Others

कहानी- चक्कर पे चक्कर (Story- Chakkar Pe Chakkar)

मम्मी-पापा की अकाल मृत्यु के बाद नरेन भैया ही तो उसके सब कुछ थे. उसे पढ़ा-लिखाकर अपने पैरों पर खड़ा करने में उन्होंने मानो ख़ुद को होम कर डाला था. अब 6 महीने वह कैसे रहेेगी उनके बिना? वान्या ने किसी तरह अपने आंसुओं को रोका.

वान्या आज फिर बिगड़े मूड में घर लौटी थी. ऑफिस में उसकी बॉस की हर काम में नुक्स निकालने और टोकने की आदत ने उसे बुरी तरह चिढ़ा दिया था. वह भी पलटकर जवाब देने से ख़ुद को नहीं रोक पाई थी, जिससे तक़रार बढ़ती ही चली गई थी.
“बाईजी, यह इधर पलंग के नीचे कचरा क्यों छोड़ दिया है? आप ढंग से झाड़ू नहीं लगा सकतीं?” वान्या की ऑफिस की खीझ घर लौटते ही कामवाली बाई पर उतर गई थी.
“नज़र कमज़ोर हो गई है, इसलिए छूट गया होगा. अभी फिर से बुहार लेती हूं.”
“यह क्या? आपने ग्लास अभी तक नहीं धोए? कहा था न, पहले ग्लास धो लेना.”
“अभी धो देती हूं. भूल गई थी. अगले सप्ताह बेटी की शादी है न, तो चौबीसों घंटे दिमाग़ उसी में उलझा रहता है.” बाईजी के सहज विनम्रतापूर्ण प्रत्युत्तरों ने वान्या को निरुत्तर कर दिया था. दिमाग़ कुछ सोचने को विवश हो गया था.
अगले दिन से वान्या का पूर्णतः परिवर्तित रवैया देख मैडम हैरान थीं. वे कितनी भी ग़लतियां निकाल लें, वान्या हर बार नम्रता से यही कहती थी, ‘अभी ठीक कर लाती हूं मैडम! अभी पूरा कर देती हूं.’ मैडम का ग़ुस्सा पहले हैरानी और अब मुस्कुराहट में तब्दील होने लगा था, लेकिन छुट्टियों के मामले में अभी भी उनका रवैया सख़्त ही था. छुट्टी के नाम से ही उनकी त्यौरियां चढ़ जाती थीं. उनकी यही आदत वान्या की चिंता का कारण बनी हुई थी. नरेन भैया 6 महीने के प्रशिक्षण के लिए जर्मनी जा रहे थे. उनकी फ्लाइट मुंबई से ही थी. वान्या के बहुत ज़ोर देने पर उन्होंने दो दिन मुंबई रुकने का आग्रह स्वीकार कर लिया था. वान्या ने दो दिन भैया के संग मुंबई भ्रमण की योजना तो बना डाली, लेकिन अब सोच रही थी कि मैडम से छुट्टी मांगने के लिए आख़िर क्या बहाना बनाए?
वान्या को याद आया कि मैडम एक-दो बार उससे पूछ चुकी हैं कि क्या उसका रिश्ता तय हो चुका है या वो किसी को डेट कर रही है? ‘नहीं’ कहते हुए भी वह सकपका गई थी. तब मैडम ने उसे यह कहकर आश्‍वस्त किया था कि ‘मेरी ज़िम्मेदारी अपने सहयोगियों और अधीनस्थों को स़िर्फऑफिस में ही तनावमुक्त रखने से समाप्त नहीं हो जाती, उनकी कोई व्यक्तिगत समस्या उन पर हावी होकर उनके काम को प्रभावित करे, इससे पहले ही उसे सुलझाना भी मैं अपनी ज़िम्मेदारी समझती हूं.’
मैडम की इसी कमज़ोरी का फ़ायदा उठाते हुए वान्या ने छुट्टी का बहाना खोज निकाला. “मैडम घरवालों ने मेरे लिए एक लड़का पसंद किया है. वही मुझसे मिलने आ रहा है, इसलिए छुट्टी चाहिए थी.”
“कौन लड़का है? कहां से आ रहा है? क्या करता है?” अप्रत्याशित प्रश्‍नों की बौछार से वान्या घबरा गई. ये सब तो उसने सोचा ही नहीं था. कुछ नहीं सूझा, तो उसने नरेन भैया की जानकारी ही लड़के के रूप में दे डाली.
“ठीक है, पर मंडे को आ जाना.”
