इसमें कोई दो राय नहीं है कि 'बिग बॉस 14' की लेडी बॉस रुबीना दिलैक हॉटनेस की क्वीन हैं, लेकिन वो समय-समय पर फैन्स के…
इसमें कोई दो राय नहीं है कि ‘बिग बॉस 14’ की लेडी बॉस रुबीना दिलैक हॉटनेस की क्वीन हैं, लेकिन वो समय-समय पर फैन्स के साथ अपने एंटरटेनिंग वीडियो भी शेयर करती रहती हैं, जिसका उन्हें बेसब्री से इंतज़ार रहता है. हाल ही में टीवी की किन्नर बहू रुबीना दिलैक ने अपने स्टाइलिस्ट के साथ मस्ती करते हुए एक नया वीडियो शेयर किया है. अपने लेटेस्ट वीडियो में रुबीना दिलैक ने फिर से अपना जलवा बिखेरते हुए ‘एक बार पेहरा हटा दे शराबी’ गाने पर जबरदस्त डांस किया है. एक्ट्रेस का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं.
रुबीना दिलैक ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम हैंडल से मस्तीभरा डांस वीडियो शेयर किया है, जिसमें वो लता मंगेशकर द्वारा गाए गए गाने ‘एक बार पेहरा हटा दे शराबी’ पर थिरकती हुई नज़र आ रही हैं. आपको बता दें कि यह गाना लता मंगेशकर की ‘दो घूंट मुझे भी पिला दे शराबी’ का रीमिक्स संस्करण है, जिसमें मूल रूप से मुमताज को दिखाया गया था. इस वीडियो में रुबीना मेकअप रूम में दिखाई दे रही हैं और वो अकेले ही डांस नहीं कर रही हैं, बल्कि उनकी स्टाइलिस्ट भी उनके साथ थिरकती दिख रही हैं. यह भी पढ़ें: रुबीना दिलैक ने ब्लू बिकिनी में बोल्ड तस्वीर शेयर कर पतिदेव से की शिकायत, बोलीं- छुट्टियों के लिए तरस गई हूं, चाहती हूं सिर्फ़ बीच, बिकिनी और कुछ…! (Rubina Dilaik Goes All Bold In Blue Bikini, Sets The Internet on Fire – See Pic)
वीडियो में एक्ट्रेस अपनी स्टाइलिस्ट से हेयर स्टाइल करवाती नज़र आ रही हैं, फिर एक और स्टाइलिश उन्हें दुपट्टा देने के लिए आती हैं. हालांकि रुबीना कंघी और दुपट्टा लेकर उन्हें फर्श पर गिरा देती हैं. इसके बाद वो ‘एक बार पेहरा हटा दे शराबी’ गाने पर जमकर डांस करने लगती हैं, जिसमें उनकी स्टाइलिस्ट भी साथ देती नज़र आती हैं. वीडियो में रुबीना ब्लैक कलर के कुर्ता-पायज़ामा में बेहद खूबसूरत लग रही हैं और वीडियो में उनके डांस मूव्स नज़र आ रहे हैं. वीडियो को शेयर करते हुए रुबीना ने कैप्शन लिखा है- ‘हम कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन ज्यादा खेलते हैं. मेरी लड़कियों को देखो.’
रुबीना दिलैक और अभिनव शुक्ला हाल ही में अभिनेता के माता-पिता के साथ रहने के लिए लुधियाना पहुंचे हैं. रुबीना ने अपने प्यारे पति के साथ तस्वीरें पोस्ट की और लिखा- 2 महीने 20 दिन, @ashukla09 मैंने आपके लिए हर एक दिन को मेरी तरफ से गिन लिया है और फिर आपके साथ सफर कर रही हूं. रुबीना ने अभिनव के साथ तस्वीरें पोस्ट कीं, जिनमें कपल लुधियाना के लिए रवाना होता दिख रहा था.
वहीं अभिनव शुक्ला ने भी रुबीना दिलैक के साथ यही तस्वीर इंस्टाग्राम पर शेयर की और लिखा- टाइम टू फ्लाई, मां के हाथों से बने आलू के पराठे खाने का इंतज़ार और 15 किलो आम खाने का टास्क है.
