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Movie Review: हौसले व संघर्ष की कहानी है फिल्म सूरमा, दिलजीत ने जीता दर्शकों का दिल (Soorma Movie Review)

नेशनल हॉकी टीम के कैप्टन और अर्जुन अवॉर्ड विनर संदीप सिंह के जीवन पर बनी फिल्म ‘सूरमा’ (Soorma) आज सिनेमा घरों में रिलीज़ हुई है. डायरेक्टर शाद अली की इस फिल्म में संदीप सिंह का किरदार निभाते दिख रहे हैं मशहूर पंजाबी एक्टर और सिंगर दिलजीत दोसांझ (Diljit Dosanjh). तो चलिए, ज़िंदगी और मौत के बीच हौसले व संघर्ष की गाथा को बयान करती इस फिल्म के बारे में विस्तार से जानते हैं.

मूवी- सूरमा.

स्टार कास्ट- दिलजीत दोसांझ, तापसी पन्नू, अंगद बेदी, विजय राज, दानिश हुसैन.

डायरेक्टर- शाद अली.

अवधि- 2 घंटे 11 मिनट.

रेटिंग- 3/5.

कहानी- 

फिल्म की कहानी साल 1994 के शाहाबाद से शुरू होती है, जहां संदीप सिंह (दिलजीत दोसांझ) अपने बड़े भाई विक्रमजीत सिंह (अंगद बेदी), पिता (सतीश कौशिक) और मां के साथ रहता है. दोनों भाईयों का यही सपना है कि वो भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा बनें, लेकिन कोच के सख़्त रवैए से नाराज़ होकर संदीप अपने इस सपने से पीछे हटने लगता है. अचानक एक दिन संदीप की मुलाक़ात महिला हॉकी खिलाड़ी हरप्रीत (तापसी पन्नू) से होती है और उसे पहली नज़र में ही उससे प्यार हो जाता है.

हरप्रीत ही संदीप के दिल में एक बार फिर से हॉकी खेलने का जज़्बा जगाती है और उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है. जिससे एक बार फिर हॉकी प्लेयर बनना संदीप के जीवन का मक़सद बन जाता है और इसमें उसके बड़े भाई विक्रमजीत सिंह भी उसका पूरा साथ देता है, लेकिन इस कहानी में दिलचस्प मोड़ तब आता है, जब अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए संदीप सिंह ट्रेन से सफर करते हैं, तब गलती से वो किसी की गोली का शिकार हो जाते हैं और उनके शरीर के नीचे का हिस्सा पैरालाइज्ड हो जाता है. यही से शुरू होता है संदीप सिंह की ज़िंदगी का असली संघर्ष, लेकन अपने हौसले के दम पर वो एक बार फिर मैदान में वापस लौटने में कामयाब रहते हैं.

एक्टिंग- 

फिल्म में हॉकी प्लेयर बनें दिलजीत दोसांझ ने संदीप सिंह का किरदार बेहतरीन ढंग से निभाया है. फिल्म में उन्होंने जैसा अभिनय किया है वह बेहतरीन है. वो अपने किरदार के हर भाव और लम्हे को जीते और जीवंत करते दिखाई देते हैं. जबकि तापसी पन्नू हर बार की तरह इस बार भी एक्टिंग में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देती दिख रही हैं. अंगद बेदी ने संदीप के बड़े भाई के रूप में अच्छा काम किया है. वहीं सतीश कौशिक ने पिता और विजय राज ने कोच की भूमिका बखूबी निभाई है.

डायरेक्शन- 

डायरेक्टर शाद अली ने फिल्म के फर्स्ट हाफ में संदीप सिंह के हॉकी प्लेयर बनने की कहानी को दिखाया है. इंटरवल के पहले की कहानी आपको भावुक कर सकती है. शाद ने इसमें कस्बे के छोटे-छोटे लम्हों और फिल्म के मुख्य कलाकारों के रोमांस को अच्छी तरह से पर्दे पर उतारा है. फिल्म में हॉकी से जुड़े कई सीन हैं जो दर्शकों को पसंद आएंगे. फिल्म का स्क्रीनप्ले कमाल का है. सिनेमेटोग्राफी अच्छी है और फिल्म के कुछ वाकये देखकर आप ख़ुद को इमोशनल होने से नहीं रोक पाएंगे. हालांकि फिल्म का म्यूज़िक अपना कमाल दिखाने में पूरी तरह से कामयाब नहीं हो पाया है.

बहरहाल अगर आप यह जानने में दिलचस्पी रखते हैं कि नेशनल हॉकी प्लेयर संदीप सिंह की ज़िंदगी में कब, क्या और कैसे हुआ, तो इस वीकेंड आप यह फिल्म देख सकते हैं.

फिल्म- तेरी भाभी है पगले.
स्टार कास्ट- कृष्णा अभिषेक, रजनीश दुग्गल, मुकुल देव, नाज़िया हसन.
डायरेक्टर- विनोद तिवारी.
रेटिंग- 1.5/5.
रिव्यू-  फिल्म ‘तेरी भाभी है पगले’ बतौर डायरेक्टर विनोद तिवारी की डेब्यू फिल्म है. इस फिल्म में रजनीश दुग्गल फिल्म मेकर देव का किरदार निभा रहे हैं. जो अपनी फिल्म के लिए अपनी गर्लफ्रेंड रागिनी ( नाज़िया हसन) को मुख्य कलाकार को तौर पर कास्ट कर लेता है, जबकि कृष्णा अभिषेक इसमें मूवी स्टार राज का किरदार निभा रहे हैं और मुकुल देव अंडरवर्ल्ड फाइनांसर अरु भाई बने हैं.
इस फिल्म के मेल किरदारों का एक ही महिला रागिनी पर दिल आ जाता है और हर कोई उसका दिल जीतने की कोशिश करता है. पूरी फिल्म में बस इसी जद्दोजहद को दिखाया गया है . फिल्म की स्क्रिप्ट से लेकर डायलॉग्स तक की हर कड़ी बेहद कमज़ोर नज़र आती है. यहां हैरत की बात तो यह है कि लोगों को हंसा-हंसाकर लोट-पोट करने वाले एक्टर कृष्णा अभिषेक भी दर्शकों को हंसाने में नाकाम दिख रहे हैं, लेकिन मुकुल देव ने बेहतरीन एक्टिंग की है. अगर आप इस वीकेंड सिर्फ़ टाइम पास करने के मूड में हैं तो यह फिल्म देख सकते हैं.
Merisaheli Editorial Team

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