कैसी हिटलर बॉस मिली है! यही सोचते हुए थके क़दमों से वान्या अपनी सीट की ओर बढ़ने लगी… शायद ‘सास’ नामक जंतु भी ऐसा ही होता होगा.
दो दिन नरेन भैया के संग घूमने में निकल गए. आज शाम की फ्लाइट से उन्हें जर्मनी जाना था. ऑफिस जाने से पूर्व उनसे विदा लेते हुए वान्या का मन भर आया. मम्मी-पापा की अकाल मृत्यु के बाद नरेन भैया ही तो उसके सब कुछ थे. उसे पढ़ा-लिखाकर अपने पैरों पर खड़ा करने में उन्होंने मानो ख़ुद को होम कर डाला था. अब 6 महीने वह कैसे रहेेगी उनके बिना? वान्या ने किसी तरह अपने आंसुओं को रोका.
“आप व़क़्त से एयरपोर्ट निकल जाना भैया. मैं भी समय रहते वहां पहुंचने की कोशिश करूंगी.”
“अरे तू रहने दे. परेशान मत हो. मैं चला जाऊंगा.”
ऑफ़िस पहुंची, तो पता लगा कि मैडम आज छुट्टी पर थीं. छुट्टी के नाम पर सबकी छुट्टी कर देनेवाली मैडम ने आज ख़ुद छुट्टी कैसे ले ली? ख़ैर उसने जल्दी-जल्दी काम समाप्त कर भैया को विदा करने एयरपोर्ट के लिए निकलने की ठानी. आंखें बार-बार घड़ी की सुइयों की ओर उठ जातीं. बस, यह अंतिम फाइल, फिर वह निकल जाएगी. तभी उसका मोबाइल बज उठा. मैडम का फोन था. देखते ही उसकी जान सूख गई. ओह, अब ये ढेर सारे काम बता देंगी. मन मारकर उसने फोन उठाया. “गुड आफ्टरनून मैम!”
“वान्या, ऑफिस में हो?”
“यस मैम!”
मैडम ने उसे पहले तो एक आवश्यक फाइल देखने का निर्देश दिया, फिर बोलीं, “मैं अपने बेटे को छोड़ने एयरपोर्ट जा रही हूं, इसलिए आज ऑफिस नहीं आ पाई. कल ऑफिस पहुंचते ही सबसे पहले यही फाइल चेक करूंगी. और हां, उस लड़के का क्या नाम बताया था तुमने, जिससे रिश्ता तय हुआ है… ? हां नरेन! उसकी भी फ्लाइट का समय यही था न? तुम विदा करने नहीं जा रही? चलो, हम उधर से ही गाड़ी निकाल देंगे. तुम तैयार रहना, साथ चलेंगे. बाय!”
वान्या तो हाथ में फोन थामे बैठी रह गई. उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह इस ख़बर से ख़ुश हो या परेशान? कहीं मैडम उसकी तहक़ीक़ात तो नहीं कर रही हैं? क्या करूं? मैडम के संग जाऊं या नहीं? उन्हें मना कर दूं और अलग से निकल जाऊं? लेकिन वहां उन्होंने मुझे देख लिया तो? हो सकता है उनका बेटा और भैया एक ही फ्लाइट में हों और यदि मैडम ने भैया को और कुछ समझकर पूछताछ आरंभ कर दी तो? भैया मेरे बारे में क्या सोचेंगे? मैं तो वहीं शर्म से ज़मीन में गड़ जाऊंगी. तो फिर जाऊं ही न? लेकिन भैया से वादा किया है. ऊपर से भले ही भैया ने मना किया हो, पर अंत तक उनकी नज़रें मुझे ही तलाशती रहेंगी. मैं ज़रूर जाऊंगी, जो होगा, देखा जाएगा. पहले यह फाइल तो निपटा लूं. घर बैठे भी चैन नहीं है मैडम को.
वान्या ने फाइल निबटाई ही थी कि मोबाइल पर मेसेज आ गया. मैडम नीचे इंतज़ार कर रही थीं. फटाफट बैग समेटकर वान्या नीचे भागी. गाड़ी में मैडम के संग बैठे स्मार्ट से नवयुवक को एकटक अपनी ओर देखते पाकर वान्या झेंप-सी गई. मैडम ने उसे आगे बैठने का इशारा किया, तो वह सकुचाई-सी, नज़रें झुकाए ही दरवाज़ा खोलकर बैठ गई.
“चलें वान्या?” ड्राइविंग सीट से पुकार उठी, तो वान्या बुरी तरह चौंक उठी.