इससे भी पहले रुबीना ने ब्लू बिकिनी में अपनी हॉट फोटो शेयर की थी. इस तस्वीर में रुबीना पूल में उतरती नज़र आ रही हैं और उनका ग्लैमरस अंदाज़ देखते ही बन रहा है. उनके बिकिनी फिट फिगर को देख फैंस के भी होश उड़ गए. रूबीना ने इसके साथ कैप्शन में लिखा- छुट्टियों के लिए तरस गई हूं, चाहती हूं सिर्फ बीच, बिकिनी और कुछ तस्वीरें! इसके अलावा एक्ट्रेस ने इस फोटो को क्लिक करने का क्रेडिट अपने पतिदेव अभिनव शुक्ला को दिया. यह भी पढ़ें: रुबीना दिलैक के पति अभिनव शुक्ला के साथ ‘वन नाइट स्टैंड’ के आरोप पर सोफिया हयात ने तोड़ी चुप्पी, बताई रिश्ते की सच्चाई (Sofia Hayat Breaks Silence on The Allegation of ‘One Night Stand’ with Rubina Dilaik’s Husband Abhinav Shukla)
रुबीना दिलैक के वर्कफ्रंट की बात करें तो वो ‘बिग बॉस 14’ की विनर रह चुकी हैं, जिसमें वो अपने पति अभिनव शुक्ला के साथ नज़र आई थीं. फिलहाल वो टीवी सीरियल ‘शक्ति:अस्तित्व के एहसास की’ में नज़र आ रही हैं. इसके अलावा रुबीना को ‘छोटी बहू’, ‘कसम से’, ‘सास बिना ससुराल’, ‘पुनर्विवाह-एक नई उम्मीद’, ‘देवों के देव… महादेव’ और ‘जीनी और जुजू’ जैसे सीरियल्स में भी देखा जा चुका है.
बॉलीवुड के मोस्ट एलिजिबल बैचलर और हैंडसम हंक सलमान खान की फैन्स के बीच जबरदस्त…
“बच्चे हमारी ज़िंदगी का सबसे अहम् हिस्सा हैं. सोसायटी से कटकर ज़िंदगी जी जा सकती…
अपने बेबाक बयानों के लिए मशहूर कंगना रनौत ने हाल ही में फिल्म मेकर करण…
वैसे तो बॉलीवुड की कई रील लाइफ जोड़ियां दर्शकों के दिलों पर सालों से राज…
प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) के बाद अब सिंगर और म्यूजिक डायरेक्टर अमाल मलिक (Amaal Mallik)…
ये माना समय बदल रहा है और लोगों की सोच भी. समाज कहने को तो पहले से कहीं ज़्यादा मॉडर्न ही गया है. लाइफ़स्टाइल बदल गई, सुविधाएं बढ़ गईं, लग्ज़री चीजों की आदतें हो गई… कुल मिलाकर काफ़ी कुछ बदल गया है, लेकिन ये बदलाव महज़ बाहरी है, दिखावाहै, छलावा है… दिखाने के लिए तो हम ज़रूर बदले हैं लेकिन भीतर से हमारी जड़ों में क़ैद कुछ रूढ़ियां आज भी सीना ताने वहीं कि वहींऔर वैसी कि वैसी खड़ी हैं… थमी हैं… पसरी हुई हैं. जी हां, यहां हम बात वही बरसों पुरानी ही कर रहे हैं, बेटियों की कर रहे हैं, बहनों की कर रहे हैं और माओं की कर रहे हैं… नानी-दादी, पड़ोसन और भाभियों की कर रहे हैं, जो आज की नई लाइफ़स्टाइल में भी उसी पुरानी सोच के दायरों में क़ैद है और उन्हें बंदी बना रखा हैखुद हमने और कहीं न कहीं स्वयं उन्होंने भी. भले ही जीने के तौर तरीक़ों में बदलाव आया है लेकिन रिश्तों में आज भी वही परंपरा चली आ रही है जिसमें लड़कियों को बराबरी कादर्जा और सम्मान नहीं दिया जाता. क्या हैं इसकी वजहें और कैसे आएगा ये बदलाव, आइए जानें. सबसे बड़ी वजह है हमारी परवरिश जहां आज भी घरों में खुद लड़के व लड़कियों के मन में शुरू से ये बात डाली जाती है कि वोदोनों बराबर नहीं हैं. लड़कों का और पुरुषों का दर्जा महिलाओं से ऊंचा ही होता है. उनको घर का मुखिया माना जाता है. सारे महत्वपूर्ण निर्णय वो ही लेते हैं और यहां तक कि वो घर की महिलाओं से सलाह तक लेना ज़रूरी नहीं समझते. घरेलू कामों में लड़कियों को ही निपुण बनाने पर ज़ोर रहता है, क्योंकि उनको पराए घर जाना है और वहां भी रसोई में खाना हीपकाना है, बच्चे ही पालने है तो थोड़ी पढ़ाई कम करेगी तो चलेगा, लेकिन दाल-चावल व रोटियां कच्ची नहीं होनी चाहिए.