरी परत निकलना, त्वचा का ड्राई होना और स्किन अल्सर तक हो सकता है.
– ये रंग आसानी से नहीं छूटते और स्किन पर व बालों में जम जाते हैं.
– अगर आपको पहले से ही त्वचा की कोई समस्या है, तो वो भी बढ़ सकती है. पिंपल्स से लेकर एक्ज़िमा की तकलीफ़ गंभीर हो सकती है.
– स्काल्प में जमा होने पर ये रंग हेयर फॉल को बढ़ा सकते हैं.
– आंखों में जलन-खुलजी हो सकती है. सांस की तकलीफ़ बढ़ सकती है.

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कैसे बचें इन रंगों के प्रभाव से?
– सबसे बेहतर उपाय है कि नेचुरल रंगों का प्रयोग करें.
– यदि यह संभव न हो, तो होली खेलने से पहले त्वचा और बालों पर तेल लगा लें.
– नाख़ूनों को छोटा रखें, ताकि रंग उनमें न जम सकें और नेल इनामिल लगाएं, जिससे रंगों से बचाव हो सके.
– आई वेयर आंखों को बचाने का बेहतर तरीक़ा है, यदि आंखों में रंग चला जाए, तो फ़ौरन पानी से आंख धोएं.
– कलर को छुड़ाने के लिए त्वचा को ज़ोर-ज़ोर से न रगड़ें. धीरे-धीरे रंग हल्के पड़ते जाएंगे.

किन स्थितियों में लें एक्सपर्ट की मदद?
– यदि आपको अत्यधिक स्किन एलर्जी, रेडनेस और खुजली बढ़ गई हो.
– अगर चेहरे पर सूजन आ गई हो.
– अगर सांस लेने में तकलीफ़ हो रही हो.
– बाल बहुत ज़्यादा झड़ने लगें या एक्ने एकदम से बढ़ जाएं.
– होंठों व नाख़ूनों का रंग नीला पड़ गया हो.

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Geeta Sharma

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