“वे भविष्य में भी ऐसे ही समझदार और ज़िम्मेदार बने रहें, इसके लिए हमें भी तो अपनी ज़िम्मेदारी समझदारी से…
‘’बचपन से लेकर वृद्धावस्था तक कभी पिता, कभी पति, तो कभी बेटे के अंकुश में रहते-रहते वह भूल ही जाती…
“हां, सरसरी तौर पर ही देखे थे. डिटेल पढ़कर देखता हूं. वैसे तुमने उसे अपनी ओर से तो सावधान रहने…