ऐसा नहीं है कि लड़कियों की एजुकेशन पर अब परिवार ध्यान नहीं देता, लेकिन साइड बाय साइड उनको एक गृहिणी बनने कीट्रेनिंग भी दी जाती है. स्कूल के बाद भाई जहां गलियों में दोस्तों संग बैट से छक्के मारकर पड़ोसियों के कांच तोड़ रहा होता है तो वहीं उसकी बहन मां केसाथ रसोई में हाथ बंटा रही होती है.ऐसा नहीं है कि घर के कामों में हाथ बंटाना ग़लत है. ये तो अच्छी बात और आदत है लेकिन ये ज़िम्मेदारी दोनों में बराबर बांटीजाए तो क्या हर्ज है? घर पर मेहमान आ जाएं तो बेटियों को उन्हें वेल्कम करने को कहा जाता है. अगर लड़के घर के काम करते हैं तो आस-पड़ोस वाले व खुद उनके दोस्त तक ताने देते हैं कि ये तो लड़कियों वाले काम करता है.मुद्दा यहां काम का नहीं, सोच का है- ‘लड़कियोंवाले काम’ ये सोच ग़लत है. लड़कियों को शुरू से ही लाज-शर्म और घर की इज़्ज़त का वास्ता देकर बहुत कुछ सिखाया जाता है पर संस्कारी बनाने के इसक्रम में लड़के हमसे छूट जाते हैं.अपने घर से शुरू हुए इसी असमानता के बोझ को बेटियां ससुराल में भी ताउम्र ढोती हैं. अगर वर्किंग है तो भी घरेलू काम, बच्चों व सास-ससुर की सेवा का ज़िम्मा अकेले उसी पर होता है. ‘अरे अब तक तुम्हारा बुख़ार नहीं उतरा, आज भी राजा बिना टिफ़िन लिए ऑफ़िस चला गया होगा. जल्दी से ठीक हो जाओ बच्चेभी कब तक कैंटीन का खाना खाएंगे… अगर बहू बीमार पड़ जाए तो सास या खुद लड़की की मां भी ऐसी ही हिदायतें देती है औरइतना ही नहीं, उस लड़की को भी अपराधबोध महसूस होता है कि वो बिस्तर पर पड़ी है और बेचारे पति और बच्चे ठीक से खानानहीं खा पा रहे. ये चिंता जायज़ है और इसमें कोई हर्ज भी नहीं, लेकिन ठीक इतनी ही फ़िक्र खुद लड़की को और बाकी रिश्तेदारों को भी उसकीसेहत को लेकर भी होनी चाहिए. घर के काम रुक रहे हैं इसलिए उसका जल्दी ठीक होना ज़रूरी है या कि स्वयं उनकी हेल्थ केलिए उसका जल्दी स्वस्थ होना अनिवार्य है? पति अगर देर से घर आता है तो उसके इंतज़ार में खुद देर तक भूखा रहना सही नहीं, ये बात बताने की बजाय लड़कियों को उल्टेये सीख दी जाती है कि सबको खिलाने के बाद ही खुद खाना पत्नी व बहू का धर्म है. व्रत-उपवास रखने से किसी की आयु नहीं घटती और बढ़ती, व्रत का संबंध महज़ शारीरिक शुद्धि व स्वास्थ्य से होता है, लेकिनहमारे यहां तो टीवी शोज़ व फ़िल्मों में इन्हीं को इतना ग्लोरीफाई करके दिखाया जाता है कि प्रिया ने पति के लिए फ़ास्ट रखा तोवो प्लेन क्रैश में बच गया… और इसी बचकानी सोच को हम भी अपने जीवन का आधार बनाकर अपनी ज़िंदगी का अभिन्न हिस्साबना लेते हैं. बहू की तबीयत ठीक नहीं तो उसे उपवास करने से रोकने की बजाय उससे उम्मीद की जाती है और