“भैया…” वह विस्फारित नेत्रों से ड्राइविंग सीट पर विराजमान नरेन भैया और पीछे बैठे लोगों को ताकने लगी. वे तीनों हंस-हंसकर लोटपोट हुए जा रहे थे. बड़ी मुश्किल से नरेन भैया ने अपनी हंसी पर क़ाबू पाकर बोलना आरंभ किया, “तुम क्या सोच रही थी कि तुम्हीं हम सबको चक्कर में डाल सकती हो? देखो, हमने तुम्हें चक्कर पे चक्कर में डाल दिया. तुमने भले ही छुट्टी लेने के लिए रिश्ता तय हो जाने का बहाना बनाया हो, पर मैं वाक़ई तुम्हारा रिश्ता तय करने ही आया था. यह समीर है, मेरा दोस्त. मेरे ही साथ काम करता है और हम दोनों ही प्रशिक्षण के लिए जर्मनी जा रहे हैं. फेसबुक पर यह तुम्हें देख चुका था और मुझे भी तुम्हारे लिए यह उपयुक्त पात्र लगा.”
वान्या का चेहरा शर्म से लाल हो उठा था, पर नरेन का संवाद जारी था. “…जर्मनी जाने से पहले मैं इस दोस्ती को रिश्ते में बदलना चाहता था, इसलिए समीर की मां से अनुमति लेने चला आया. मुझे नहीं मालूम था कि वे ही तुम्हारी बॉस हैं?”
“और मुझे भी कहां मालूम था कि तुम वान्या के भाई हो? मैं तो समीर के लिए वान्या को पहले ही पसंद कर चुकी थी. इतनी सुशिक्षित, समझदार, मेहनती लड़की पहली ही नज़र में मुझे बहू के रूप में भा गई थी. वो तो इसकी परीक्षा लेने के लिए मैं इस पर बार-बार झल्लाती थी, कमियां निकालती थी, पर यह झील की मानिंद शांत बनी रही, तो मैं इस पर और भी मोहित हो गई…” वान्या ने मन ही मन अपनी कामवाली बाई को धन्यवाद दिया.
“…लेकिन जैसे ही इसने मुझे अपना रिश्ता तय होने की बात बताई, मुझे अपने सपने बिखरते नज़र आने लगे और बौखलाहट में ही मैंने लड़के की पूरी तहक़ीक़ात कर डाली. लड़का योग्य और गुणी है जानकर मैं और भी परेशान हो गई, क्योंकि वान्या किसी भी रूप में अब मुझे अपनी बहू बनती नज़र नहीं आ रही थी.” फिर वे वान्या की ओर मुख़ातिब हो बोलने लगीं, “आज सुबह वह समीर के दोस्त के रूप में अपनी बहन यानी तुम्हारा रिश्ता समीर के लिए लेकर आया और तुम्हारे बारे में बताने लगा, तो मैं चौंक उठी.”
“यह लड़की तो मेरे ही अधीन काम करती है.” और फिर जब मैंने यह बताया कि यह लड़की तो मंगेतर के साथ व़क़्त बिताने के लिए दो दिन की छुट्टी लेकर गई है, तो तुम्हारे नरेन भैया के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी थीं.
“सॉरी भैया!” वान्या की गर्दन शर्म से झुक गई थी. “परिस्थिति ही कुछ ऐसी बन गई थी कि मुझे और कुछ सूझा ही नहीं.”
“तेरे इस झूठ ने मुझे तो हिला ही डाला था. मुझे लगा कि मैं ही बड़े भाई का कर्त्तव्य निबाहने में चूक गया, लेकिन जब इन्होंने लड़के के तौर पर मेरा ही नाम और जानकारी दी, तो हम समझ गए कि कुछ गड़बड़ है.”
“मैंने ही अंदाज़ा लगाया कि मेरी सख़्ती से घबराकर तुमने तुरत-फुरत यह झूठ गढ़ डाला है. कुछ क्षणों को तो तुमने हम सबको चक्कर में ही डाल दिया था, इसलिए हमने भी फिर यह चक्रव्यूह रचा.”
“जाने-अनजाने में मैंने आप सबको तकलीफ़ पहुंचाई. मुझे माफ़ कर दीजिए.”
“नहीं, सज़ा तो तुम्हें भुगतनी होगी. मेरी बहू बनने की सज़ा… बोलो, मंज़ूर है?”
“ज… जी मैडम.”
“मैडम नहीं, अब से मुझे मम्मी कहोगी.”
“ज… जी मम्मीजी.”
हंसी का सम्मिलित ठहाका एक बार फिर से गूंज उठा, पर इस बार उसमें वान्या भी शामिल हो गई थी.

