कहानी- नई राह नई मंज़िल

कहानी- नई राह नई मंज़िल 3 (Story Series- Nayi Raah Nayi Manzil 3)

“हर उम्र की अपनी एक सोच होती है. ग़लत कुछ भी नहीं है. ग़लत स़िर्फ यह है कि उम्र के…

December 5, 2018

कहानी- नई राह नई मंज़िल 2 (Story Series- Nayi Raah Nayi Manzil 2)

घर से तो निकल आई थी, अब कहां जाए, क्या करे, कुछ समझ नहीं आ रहा था. बस, निरुद्देश्य सड़क…

December 4, 2018

कहानी- नई राह नई मंज़िल 1 (Story Series- Nayi Raah Nayi Manzil 1)

संध्या को लगा, पूरा घर जैसे घूम रहा है. उसने दीवार का सहारा न लिया होता, तो शायद चक्कर खाकर…

December 3, 2018
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