उसकी सराहना भी कि देखोइसने ऐसी हालत में भी अपने पति के लिए उपवास रखा. कितना प्यार करती है ये मेरे राजा से, कितनी गुणी व संस्कारी है. एक मल्टी नेशनल कंपनी में काम करने वाली सुप्रिया कई दिनों से लो बीपी व कमज़ोरी की समस्या झेल रही थी कि इसी बीचकरवा चौथ भी आ गया. उसने अपनी सास से कहा कि वो ख़राब तबीयत के चलते करवा चौथ नहीं कर पाएगी, तो उसे जवाब मेंये कहा गया कि अगर मेरे बेटे को कुछ हुआ तो देख लेना, सारी ज़िंदगी तुझे माफ़ नहीं करूंगी. यहां बहू की जान की परवाहकिसी को नहीं कि अगर भूखे-प्यासे रहने से उसकी सेहत ज़्यादा ख़राब हो गई तो? लेकिन एक बचकानी सोच इतनी महत्वपूर्णलगी कि उसे वॉर्निंग दे दी गई. आज भी हमारे समाज में पत्नियां पति के पैर छूती हैं और उनकी आरती भी उतारती दिखती हैं. सदा सुहागन का आशीर्वाद लेकरवो खुद को धन्य समझती हैं… पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद मिलने पर वो फूले नहीं समाती हैं… ऐसा नहीं है कि पैर छूकर आशीर्वाद लेना कोई ग़लत रीत या प्रथा है, बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद बेहद ज़रूरी है और ये हमारेसंस्कार भी हैं, लेकिन पति को परमेश्वर का दर्जा देना भी तो ग़लत है, क्योंकि वो आपका हमसफ़र, लाइफ़ पार्टनर और साथी है. ज़ाहिर है हर पत्नी चाहती है कि उसके पति की आयु लंबी हो और वो स्वस्थ रहे लेकिन यही चाहत पति व अन्य रिश्तेदारों कीलड़की के लिए भी हो तो क्या ग़लत है? और होती भी होगी… लेकिन इसके लिए पति या बच्चों से अपनी पत्नी या मां के लिए दिनभर भूखे-प्यासे रहकर उपवास करने कीभी रीत नहीं… तो फिर ये बोझ लड़कियों पर क्यों?अपना प्यार साबित करने का ये तो पैमाना नहीं ही होना चाहिए.बेटियों को सिखाया जाता है कि अगर पति दो बातें कह भी दे या कभी-कभार थप्पड़ भी मार दे तो क्या हुआ, तेरा पति ही तो है, इतनी सी बात पर घर नहीं छोड़ा जाता, रिश्ते नहीं तोड़े जाते… लेकिन कोई उस लड़के को ये नहीं कहता कि रिश्ते में हाथ उठानातुम्हारा हक़ नहीं और तुमको माफ़ी मांगनी चाहिए.और अगर पत्नी वर्किंग नहीं है तो उसकी अहमियत और भी कम हो जाती, क्योंकि उसके ज़हन में यही बात होती है कि जो कमाऊसदस्य होता है वो ही सबसे महत्वपूर्ण होता है. उसकी सेवा भी होनी चाहिए और उसे मनमानी और तुम्हारा निरादर करने का हक़भी होता है.मायके में भी उसे इसी तरह की सीख मिलती है और रिश्तेदारों से भी. यही कारण है कि दहेज व दहेज के नाम पर हत्या वआत्महत्या आज भी समाज से दूर नहीं हुईं.बदलाव आ रहा है लेकिन ये काफ़ी धीमा है. इस भेदभाव को दूर करने के लिए जो सोच व परवरिश का तरीक़ा हमें अपनाना हैउसे हर घर में लागू होने में भी अभी सदियों लगेंगी, क्योंकि ये अंतर सोच और नज़रिए से ही मिटेगा और हमारा समाज व समझअब भी इतनी परिपक्व नहीं हुईं कि ये नज़रिया बदलनेवाली नज़रें इतनी जल्दी पा सकें. पत्नी व महिलाओं को अक्सर लोग अपनी प्रॉपर्टी समझ लेते हैं, उसे बहू, बहन, बेटी या मां तो समझ लेते हैं, बस उसे इंसान नहींसमझते और उसके वजूद के सम्मान को भी नहीं समझते.गीता शर्मा