“शायद आप ठीक कहते हैं. हम इंसान हैं. जिस तरह ज़िंदा रहने के लिए खाना ज़रूरी होता है, उसी तरह…
मेरी शादी में तो जैसे ही किसी रिश्तेदार का आगमन होता, मां और पापा दोनों ही दौड़कर उनके आतिथ्य सत्कार…
“राधिका, तेरी तरह सबके पास तो व़क्त नहीं है कि घंटों जाकर लोगों के पास बैठो. इस तरह बैठने से…