तभी श्लोका के मन मे हूक उठी. ‘जीवन को जटिल समझो, तो उसे जीना कितना मुश्किल लगता है. एक पेड़…
“तुम बनोगी उसकी भाभी?” व्योमेष ने सीधे पूछा, तो श्लोका सकपका गई. “मैंने इस बारे में अभी सोचा नहीं हैं.”…
व्योमेष के प्रति बढ़ते आकर्षण के कारण वह अंदर से भयभीत थी. जिस रिश्ते में एक बार बंधकर उसने सब…
“अभी मैं कुछ नहीं कह सकती यह तो वक़्त ही बताएगा कि हमें भविष्य में मिलना चाहिए या नहीं.” श्लोका…