 

           संगीता माथुर

 

 

अधिक शॉर्ट स्टोरीज के लिए यहाँ क्लिक करेंSHORT STORIES
Usha Gupta

Share
Published by
Usha Gupta

Recent Posts

हास्य काव्य- मैं हुआ रिटायर… (Hasay Kavay- Main Huwa Retire…)

मैं हुआ रिटायरसारे मोहल्ले में ख़बर हो गईसब तो थे ख़ुश परपत्नी जी ख़फ़ा हो…

April 12, 2024

अक्षय कुमार- शनिवार को फिल्म देखने के लिए सुबह का खाना नहीं खाता था… (Akshay Kumar- Shanivaar ko film dekhne ke liye subah ka khana nahi khata tha…)

अक्षय कुमार इन दिनों 'बड़े मियां छोटे मियां' को लेकर सुर्ख़ियों में हैं. उनका फिल्मी…

April 12, 2024

बोनी कपूर यांनी केले ८ महिन्यात १५ किलो वजन कमी (Boney Kapoor Lost 15 Kg Weight By Following These Tips)

बोनी कपूर हे कायमच चर्चेत असणारे नाव आहे. बोनी कपूर यांचे एका मागून एक चित्रपट…

April 12, 2024

कामाच्या ठिकाणी फिटनेसचे तंत्र (Fitness Techniques In The Workplace)

अनियमित जीवनशैलीने सर्व माणसांचं आरोग्य बिघडवलं आहे. ऑफिसात 8 ते 10 तास एका जागी बसल्याने…

April 12, 2024

स्वामी पाठीशी आहेत ना मग बस…. स्वप्निल जोशीने व्यक्त केली स्वामीभक्ती ( Swapnil Joshi Share About His Swami Bhakti)

नुकताच स्वामी समर्थ यांचा प्रकट दिन पार पडला अभिनेता - निर्माता स्वप्नील जोशी हा स्वामी…

April 12, 2024
© Merisaheli